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Bundeli Speaking Robot: बुंदेली में बोलेगा देश का पहला रोबोट, अब किसानों को मिलेगी अपनी भाषा में तकनीकी सलाह

तकनीक और कृषि के मेल ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। मध्य प्रदेश की मिट्टी से उपजा एक अनोखा आविष्कार देशभर में चर्चा का विषय बन गया है — "बुंदेली रोबोट"। यह भारत का पहला ऐसा रोबोट है जो बुंदेली भाषा में किसानों से संवाद कर सकता है।

Bundeli Speaking Robot: तकनीक और कृषि के मेल ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। मध्य प्रदेश की मिट्टी से उपजा एक अनोखा आविष्कार देशभर में चर्चा का विषय बन गया है — “बुंदेली रोबोट”। यह भारत का पहला ऐसा रोबोट है जो बुंदेली भाषा में किसानों से संवाद कर सकता है। तकनीकी विकास की इस कड़ी में यह कदम ग्रामीण भारत की जरूरतों को ध्यान में रखकर उठाया गया है।

क्या है बुंदेली रोबोट?

बुंदेली रोबोट एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित humanoid सिस्टम है, जिसे विशेष रूप से बुंदेलखंड क्षेत्र के किसानों की सहायता के लिए तैयार किया गया है। इस रोबोट की सबसे खास बात यह है कि यह स्थानीय बुंदेली बोली में बात करता है, जिससे अनपढ़ या कम शिक्षित किसानों को भी जानकारी समझने में आसानी होती है।

इस रोबोट को एक स्टार्टअप कंपनी और कृषि विश्वविद्यालय के सहयोग से विकसित किया गया है। इसमें वॉयस रिकग्निशन, नॉलेज बेस्ड उत्तर प्रणाली और मौसम, फसल, कीट नियंत्रण जैसी कृषि संबंधी जानकारी देने की क्षमता है।

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कैसे करता है काम?

बुंदेली रोबोट में एक स्पीकर, माइक्रोफोन, और टच स्क्रीन लगी होती है। किसान रोबोट से अपनी भाषा में सवाल करता है जैसे – “अबे भैया, गेहूं में कीड़े लग गइन, का करौं?” और रोबोट तुरंत सटीक उत्तर देता है, “भइया, तौहरे खेत मा कीटनाशक छिड़काव करव, अउर खेत साफ राखौ।”

रोबोट न सिर्फ सवालों का जवाब देता है बल्कि उपयोगकर्ता के पूछे गए सवालों का रिकॉर्ड भी रखता है ताकि भविष्य में उस किसान की जरूरतों के हिसाब से सुझाव दिए जा सकें।

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किसानों के लिए वरदान

बुंदेली रोबोट ग्रामीण अंचलों में किसानों के लिए एक बड़ी राहत बनकर सामने आया है। कई बार भाषा की बाधा या तकनीकी जानकारी की कमी से किसान सरकारी योजनाओं, मौसम अलर्ट या कृषि वैज्ञानिक सलाह से वंचित रह जाते हैं। इस रोबोट की मदद से अब उन्हें सही समय पर सही जानकारी मिल पा रही है।

किसान रघुनाथ पाल कहते हैं, “हमार लइका तो पढ़े सहर जात है, हमका अंग्रेजी समझ नई आवै। ई रोबोट हमरी भाषा बोलत है, तौ हमरे बहुत काम आवत है।”

महिला किसानों के लिए भी सहायक

यह रोबोट महिला किसानों के लिए भी विशेष रूप से उपयोगी है। अक्सर महिलाएं घर और खेत दोनों का काम संभालती हैं, लेकिन वे खेती से जुड़ी तकनीकी जानकारी से दूर रहती हैं। बुंदेली भाषा में संवाद करने वाला रोबोट उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मददगार हो रहा है।

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सरकार और शोध संस्थानों की सराहना

केंद्र और राज्य सरकार के तकनीकी एवं कृषि विभागों ने इस नवाचार की सराहना की है। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रोजेक्ट अगर सफल होता है तो अन्य क्षेत्रीय भाषाओं जैसे अवधी, मैथिली, मराठी, भोजपुरी आदि में भी ऐसे रोबोट विकसित किए जा सकते हैं।

बुंदेली रोबोट भारतीय कृषि में तकनीक और परंपरा के अद्भुत संगम का उदाहरण है। यह न सिर्फ संवाद को आसान बनाता है, बल्कि ग्रामीण विकास की दिशा में एक बड़ा कदम भी है। जब तकनीक हमारी भाषा बोलने लगे, तो परिवर्तन सिर्फ संभावनाओं में नहीं, हकीकत में नज़र आता है।

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