Uttarakhand Civil Defence Expansion: उत्तराखंड में सिविल डिफेंस का विस्तार, 6 नए जिलों में यूनिट स्थापित करने की तैयारी
उत्तराखंड सरकार छह नए जिलों में सिविल डिफेंस यूनिट स्थापित करने की तैयारी कर रही है ताकि आपात स्थितियों से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके। हरिद्वार, उधम सिंह नगर, चंपावत, पिथौरागढ़, चमोली और उत्तरकाशी जैसे संवेदनशील जिलों को योजना में शामिल किया गया है। इसके लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है, जिससे राज्य की आपदा प्रबंधन क्षमता को और मजबूत किया जा सके।
Uttarakhand Civil Defence Expansion: उत्तराखंड में बदलते हालातों और संभावित आपात परिस्थितियों से निपटने के लिए राज्य सरकार अब सिविल डिफेंस के ढांचे को मजबूत करने की दिशा में कदम उठा रही है। इसी क्रम में सरकार ने 6 नए जिलों में सिविल डिफेंस यूनिट स्थापित करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए उत्तराखंड सरकार केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय को औपचारिक प्रस्ताव भेजने जा रही है।
अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती जिलों को प्राथमिकता
जानकारी के अनुसार, देहरादून जिले के अलावा अब हरिद्वार, उधम सिंह नगर, चंपावत, पिथौरागढ़, चमोली और उत्तरकाशी जैसे जिलों में भी सिविल डिफेंस यूनिट स्थापित की जाएगी। इन जिलों का चयन इसलिए किया गया है क्योंकि ये या तो अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से जुड़े हुए हैं या फिर सामरिक दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील माने जाते हैं। राज्य सरकार का मानना है कि इन क्षेत्रों में आपदा या आपातकाल जैसी स्थिति में त्वरित कार्रवाई के लिए सिविल डिफेंस की सक्रिय भूमिका जरूरी है।
वर्तमान ढांचे की सीमाएं उजागर
फिलहाल उत्तराखंड में सिविल डिफेंस की प्रमुख यूनिट देहरादून में कार्यरत है। देहरादून में यह व्यवस्था 1970 में शुरू हुई थी, जब राज्य की आबादी मात्र चार लाख के आसपास थी। तब शहर में 22 सिविल डिफेंस पोस्ट बनाए गए थे। हालांकि अब जनसंख्या बढ़कर 20 लाख से अधिक हो गई है, लेकिन सिविल डिफेंस का ढांचा पुराने स्वरूप में ही कार्य कर रहा है। वर्तमान में देहरादून में लगभग 250 सिविल डिफेंस वार्डन कार्यरत हैं, लेकिन मौजूदा जनसंख्या और बढ़ते खतरों को देखते हुए यह संख्या अपर्याप्त मानी जा रही है।
मुख्य सचिव की बैठक में हुआ फैसला
हाल ही में राज्य के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक अहम बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें आपदा प्रबंधन, गृह और अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। इस बैठक में यह मुद्दा प्रमुखता से सामने आया कि केवल देहरादून ही नहीं, बल्कि उत्तराखंड के कई अन्य जिले भी आपातकालीन दृष्टि से संवेदनशील हैं। बैठक में यह सहमति बनी कि 6 नए जिलों में सिविल डिफेंस यूनिट की स्थापना आवश्यक है और इसके लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
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कोटद्वार, रुड़की और हल्द्वानी को भी शामिल करने की सिफारिश
बैठक में यह सुझाव भी दिया गया कि आबादी और भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए कोटद्वार, रुड़की और हल्द्वानी जैसे शहरों को भी सिविल डिफेंस नेटवर्क में शामिल किया जाए। इन क्षेत्रों में शहरीकरण तेज़ी से बढ़ा है और आपात स्थितियों से निपटने के लिए स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षित और संगठित सिविल डिफेंस बल की आवश्यकता महसूस की जा रही है। हालांकि, इन क्षेत्रों को अंतिम रूप से शामिल करने का निर्णय केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा लिया जाएगा।
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राज्य सरकार की गंभीर पहल
उत्तराखंड सरकार की यह पहल राज्य में आपदा प्रबंधन को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। विशेष रूप से राज्य की भौगोलिक परिस्थितियां, सीमावर्ती स्थिति और प्राकृतिक आपदाओं की आशंका को देखते हुए सिविल डिफेंस का दायरा बढ़ाना समय की मांग बन चुका है। सरकार का लक्ष्य है कि आपातकालीन परिस्थितियों में आमजन की सुरक्षा के लिए एक सशक्त और प्रशिक्षित नागरिक बल तैयार किया जाए।
उत्तराखंड सरकार की यह योजना न केवल राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करेगी, बल्कि आम नागरिकों को आपदाओं के प्रति जागरूक और तैयार रहने में भी सहायता करेगी। यदि केंद्र सरकार इस प्रस्ताव को स्वीकृति देती है, तो यह राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी।
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