Bengaluru Stampede: RCB की लापरवाही से गई 11 जानें, पुलिस के पास अलादीन का चिराग नहीं, भगदड़ पर ट्रिब्यूनल की सख्त टिप्पणी
Bengaluru Stampede: बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में विजय जुलूस के दौरान हुई भगदड़ में 11 लोगों की मौत के मामले ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं – जिम्मेदार आखिर कौन?
Bengaluru Stampede: बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में विजय जुलूस के दौरान हुई भगदड़ में 11 लोगों की मौत के मामले ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं – जिम्मेदार आखिर कौन? इस हादसे को लेकर अब केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (Central Administrative Tribunal (CAT)) ने अपनी रिपोर्ट में RCB की भूमिका पर सवाल उठाए हैं, जबकि निलंबित पुलिस अधिकारी विकास कुमार को बड़ी राहत दी गई है।
क्या हुआ था हादसे वाले दिन?
4 जून को बेंगलुरु में IPL टीम RCB द्वारा सोशल मीडिया पर एक विजय जुलूस की घोषणा की गई। खास बात यह रही कि इस आयोजन के लिए पुलिस प्रशासन से कोई पूर्व अनुमति नहीं ली गई थी। पोस्ट वायरल होते ही भारी भीड़ चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास उमड़ पड़ी। इस अफरातफरी में 11 लोगों की जान चली गई, जिनमें एक 14 साल की बच्ची भी थी
ट्रिब्यूनल की तीखी टिप्पणी
ट्रिब्यूनल ने अपने फैसले में कहा “RCB ने पुलिस को बिना सूचित किए सोशल मीडिया पर पोस्ट डाल दी, जिससे पुलिस के पास सुरक्षा व्यवस्था करने का पर्याप्त समय नहीं रहा। महज 12 घंटे में व्यवस्था की उम्मीद करना अव्यवहारिक है। पुलिसकर्मी भी इंसान हैं, न तो भगवान हैं और न ही उनके पास अलादीन का चिराग है, जिससे वह एक झटके में पूरी व्यवस्था खड़ी कर दें।”
विकास कुमार को राहत
इस भगदड़ के बाद बेंगलुरु के तत्कालीन वेस्ट जोन के एडीशनल कमिश्नर और आयोजन के प्रभारी अधिकारी IPS विकास कुमार को निलंबित कर दिया गया था। अब ट्रिब्यूनल ने उनके निलंबन को न केवल अनुचित बताया, बल्कि निर्देश दिया कि इस निलंबन की अवधि को उनकी सेवा का हिस्सा माना जाए।
इसके साथ ही, ट्रिब्यूनल ने कर्नाटक सरकार को यह भी सुझाव दिया कि वह तत्कालीन पुलिस कमिश्नर बी दयानंद और डीसीपी शेखर एच टेक्कण्णावर के निलंबन पर पुनर्विचार करे।
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सबूतों के बिना निलंबन, प्रशासनिक गलती?
CAT ने अपने फैसले में यह भी कहा कि जिन पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया गया, उनके खिलाफ उस समय कोई ठोस सबूत मौजूद नहीं थे। सिर्फ हादसा होने की वजह से सीधे तौर पर प्रशासनिक अमले पर जिम्मेदारी डालना न्यायसंगत नहीं है। हालांकि, सरकार इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील कर सकती है।
राजनीति में मचा भूचाल
इस हादसे के बाद से ही कर्नाटक की सत्तारूढ़ सरकार विपक्ष के निशाने पर है। भाजपा और जेडीएस ने सरकार को “सरकार प्रायोजित भगदड़” के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के इस्तीफे की मांग की थी। जनता में रोष है और सवाल उठ रहे हैं कि क्या ऐसी घटना के बाद क्या अपनी जिम्मेदारियों से बचा जा सकता हैं?
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कौन हैं बाकी निलंबित अधिकारी?
RCB के जुलूस के दौरान हुई इस त्रासदी के बाद कर्नाटक सरकार ने 5 पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया था।
- विकास कुमार (IPS)
- बी दयानंद (तत्कालीन पुलिस कमिश्नर)
- शेखर एच टेक्कण्णावर (DCP)
- सी बालकृष्ण (ACP)
- ए के गिरीश (इंस्पेक्टर, क्यूबन पार्क)
अब जब ट्रिब्यूनल ने स्पष्ट कर दिया है कि न तो पुलिस के पास पूरा समय था और न ही पूरी जानकारी, तो इस फैसले से प्रशासन और पुलिस बल को बड़ी राहत मिली है। साथ ही RCB की भूमिका पर कई गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
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