Ayushman Bharat Scheme: गोल्डन कार्ड धारकों के लिए राहत, देहरादून के तीन प्रमुख निजी अस्पतालों में जारी रहेगा मुफ्त इलाज
उत्तराखंड सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड धारकों के लिए देहरादून के तीन प्रमुख निजी अस्पतालों में इलाज की सुविधा सुनिश्चित की है। ये अस्पताल जौलीग्रांट, महंत इन्द्रेश और ग्राफिक एरा हैं। सरकार का उद्देश्य है कि सभी पात्र नागरिकों को बिना बाधा गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा मिले।
Ayushman Bharat Scheme: उत्तराखंड में आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड धारकों को आ रही समस्याओं के बीच राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि देहरादून के तीन प्रमुख निजी अस्पतालों – जौलीग्रांट हॉस्पिटल, महंत इन्द्रेश हॉस्पिटल और ग्राफिक एरा हॉस्पिटल – में गोल्डन कार्ड से मुफ्त इलाज की सुविधा बिना किसी रुकावट जारी रहेगी।
स्वास्थ्य सचिव आर. राजेश कुमार ने बताया कि इन अस्पतालों में आने वाले पात्र मरीजों को योजना के अंतर्गत सभी आवश्यक चिकित्सीय सेवाएं दी जा रही हैं। मरीजों को इलाज से वंचित न होना पड़े, इसके लिए अस्पतालों से बातचीत कर स्पष्ट निर्देश जारी किए गए हैं।
गोल्डन कार्ड धारकों को क्यों आई दिक्कतें?
हाल के दिनों में राज्य के कई सरकारी और निजी अस्पतालों ने गोल्डन कार्ड धारकों का इलाज करने से मना कर दिया था। इसकी प्रमुख वजह यह रही कि सरकार की ओर से इलाज की रकम का समय पर भुगतान नहीं हो पाया, जिससे अस्पतालों पर वित्तीय दबाव बढ़ गया।
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खासकर राज्य के कर्मचारी, पेंशनर्स और उनके आश्रितों को इस स्थिति का सबसे अधिक खामियाजा उठाना पड़ा, क्योंकि इनका उपचार गोल्डन कार्ड के जरिए होना था, लेकिन अस्पतालों ने भुगतान न होने के कारण हाथ पीछे खींच लिए।
सरकार की पहल: समाधान की ओर कदम
स्थिति को गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि योजना के लाभार्थियों को बिना किसी रुकावट के इलाज मिल सके, इसके लिए ठोस व्यवस्था बनाई जाए। मंत्री ने सभी हितधारकों से मिलकर व्यावहारिक और वित्तीय दृष्टिकोण से उपयुक्त प्रस्ताव तैयार करने को कहा, ताकि भविष्य में इस तरह की समस्याओं से बचा जा सके।
वित्तीय असंतुलन बना समस्या की जड़
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य के सरकारी कर्मचारियों, स्वायत निकायों के कार्मिकों और पेंशनर्स द्वारा 150 करोड़ रुपये का अंशदान जमा किया गया था। जबकि उसी अवधि में उपचार पर करीब 335 करोड़ रुपये खर्च किए गए। इस 185 करोड़ रुपये के अंतर के कारण अस्पतालों को भुगतान नहीं मिल पाया, जिससे चिकित्सा सेवा बाधित हुई।
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सरकार का लक्ष्य: हर नागरिक तक पहुंचे स्वास्थ्य सेवा
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि हर पात्र नागरिक को समय पर, गुणवत्ता युक्त और सुलभ स्वास्थ्य सुविधा मिले। इसी सोच के तहत आयुष्मान भारत योजना के तहत लाखों गरीब और जरूरतमंद परिवारों को मुफ्त इलाज की सुविधा दी जा रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी स्पष्ट किया कि स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत है कि कोई भी व्यक्ति इलाज के अभाव में पीड़ित न हो। निर्धन और जरूरतमंदों को आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से निशुल्क और सम्मानजनक चिकित्सा सेवा मिले, यही सरकार की नीति और प्रतिबद्धता है।
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उत्तराखंड सरकार ने गोल्डन कार्ड धारकों की परेशानी को गंभीरता से लिया है और त्वरित समाधान की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। देहरादून के प्रमुख निजी अस्पतालों में इलाज जारी रखने का फैसला लाखों लाभार्थियों के लिए राहत की खबर है। उम्मीद की जा रही है कि आगे भी स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारु और प्रभावी बनाए रखने के लिए सरकार जरूरी वित्तीय और नीतिगत सुधार करती रहेगी।
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