Bihar Lightning Death Toll: गुरुवार 11 जुलाई को बारिश के दौरान बिजली गिरने से राज्य में 22 लोगों की मौत हो गई। जिसमे मधुबनी में 6, पटना और औरंगाबाद में चार-चार, सुपौल में 2, जमुई, गया, कैमूर, नालंदा, गोपालगंज और बेगूसराय में एक-एक व्यक्ति शामिल हैं। डेढ़ दर्जन से ज्यादा लोग इस हादसे में झुलस गए। इनमें से ज्यादातर लोग धान की रोपाई, घास काटने, लकड़ी इकट्ठा करने और बारिश के दौरान मवेशी चराने का काम कर रहे थे।
नालंदा जिले के हरनौत के पकड़िया बिगहा गांव में कमलेश यादव की पत्नी 30 वर्षीय पिंकी देवी की बरामदे से घर लौटते समय वज्रपात की चपेट में आने से मौत हो गई। औरंगाबाद में ओबरा थाना के डिहारी गांव निवासी सुनील चंद्रवंशी की पत्नी 35 वर्षीय प्रमिला देवी, कुरईपुर गांव निवासी रामदेव यादव उर्फ पिंटू कुमार, खिरियावां गांव निवासी उपेंद्र शर्मा की पत्नी 40 वर्षीय नगीना देवी और पलकिया टोला झगरू बिगहा गांव निवासी रघुनंदन दास की 55 वर्षीय पत्नी सुगिया देवी की वज्रपात से मौत हो गई।
पटना के बाढ़ के डरवा के पप्पू कुमार, बाघाचक की फुलवा देवी तथा धनरूआ और फुलवारीशरीफ में एक-एक व्यक्ति की मौत वज्रपात से हो गयी। गया के गुरुआ थाना क्षेत्र के तेतरिया गांव में बीरेंद्र यादव की 48 वर्षीय पत्नी फूलकुमारी देवी की मौत हो गई। बेगूसराय के बखरी प्रखंड के परिहारा पंचायत में संयुक्त रजक के 45 वर्षीय पुत्र घनश्याम रजक की मौत हो गई।
गोपालगंज के बैकुंठपुर थाना क्षेत्र के चिउटाहा गांव निवासी कमल रावत के 13 वर्षीय पुत्र बिट्टू कुमार की मौत हो गई। गोपालगंज के दिघवा गांव में खेत में रोपनी कर रहे तैय्यब हुसैन और उनकी भतीजी रुकसाना खातून झुलस गईं। कैमूर जिले के कुदरा थाना क्षेत्र के बेरूआर गांव में 32 वर्षीय किसान भोला साह की मौत हो गई। कैमूर में पिछले चार दिनों में वज्रपात से यह दसवीं मौत थी।
मछली पकड़ने के दौरान वज्रपात से मौत
समस्तीपुर के मोहनपुर थाने के रसलपुर गांव के जगदीश सहनी के 20 साल के पुत्र अमरजीत सहनी की मौत बिजली गिरने से हो गई। वह अपनी छोटी नाव से गंगा में मछली पकड़ रहा था। मधुबनी जिले के बाबूबरही के बसहा पंचायत के डुमरियाही गांव के बैद्यनाथ मंडल की 35 वर्षीय बहन संगीता देवी और बेला दौदा गांव के सुरेन्द्र राम की 24 वर्षीय पत्नी मंजू देवी की भी मौत वज्रपात से हो गई।
बिजली गिरने से झुलसे कई लोग
वहीं, फुलपरास के भरहा निवासी मुकुन नदाफ (60), बहू आशिया खातून (40) और बथनाहा निवासी मोहम्मद अलाउद्दीन की वज्रपात से मौत हो गई। 15 लोग झुलस गए। इनमें तीन की हालत गंभीर है। गुरुवार को भरहा और बथनाहा के लोग धान रोपने के लिए खेत में गए थे। तेज बारिश के कारण सभी घर लौट रहे थे। इसी बीच वज्रपात की चपेट में आ गए।
झुलसने वालों में तेतरी खातून (35), मकिना खातून (20), समीना खातून (32), उमेदिया खातून (28), शंभू पंडित (35), समीरा खातून (40), गुलशन खातून (30) और रोजीदा खातून शामिल हैं। 35). मकीना खातून, समीना और रोजीदा खातून की हालत गंभीर है। बथनाहा गांव निवासी मोहम्मद अलाउद्दीन, रामकुमारी देवी, सुदामा देवी, राजकुमारी देवी और दुखी सिंह भी बिजली गिरने से झुलस गए। सुखई सफी के पुत्र मोहम्मद अलाउद्दीन (32) की इलाज के लिए दरभंगा ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई। सुदामा देवी की हालत गंभीर बनी हुई है।
इधर, महथौर खुर्द निवासी रामप्रवेश यादव (50), झड़ीलाल यादव (50) और सुग्गापट्टी निवासी आमोद मरीता (35) भी वज्रपात की चपेट में आने से झुलस गए। इनका इलाज स्थानीय अनुमंडलीय अस्पताल में कराया गया। लौकही प्रखंड के नरहिया थाना क्षेत्र के झिटकी गांव के राम बिहारी मंडल के पुत्र विजय कुमार मंडल (32) की मौत हो गई। विजय कुमार मंडल कुदाल लेकर खेत की बाउंड्री बनाने गया था। इधर, सुपौल में वज्रपात से दो लोगों की मौत हो गई, जबकि जमुई में एक की मौत हो गई।
तीन जिलों में वज्रपात से चार लोगों की मौत पर सीएम ने जताया दुख
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले 24 घंटे में राज्य के तीन जिलों में वज्रपात से चार लोगों की मौत पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने वज्रपात में मारे गए लोगों के आश्रितों को चार-चार लाख रुपये का अनुदान देने का निर्देश दिया। पिछले 24 घंटे के अंदर सिवान में दो, सुपौल और रोहतास में एक-एक व्यक्ति की मौत वज्रपात से हुई है।
मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की है कि खराब मौसम के दौरान विशेष सतर्कता बरतें। खराब मौसम की स्थिति में वज्रपात से बचाव के लिए आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी सुझावों का पालन करें।
बाढ़ की स्थिति अभी किसी भी जिले में नहीं है
आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी 18 बाढ़ संभावित जिलों के अपर जिला दंडाधिकारी (आपदा प्रबंधन) के साथ बैठक की। इस दौरान जानकारी दी गई कि अभी किसी भी जिले में बाढ़ की स्थिति नहीं है। बैठक के दौरान जिले में वर्षा की स्थिति और नदियों के जलस्तर की भी समीक्षा की गई।
अपर मुख्य सचिव ने आपदा प्रबंधन विभाग के अपर जिला दंडाधिकारियों को पूरी सतर्कता के साथ स्थिति पर लगातार नजर रखने का निर्देश दिया। बाढ़ की स्थिति में बाढ़ आपदा प्रबंधन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुरूप त्वरित एवं आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करें।
जिला आपातकालीन संचालन केंद्र सह नियंत्रण कक्ष को 24 घंटे चालू रखने का निर्देश दिया गया। बैठक में मौजूद एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के कमांडेंट ने अपनी सभी टीमों को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया।