Nanda Raj Jat Yatra: 2026 में होगी नंदा राजजात यात्रा, उत्तराखंड सरकार ने शुरू की तैयारियां, प्रवासी उत्तराखंडियों को जोड़ने की पहल
नंदा राजजात यात्रा वर्ष 2026 में भव्य रूप से आयोजित होगी, जिसकी तैयारियों की शुरुआत उत्तराखंड सरकार ने कर दी है। यह 12 साल में एक बार होने वाली महत्वपूर्ण धार्मिक यात्रा है। मुख्यमंत्री ने प्रवासी उत्तराखंडियों से जुड़ने की अपील की है और विभागों को अलर्ट किया गया है।
Nanda Raj Jat Yatra: उत्तराखंड की प्रसिद्ध नंदा राजजात यात्रा वर्ष 2026 में भव्य रूप में आयोजित की जाएगी। इसे लेकर राज्य सरकार ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। 12 वर्षों में एक बार होने वाली यह यात्रा आध्यात्मिक आस्था और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक मानी जाती है। पिछली यात्रा वर्ष 2014 में हुई थी और अब 2026 में यह पुनः आयोजित की जा रही है।
हिमालय की गोद में होती है यात्रा
नंदा राजजात यात्रा को ‘हिमालय का कुंभ’ कहा जाता है क्योंकि यह उच्च हिमालयी क्षेत्रों में आयोजित की जाती है। चमोली जिले के सीमावर्ती गांव नौती से शुरू होकर यह यात्रा होमकुंड में समाप्त होती है। लगभग 20 दिनों तक चलने वाली यह यात्रा कठिन और दुर्गम पहाड़ी रास्तों से होकर गुजरती है।
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मुख्यमंत्री धामी ने की समीक्षा बैठक
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों के साथ बैठक कर यात्रा की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि यात्रा को सुरक्षित, व्यवस्थित और श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक बनाने में कोई कसर न छोड़ी जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह यात्रा केवल धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक पहचान है।
प्रवासी उत्तराखंडियों को बुलावा
सीएम धामी ने प्रवासी उत्तराखंडियों से अपने-अपने गांव लौटने और यात्रा में भाग लेने की अपील की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गांवों को सजाने का कार्य करेगी ताकि प्रवासी अपने मूल से जुड़ाव महसूस कर सकें। सरकार की योजना है कि नंदा राजजात यात्रा को एक सामूहिक उत्सव के रूप में मनाया जाए।
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विभागों को किया गया अलर्ट
मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने बताया कि लोक निर्माण, पेयजल, सिंचाई, स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन विभागों को पहले ही अलर्ट कर दिया गया है। इन विभागों से कहा गया है कि वे यात्रा मार्ग पर आवश्यक निर्माण, मरम्मत और सेवाओं की तैयारी समय से पूरी करें।
स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन की विशेष व्यवस्था
यात्रा मार्ग पर मोबाइल स्वास्थ्य इकाइयां, प्राथमिक उपचार केंद्र और विश्राम स्थलों की व्यवस्था की जाएगी। आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा मार्ग में विशेष राहत टीमें तैनात की जाएंगी। इसके अलावा स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण और ट्रैकिंग रूट को भी सुरक्षित बनाने के प्रयास किए जाएंगे।
पर्यटन और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
नंदा राजजात यात्रा के माध्यम से न केवल राज्य की संस्कृति और आस्था को बल मिलेगा, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार और आर्थिक लाभ भी मिलेगा। यात्रा के दौरान स्थानीय लोग श्रद्धालुओं को भोजन, आवास और मार्गदर्शन उपलब्ध कराते हैं, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति मिलती है।
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अंतरराष्ट्रीय प्रचार की योजना
राज्य सरकार की योजना है कि इस बार की यात्रा को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित किया जाए, ताकि देश-विदेश के श्रद्धालु इस सांस्कृतिक आयोजन में भाग लें। इसके जरिए उत्तराखंड को पर्यटन मानचित्र पर और मजबूती से स्थापित किया जा सकेगा।
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