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Taj Mahal water leakage: ताजमहल के 73 मीटर ऊंचे गुंबद से टपकता पानी – विरासत को बचाने की घड़ी आ गई है!

भारत की शान और मुगल वास्तुकला का बेजोड़ नमूना — ताजमहल — एक बार फिर सुर्खियों में है। लेकिन इस बार वजह उसकी खूबसूरती नहीं, बल्कि उसकी दीवारों और गुंबद से टपकता पानी है। जी हां, दुनिया के सात अजूबों में शामिल 17वीं सदी की यह इमारत अब प्राकृतिक और संरचनात्मक चुनौतियों का सामना कर रही है।

Taj Mahal water leakage: भारत की शान और मुगल वास्तुकला का बेजोड़ नमूना — ताजमहल — एक बार फिर सुर्खियों में है। लेकिन इस बार वजह उसकी खूबसूरती नहीं, बल्कि उसकी दीवारों और गुंबद से टपकता पानी है। जी हां, दुनिया के सात अजूबों में शामिल 17वीं सदी की यह इमारत अब प्राकृतिक और संरचनात्मक चुनौतियों का सामना कर रही है।

हाल ही में हुई तेज़ बारिश के बाद ताजमहल के मुख्य गुंबद से पानी टपकने की खबरों ने पुरातत्व विभाग की चिंता बढ़ा दी है। यह गुंबद लगभग 73 मीटर ऊंचा है और सालों से नमी या रिसाव जैसी कोई समस्या नहीं देखी गई थी। ऐसे में सवाल उठता है आख़िर ताजमहल के गुंबद में पानी कहां से आया?

पानी के रिसाव की 3 संभावित वजहें

  1. मौसम में बदलाव और अत्यधिक वर्षा

पिछले कुछ वर्षों में उत्तर भारत के मौसम में काफी बदलाव देखने को मिला है। असमय और भारी बारिश के कारण ताजमहल जैसी पुरानी इमारतें प्रभावित हो रही हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार हुई लगातार मूसलधार बारिश ने गुंबद की छतों और संगमरमर की परतों में मौजूद महीन दरारों से पानी को अंदर घुसने दिया।

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  1. पुरानी मरम्मत प्रणाली और जल निकासी तंत्र की विफलता

ताजमहल के निर्माण के समय इसकी डिजाइन में जल निकासी की बेहतरीन व्यवस्था की गई थी, जिससे बारिश का पानी फौरन नीचे बह जाए। लेकिन समय के साथ यह प्रणाली जर्जर हो चुकी है। कई हिस्सों में नालियां या जल निकासी पाइप जाम या टूट चुकी हैं, जिससे पानी गुंबद के ऊपरी हिस्सों में जमा होकर रिसने लगता है।

  1. प्रदूषण और धूल से पत्थरों की क्षरण

आगरा का वायुमंडलीय प्रदूषण और यमुना नदी का घटता जलस्तर ताजमहल की संरचना को नुकसान पहुँचा रहा है। प्रदूषण के कारण संगमरमर की पत्थरों में दरारें आना और नमी पकड़ना अब आम हो चला है। यही कारण है कि बारिश होते ही पानी उन दरारों से होकर नीचे आने लगता है।

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पुरातत्व विभाग की प्रतिक्रिया

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने रिसाव की खबरों की पुष्टि करते हुए जांच शुरू कर दी है। एक विशेषज्ञ दल ने गुंबद की आंतरिक सतह और बाहरी संरचना का निरीक्षण किया है। अधिकारियों का कहना है कि रिसाव गंभीर नहीं है, लेकिन समय रहते इसकी मरम्मत और संरक्षण बेहद ज़रूरी है, ताकि आगे कोई बड़ी क्षति न हो।

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क्या खतरे में है ताजमहल की संरचना?

फिलहाल ताजमहल की बुनियादी संरचना सुरक्षित है, लेकिन यदि लगातार रिसाव होता रहा, तो संगमरमर कमजोर हो सकता है। इसके अलावा, अंदरूनी भित्तियों पर नमी की वजह से काले धब्बे और फंगस का खतरा भी बढ़ सकता है, जिससे इसकी सुंदरता पर असर पड़ सकता है।

समाधान क्या है?

तत्काल मरम्मत कार्य और जल निकासी तंत्र का पुनर्निर्माण

गुंबद की सतह पर विशेष जलरोधी कोटिंग

प्रदूषण नियंत्रण और यमुना पुनरुद्धार के लिए दीर्घकालिक योजना

ताजमहल केवल एक इमारत नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान है। यदि समय रहते जरूरी कदम नहीं उठाए गए, तो यह धरोहर धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त होती जा सकती है। अब ज़रूरत है संवेदनशील और तकनीकी रूप से सशक्त संरक्षण की, ताकि आने वाली पीढ़ियां भी इसकी भव्यता को देख सकें।

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Written By। Kritika Kumari। National Desk। Delhi

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