Kolhapur Jail Crime News Today: 1993 बॉम्बे ब्लास्ट के दोषी की कोल्हापुर जेल में हत्या
1993 Bombay blast convict murdered in Kolhapur jail
Kolhapur Jail Crime News Today: कोल्हापुर (Kolhapur) की कलंबा सेंट्रल जेल (Kalamba Central Jail) के पांच कैदियों ने रविवार सुबह 1993 के बॉम्बे सीरियल ब्लास्ट मामले (bombay serial blasts case) में दोषी (दोषी) ठहराए गए 59 वर्षीय एक अन्य कैदी पर हमला कर उसकी हत्या (murder) कर दी।
मुन्ना, जिसके ज्ञात उपनाम मोहम्मद अलीखान (mohammad alikhan) और मनोजकुमार भवरलाल गुप्ता (Manojkumar Bhavarlal Gupta) थे, सुबह 7 बजके 55 मिनट पर जेल के स्नान कुएँ (Bath wells) के पास ड्रेनेज चेंबर (Drainage Chamber) के कंक्रीट और धातु के कवर (Concrete and metal covers) से पीटा गया।
सीबीआई (CBI) ने मुन्ना के खिलाफ मुंबई के एसटीएफ थाने (STF Police Station) में आतंकवादी और विध्वंसकारी गतिविधियां (Terrorist and subversive activities) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था। उसे 2013 में कलंबा सेंट्रल जेल लाया गया था। उससे पहले वह मुंबई के आर्थर रोड जेल (Arthur Road Jail in Mumbai) में बंद था।
हमलावरों की पहचान बबलू (अल्लाह संदीप शंकर चव्हाण), प्रतीक (उर्फ पिल्या सुरेश पाटिल), ऋतुराज (उर्फ देग्या विनायक इनामदार), सौरभ विकास सिद्ध और दीपक नेताजी खोत के रूप में हुई है। बबलू, प्रतीक और ऋतुराज को महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (Maharashtra Control of Organised Crime Act – MCOCA) के तहत गिरफ्तार किया गया है, जबकि सौरभ और दीपक न्यायिक हिरासत (judicial custody) में हैं। रविवार की सुबह, पांचों लोग मुन्ना के पास पहुंचे, जो नहाने के लिए कुएं पर आया था, और उस पर हमला कर दिया। मुन्ना को गहरे घाव (Deep wounds) लगे और बहुत खून बहने लगा। एक जेल कर्मचारी ने बीच-बचाव करने की कोशिश की, लेकिन उस पर भी हमला किया गया।
उप महानिरीक्षक (कारागार) स्वाती साठे (Deputy Inspector General Swati Sathe) ने कहा, “हम अभी तक हमले के पीछे के मकसद का पता नहीं लगा पाए हैं, लेकिन कैदियों की सुरक्षा हमारी मुख्य चिंता है। बॉम्बे सीरियल ब्लास्ट मामले के चार दोषी वर्तमान में कलंबा में बंद हैं। उनकी सुरक्षा के लिए, हम उन्हें नियमित कैदियों (Regular prisoners) से अलग रखेंगे। यदि आवश्यक हुआ, तो हम उन्हें अन्य जेलों में स्थानांतरित (transfer) करेंगे। हम जेल में सीसीटीवी कवरेज भी बढ़ाएंगे।”
बॉम्बे ब्लास्ट के दोषी को कोल्हापुर जेल में पीट-पीटकर मार डाला, जो टाइगर मेमन का सहयोगी था
पांच हमलावरों के खिलाफ जूना राजवाड़ा पुलिस स्टेशन (Police Station Juna Rajwada) में आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 353 (सरकारी कर्मचारी पर हमला), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 143 (अवैध रूप से एकत्र होना), 147 (दंगा), 148 (सशस्त्र दंगा), 149 (अपराध करने का साझा उद्देश्य) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
प्राथमिक जांच (preliminary investigation) में पता चला है कि हमलावरों और मृतक के बीच काफी समय से दुश्मनी चल रही थी।
जूना राजवाड़ा पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर संजीवकुमार जादे (Inspector Sanjeev Kumar Jade) ने बताया, “हम हमलावरों की हिरासत के लिए अदालत से अनुमति मांगने जा रहे हैं। हत्या के पीछे का मकसद जांच के बाद पता चलेगा।”
कलंबा जेल खराब सुरक्षा के लिए जानी जाती है
कलंबा सेंट्रल जेल पिछले कुछ सालों से विवादों में घिरी हुई है। अधिकारियों ने जेल के अंदर से गांजा (Ganja), मोबाइल फोन (mobile phones) और सिम कार्ड (SIM cards) जैसे प्रतिबंधित मादक पदार्थ (banned narcotics) बरामद किए हैं। हाल ही में जेल से 200 से अधिक सेलफोन बरामद किए गए। महानिदेशक (कारागार) अमिताभ गुप्ता (Amitabh Gupta) ने जेल में सुरक्षा की अनदेखी करने के लिए दो अधिकारियों सहित 11 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया था।
मुन्ना एक आदतन भगोड़ा (habitual fugitive) और अपराधी था, जिसने 1993 के धमाकों से पहले, सीरियल धमाकों (Serial blasts) के मुख्य आरोपी टाइगर मेमन (prime accused tiger memon) को शेखड़ी में हथियार (Arms), गोला-बारूद (ammunition), हथगोले (grenades) और आरडीएक्स (RDX) की भारी मात्रा में लैंडिंग के लिए मुंबई से रायगढ़ (Mumbai to Raigad) तक चार पहिया वाहन में ले गया था। उसने इसे वापस मुंबई लाने में भी मदद की थी। उसने अपनी मूल 14 साल की सजा पूरी कर ली थी और 2007 से जेल से बाहर था, जब सुप्रीम कोर्ट ने इसे आजीवन कारावास (life imprisonment) में बदल दिया था।