Golden girl Parul became DSP Meerut: किसान की बेटी बनीं DSP! एशियन गेम्स गोल्ड मेडलिस्ट पारुल चौधरी ने रचा इतिहास, महिलाओं के लिए मिसाल
मेरठ के इकलौता गांव की रहने वाली एथलीट गोल्डन गर्ल पारुल चौधरी ने सोमवार को मुरादाबाद स्थित डॉ. बीआर आंबेडकर पुलिस अकादमी में डिप्टी एसपी के पद पर ज्वॉइन कर लिया। उन्होंने खाकी तो पहन ली है, लेकिन अब भी उनकी नजर देश के लिए और स्वर्ण पदक लाने पर है। डिप्टी एसपी के पद पर ज्वॉइन करने ही वह आगामी प्रतियोगिताओं की तैयारी के लिए तत्काल बंगलूरू रवाना हो गईं।
Golden girl Parul became DSP Meerut: खेल के मैदान में अपनी रफ्तार और दम से ‘उड़नपरी’ का खिताब पा चुकी मेरठ की बेटी पारुल चौधरी का खाकी पहनने का सपना अब पूरा हो गया है। चीन के हांगझोऊ में आयोजित एशियन गेम्स की स्टीपलचेज स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन करने वाली पारुल चौधरी ने सोमवार को मुरादाबाद में डिप्टी एसपी के पद पर पदभार ग्रहण कर लिया। यह उन सभी खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जिन्होंने खेल के साथ-साथ सरकारी सेवा में आने का भी लक्ष्य रखा है।
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इकलौता गांव के एक साधारण किसान परिवार से आने वाली पारुल चौधरी के लिए यह सफर आसान नहीं रहा। उनकी इस उपलब्धि पर उनके पिता कृष्ण पाल सिंह चौधरी ने गर्व व्यक्त करते हुए कहा, “बेटी ने मेरा सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है।” इस भावुक क्षण में परिवार के सदस्य भी पारुल के साथ मौजूद थे।
रेलवे से पुलिस तक का सफर
गौरतलब है कि पारुल चौधरी इससे पहले भारतीय रेलवे के मुंबई कार्यालय में कार्यरत थीं। उन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस में शामिल होने के लिए रेलवे से इस्तीफा दिया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 27 जनवरी को एशियन गेम्स में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को एक साथ नियुक्ति पत्र सौंपे थे, जिसमें पारुल भी शामिल थीं। पुलिस विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि जब तक पारुल चौधरी एक खिलाड़ी के रूप में सक्रिय रहेंगी, उन्हें पुलिस की ओर से सभी सुविधाएं मिलती रहेंगी। खेल जीवन के बाद उन्हें उनकी इच्छा अनुसार पोस्टिंग मिलेगी।
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प्रैक्टिस के प्रति समर्पण
पदभार ग्रहण करने के बाद, पारुल अपनी प्रैक्टिस के लिए सीधे बेंगलुरु रवाना हो गईं। उनके भाई राहुल चौधरी ने बताया कि पारुल अपनी प्रैक्टिस को लेकर बेहद गंभीर रहती हैं और परिवार को उनसे आगे भी बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। मुरादाबाद में अपनी पहली पोस्टिंग मिलने पर पारुल चौधरी ने देश और प्रदेश का मान बढ़ाने का संकल्प दोहराया है।
सरकार की पहल से मिली प्रेरणा
पारुल के पिता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा खिलाड़ियों को दिए जा रहे सहयोग की सराहना की। उनका मानना है कि ऐसे सहयोग से खिलाड़ियों को और अधिक मेहनत करने की प्रेरणा मिलती है। एशियाई खेलों में 5000 मीटर दौड़ में स्वर्ण और 3000 मीटर स्टीपलचेज में रजत पदक जीतने वाली पारुल चौधरी आज अनेकों बेटियों के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं। उनकी सफलता पर पूरे परिवार में खुशी का माहौल है।
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उपलब्धियां
मेरठ की इस एथलीट की उपलब्धियां किसी से छिपी नहीं हैं। पारुल चौधरी छह बार राष्ट्रीय चैंपियन रह चुकी हैं और उन्हें 2023 में अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया था। 2023 में एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में उन्होंने 3000 स्टीपलचेज में स्वर्ण और 5000 मीटर दौड़ में रजत पदक सहित एक साथ दो मेडल जीते थे। उनके घर में एक ऐसा कमरा है, जिसकी हर दीवार पर सिर्फ और सिर्फ उनके पदक और मेडल ही नजर आते हैं, जो उनकी मेहनत और लगन की कहानी बयां करते हैं।
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