Operation Kalnemi: उत्तराखंड में ‘ऑपरेशन कालनेमि’ की शुरुआत, फर्जी साधु-संतों पर होगी सख्त कार्रवाई
उत्तराखंड सरकार ने फर्जी साधु-संतों के खिलाफ अभियान चलाने का निर्णय लिया है। ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी जो धार्मिक भेष में जनता को ठगते हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को इस मामले में कठोर निर्देश जारी किए हैं।
Operation Kalnemi: देवभूमि उत्तराखंड अपने धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। यहां की भूमि को पवित्र माना जाता है क्योंकि यहां कण-कण में देवी-देवताओं का वास है। इसी वजह से इसे ‘देवभूमि’ कहा जाता है। लेकिन हाल के वर्षों में उत्तराखंड में कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां नकली साधु-संतों ने लोगों को ठगने और धर्म के नाम पर पाखंड फैलाने का कार्य किया है। ऐसे ही फर्जी भेषधारियों पर शिकंजा कसने के लिए उत्तराखंड सरकार ने ‘ऑपरेशन कालनेमि’ शुरू करने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि राज्य में किसी भी धार्मिक भेषधारी द्वारा अगर धोखाधड़ी, ठगी या असामाजिक गतिविधियों में संलिप्तता पाई जाती है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सीएम ने कहा कि यह कार्रवाई ना केवल कानून व्यवस्था के तहत होगी, बल्कि सनातन धर्म और समाज की गरिमा की रक्षा के लिए भी आवश्यक है।
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पौराणिक कथा से प्रेरणा
‘कालनेमि’ नाम का असुर, जिसने पौराणिक कथाओं के अनुसार साधु का रूप धरकर लोगों को भ्रमित किया था, उसी के नाम पर इस ऑपरेशन को नामित किया गया है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि आज समाज में कई ऐसे ‘कालनेमि’ सक्रिय हैं, जो संतों जैसा वेश पहनकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। ये लोग ना सिर्फ धार्मिक विश्वास का दुरुपयोग करते हैं बल्कि सामाजिक सौहार्द को भी नुकसान पहुंचाते हैं।
हरिद्वार-ऋषिकेश से शुरू होगा अभियान
उत्तराखंड सरकार इस ऑपरेशन की शुरुआत धार्मिक नगरी हरिद्वार और ऋषिकेश जैसे क्षेत्रों से करेगी, जहां बड़ी संख्या में साधु-संतों का आना-जाना होता है। इन स्थानों से कई बार ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां कुछ असामाजिक तत्व साधु बनकर महिलाओं को धोखा देने, पैसे ठगने और अन्य आपराधिक गतिविधियों में लिप्त पाए गए हैं। अब सरकार ने इस दिशा में कड़ा कदम उठाते हुए अभियान को धरातल पर उतारने का निर्णय लिया है।
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पुलिस और प्रशासन की साझा जिम्मेदारी
सीएम धामी ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि पुलिस, खुफिया एजेंसियों और प्रशासनिक अमले को इस अभियान में सक्रिय रूप से शामिल किया जाए। सभी धार्मिक स्थलों, आश्रमों और सत्संग स्थलों पर नजर रखने को कहा गया है। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना मिलते ही तत्काल जांच कर कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
धार्मिक संगठनों से सहयोग की अपील
सरकार ने धार्मिक संगठनों, मठ-मंदिरों के पुजारियों और प्रमुख संतों से भी अपील की है कि वे ऐसे फर्जी साधु-संतों को पहचानने में प्रशासन की मदद करें। सीएम ने कहा कि यह हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है कि देवभूमि की धार्मिक और सांस्कृतिक गरिमा को ठगों और पाखंडी तत्वों से बचाया जाए।
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आस्था के नाम पर पाखंड नहीं सहन होगा
मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट किया है कि सरकार धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान करती है, लेकिन आस्था के नाम पर पाखंड फैलाने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि देवभूमि में धर्म और आस्था की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे और पवित्र भूमि की छवि को खराब करने की किसी को अनुमति नहीं दी जाएगी।
‘ऑपरेशन कालनेमि’ उत्तराखंड सरकार की एक सशक्त पहल है, जो देवभूमि की पवित्रता बनाए रखने के लिए उठाया गया साहसिक कदम है। इससे न केवल लोगों की धार्मिक भावनाओं की रक्षा होगी, बल्कि समाज में पाखंड और ठगी के खिलाफ भी एक स्पष्ट संदेश जाएगा कि उत्तराखंड की भूमि पर आस्था के नाम पर धोखा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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