Jammu and Kashmir Encounter News: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा कर चुनाव आयोग की टीम के लौटने के अगले ही दिन यानी शनिवार 10 अगस्त को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई, जिसमें सेना के दो जवान शहीद हो गए। जबकि चार जवान और दो ग्रामीण घायल हो गए। जवानों की हालत गंभीर बनी हुई है। वहीं, घायल ग्रामीणों पर भी आतंकियों के मददगार होने का शक है। ऐसे में उनकी पृष्ठभूमि की जांच की जा रही है।
दोनों ओर से गोलीबारी रुक-रुक कर जारी
इस बीच सुरक्षाबलों ने आतंकियों को घेर लिया है। दोनों तरफ से रुक-रुक कर फायरिंग जारी है। घेराबंदी में तीन आतंकियों के फंसे होने की खबर है। बताया जा रहा है कि यह वही आतंकी समूह है जिसने 16 जुलाई को डोडा जिले के देसा इलाके में सेना की टीम पर घात लगाकर हमला किया था। इस हमले में एक कैप्टन समेत चार जवान शहीद हो गए।
जानकारी के अनुसार, पिछले कुछ दिनों से लगातार सूचना मिल रही थी कि डोडा में सेना की टीम पर हमला करने के बाद आतंकियों का एक दल सुरक्षाबलों से जान बचाकर अनंतनाग के कापरान इलाके में घुस गया है। आतंकियों के देखे जाने की सूचना मिलने के बाद शुक्रवार शाम को पुलिस ने सेना और सीआरपीएफ जवानों के साथ मिलकर गडोल के ऊपरी हिस्से में तलाशी अभियान शुरू किया।
आतंकियों ने पहले फेंके ग्रेनेड और फिर शुरू कर दी गोलीबारी
शनिवार दोपहर करीब दो बजे जवानों ने आतंकियों को देखा और उन्हें ललकारा। इस पर आतंकियों ने पहले ग्रेनेड फेंका और फिर फायरिंग शुरू कर दी। इसमें सेना के दो जवान और पास में टहल रहे दो ग्रामीण घायल हो गए। आतंकियों की फायरिंग के बीच जवानों ने अपने घायल साथियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का प्रयास किया। इसी क्रम में चार और जवान गोली लगने से घायल हो गए।
घायल सैनिकों और ग्रामीणों को अस्पताल ले जाया गया
सभी घायल जवानों और ग्रामीणों को अस्पताल पहुंचाया गया है। घायल जवानों को श्रीनगर स्थित आर्मी बेस अस्पताल लाया गया। जहां इलाज के दौरान दो जवानों की मौत हो गई। शहीद जवानों की पहचान हवलदार दीपक कुमार यादव और लांस नायक प्रवीण शर्मा के रूप में हुई है। अन्य चार घायल जवानों की हालत भी गंभीर बताई जा रही है।
मौसम बन रहा है अभियान में बाधा
मुठभेड़ वाले इलाके में मौसम बाधा बन रहा है। शाम को वहां बारिश शुरू हो गई। इस इलाके में घना जंगल और गहरी खाइयां होने के कारण आतंकियों को मार गिराने में समय लग रहा है। आतंकियों के भागने के सभी रास्ते बंद किए जा रहे हैं। बता दें कि पिछले साल सितंबर में इसी इलाके के गडोल में हुई भीषण मुठभेड़ में सेना के एक कर्नल, एक मेजर और पुलिस के एक डीएसपी शहीद हो गए थे। इस मुठभेड़ में एक स्थानीय आतंकी भी मारा गया था।