आगरा। एशिया का सबसे बड़ा कब्रिस्तान आगरा में स्थित है। इसका नाम शाही पंचकुइया कब्रिस्तान है। एशिया के सबसे बड़े कब्रिस्तान में मुर्दों को दफनाने के लिए जगह कम पड़ने लगी है।
दरअसल लोग अपने परिजनों की कब्रों को पत्थर और लोहे के रोशनदान लगा कर पक्का कर रहे हैं। इससे कब्रिस्तान में कब्र के साथ वाली जगह पर कब्जा कर लिया जाता है। शाही पंचकुइया कब्रिस्तान कमेटी के सचिव जहीरूद्दीन बाबर का कहना है कि इस कारण अब पक्की कब्रों पर रोक लगा दी गयी है।
बता दें कि पिछले दिनों आगरा में ईसाई समाज ने एक बड़ा फैसला लिया गया था। ईसाई समाज ने अपने कब्रिस्तान में कब्रों को लीज पर देने की बात कही गयी थी। इसके बाद आगरा के शाही पंचकुइया कब्रिस्तान ने भी बड़ा फैसला लिया है।
शाही कब्रिस्तान की कमेटी ने कब्रिस्तान में अब पक्की कब्रें बनाने पर रोक लगा दी गई है। पहले की जो भी पक्की कब्रें बनी हैं, उनको तोड़ने के लिए कमेटी ने संबंधित लोगों को नोटिस दिये गये हैं।
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जहीरूद्दीन बाबर का कहना है कि कब्रिस्तान में लोग कब्रों को दफनाने के साथ ही जगह पर कब्जा कर रहे हैं। ताकि भविष्य में इस परिवार के किसी भी सदस्य का निधन होता है, तो उस जगह पर उसको दफनाया जा सके। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
सचिव ने बताया कि इस संबंध में नियमावली बनाकर जिलाधिकारी को भेज दी है। अब से पंचकुइया कब्रिस्तान में पक्की कब्रें और एडवांस प्लॉट पर रोक लगा दी है। जिन लोगों ने पक्की कब्रें बनाई हैं, उनको नोटिस दे दिया गया है।अगर उसके बाद भी पक्की कब्रों को नहीं तोड़ा गया, तो कानूनी कार्रवाई की जायेगी।