Self Employment Scheme: उत्तराखंड की एकल महिलाओं को स्वरोजगार के लिए मिलेगा 75% अनुदान, 18 जून से आवेदन शुरू
उत्तराखंड सरकार ने “मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना” की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य राज्य की एकल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना के तहत दो लाख रुपये तक के व्यवसाय पर 75% तक अनुदान दिया जाएगा। आवेदन प्रक्रिया 18 जून से 31 जुलाई तक चलेगी।
Self Employment Scheme: उत्तराखंड सरकार ने राज्य की एकल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से “मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना” की शुरुआत कर दी है। यह योजना महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से संचालित की जा रही है। योजना को कैबिनेट से स्वीकृति 16 मई को मिली थी और अब महिला कल्याण मंत्री रेखा आर्या ने 17 जून को इसका विधिवत शुभारंभ कर दिया है। इसके तहत 18 जून से 31 जुलाई तक पात्र महिलाएं आवेदन कर सकेंगी।
यह योजना उन महिलाओं के लिए है जो विवाहित नहीं हैं, तलाकशुदा हैं, विधवा हैं, परित्यक्ता हैं, या दिव्यांग एवं निराश्रित हैं। इसका मकसद है कि ये महिलाएं अपने गांव या आसपास के क्षेत्र में खुद का रोजगार शुरू कर सकें और आत्मनिर्भर बनें।
क्या मिलेगा इस योजना में?
इस योजना के अंतर्गत एकल महिलाएं अधिकतम दो लाख रुपये तक का स्वरोजगार प्रोजेक्ट तैयार कर सकती हैं। सरकार इसमें 75% यानी डेढ़ लाख रुपये का अनुदान देगी, जबकि शेष 25% यानी 50,000 रुपये लाभार्थी को स्वयं निवेश करना होगा। यह योजना विशेष रूप से महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है।
महिलाएं इस योजना के जरिए कृषि, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन, ब्यूटी पार्लर, कुटीर उद्योग, सिलाई-कढ़ाई, डेयरी और अन्य स्थानीय स्तर पर उपयोगी व्यवसाय शुरू कर सकती हैं। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और महिलाओं को घर के नजदीक काम करने का अवसर मिलेगा।
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अनुदान तीन चरणों में मिलेगा
राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली 75% सब्सिडी तीन चरणों में वितरित की जाएगी। योजना के पहले चरण में स्वीकृति मिलने पर कुल अनुदान का 50 प्रतिशत यानी ₹75,000 की राशि लाभार्थी के खाते में सीधे भेजी जाएगी। इस चरण में लाभार्थी को स्वयं ₹25,000 का योगदान करना आवश्यक होगा।
व्यवसाय शुरू होने के छह महीने के भीतर दूसरा चरण लागू होगा, जिसमें 30% अनुदान यानी ₹45,000 की राशि दी जाएगी। इस समय लाभार्थी को ₹15,000 रुपये की अंश राशि लगानी होगी। अंतिम किस्त नौ महीने बाद मिलेगी, जिसमें शेष 20% यानी ₹30,000 की राशि मिलेगी और लाभार्थी को ₹10,000 का निवेश करना होगा।
यदि व्यवसाय नहीं हुआ शुरू, तो लौटानी होगी सब्सिडी
सरकार ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई लाभार्थी प्रारंभिक अनुदान लेने के बाद व्यवसाय शुरू नहीं करती है, तो उससे प्रारंभ में दी गई सब्सिडी की राशि वापस ली जाएगी। इससे योजना के दुरुपयोग की संभावना कम होगी और केवल गंभीर इच्छुक महिलाओं को ही लाभ मिल पाएगा।
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पहले वर्ष का लक्ष्य और बजट
पहले चरण में 2000 एकल महिलाओं को इस योजना का लाभ देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए ₹30 करोड़ का बजटीय प्रावधान किया गया है। राज्य सरकार चाहती है कि यह योजना महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो।
मंत्री रेखा आर्या का वक्तव्य
योजना के शुभारंभ पर कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने कहा, “मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना राज्य की एकल महिलाओं को सशक्त करने का सशक्त माध्यम है। हमारा प्रयास है कि महिलाएं किसी पर निर्भर न रहें और स्वयं अपनी आजीविका चला सकें।”
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यह योजना उत्तराखंड सरकार की ओर से महिला सशक्तिकरण की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे न केवल महिलाओं की सामाजिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
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