Naxal Encounter in Chattisgarh: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा और बीजापुर के सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ चल रही है। मिली जानकारी के अनुसार जवानों ने 9 नक्सलियों को मार गिराया है। मौके से नक्सलियों के शवों के साथ भारी मात्रा में हथियार भी बरामद किए गए हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पश्चिम बस्तर संभाग में माओवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद संयुक्त पुलिस दल सर्चिंग अभियान पर निकला था। 3 सितंबर की सुबह सर्चिंग अभियान के दौरान जवानों और नक्सलियों के बीच हुई गोलीबारी में 9 माओवादी मारे गए। फिलहाल रुक-रुक कर फायरिंग जारी है और जवान मोर्चा संभाले हुए हैं।
नक्सलियों की मौजूदगी की मिली थी गुप्त सूचना
मिली जानकारी के अनुसार, गुप्त सूचना मिली थी कि जंगल क्षेत्र में नक्सली छिपे हुए हैं। सूचना मिलने पर दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले की पुलिस ने अन्य सुरक्षा बलों के साथ मिलकर अभियान चलाया। मुठभेड़ अभी भी जारी है। बड़ी संख्या में नक्सली घायल हुए हैं, जिनके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
29 अगस्त को मारे गए थे तीन नक्सली
इससे पहले 29 अगस्त को नारायणपुर-कांकेर सीमा पर नक्सलियों और पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई थी जिसमें सुरक्षा बलों ने तीन नक्सलियों को मार गिराया था। अगस्त की शुरुआत में दंतेवाड़ा पुलिस को भी बड़ी सफलता मिली थी। मुठभेड़ में एक कट्टर नक्सली मारा गया था। साथ ही हथियार और अन्य सामान भी बरामद किया गया था। इसके लिए जवान बारिश के मौसम में उफनती इंद्रावती नदी को पार कर नक्सलियों के ठिकानों तक पहुंचे।
सुरक्षा बलों ने संभाली ‘लाल आतंक’ को ख़त्म करने की कमान
छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद को खत्म करने के लिए जवानों ने अभियान छेड़ दिया है। लगातार नक्सलियों का एनकाउंटर किया जा रहा है। इससे नक्सलियों के पैर उखड़ रहे हैं। नक्सल मोर्चे पर फोर्स को एक के बाद एक बड़ी सफलता मिल रही है। बस्तर संभाग में फोर्स ने डेरा डाल रखा है। यह नक्सलियों के मांद में घुसकर उनसे मुकाबला कर रही है। बस्तर में फोर्स के जवान मानसून के मौसम के बीच डटे हुए हैं और नक्सलियों से मुकाबला कर रहे हैं। बस्तर की मनमोहक और खूबसूरत प्राकृतिक वादियों से ‘लाल आतंक’ के साये को खत्म करने के लिए बल ने बस्तर संभाग में कमान संभाल ली है।
16 अप्रैल को कांकेर में मारे गए थे 29 नक्सली
16 अप्रैल को कांकेर में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में 29 नक्सली मारे गए थे। यह देश की सबसे बड़ी नक्सली मुठभेड़ थी, जिससे नक्सली खौफ से कांप उठे थे। 30 अप्रैल को 9 घंटे तक चली मुठभेड़ में जवानों ने 10 नक्सलियों को मार गिराया था। डीआरजी और एसटीएफ के जवानों की बुझमाड़ के टेकामेटा के जंगलों में नक्सलियों से मुठभेड़ हुई थी। मारे गए नक्सलियों में 3 महिला और 7 पुरुष माओवादी शामिल हैं। शुरुआती तौर पर मुठभेड़ में मारे गए माओवादियों में से 2 की पहचान डीवीसीएम जोगन्ना और डीवीसीएम विनय उर्फ अशोक के रूप में हुई थी। इस साल बस्तर रेंज में 141 माओवादी मारे गए हैं।