विदेशी फंडिंग पर कार्रवाईः राजीव गांधी फाउंडेशन व ट्रस्ट का FCRA लाईसेंस रद्द
पात्रा ने कहा कि यह कार्रवाई गृह मंत्रालय द्वारा गठित अंतर-मंत्रालयी समिति की जांच के बाद की गयी है। समिति को मनी लांड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA), आयकर अधिनियम, विदेशी अंशदान विनियामक अधिनियम के तहत कानूनों के उल्लंघन संबंधी रिपोर्ट देने का कहा गया था।
नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने कांग्रेस के दो बड़े गैर सरकारी संस्थाओं (NGO) पर विदेशी फंडिंग पर कार्रवाई की है। सरकार ने राजीव गांधी फाउंडेशन व राजीव गांधी चैरेटेबिल ट्रस्ट का FCRA (Foreign Contribution Regulation Act) यानी विदेशी अंशदान विनियामक अधिनियम का लाईसेंस रद्द कर दिया है।
भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने रविवार को प्रेस वार्ता में बताया कि राजीव गांधी फाउंडेशन व राजीव गांधी चैरेटेबल ट्रस्ट दोनों NGO की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ही रही हैं। इन दोनों संस्थानों का केन्द्र में कांग्रेस की मनमोहन सिंह सरकार में वर्ष 2005 से 2013 के बीच चीन से कई बार करोड़ों रुपये दान में भेजे गये। जाकिर नाईक की इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन ने भी राजीव गांधी फाउंडेशन व राजीव गांधी चैरेटेबिल ट्रस्ट ने भी 50 लाख रुपये भेजे।
राजीव गांधी फाउंडेशन की स्थापना 1991 में हुई थी। इसकी चेयरपर्सन सोनिया गांधी हैं, जबकि ट्रस्टी के रुप में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह, पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम, राहुल गांधी व प्रियंका गांधी वाड्रा शामिल हैं।
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संबित पात्रा ने कहा कि सोनिया गांधी के सर्वेसर्वा वाले इन संगठनों को चीन से करोड़ों की फंडिंग हुई। इसके लिए राहुल गांधी का चीन से कई तरह के गुप्त समझौते हुए थे। उन्होने कहा कि कांग्रेस सरकार का जाकिर नाईक के साथ भी समझौता था। इसके बदले में जाकिर से संगठन इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन ने 50 लाख का दान दिया था।
पात्रा ने कहा कि यह कार्रवाई गृह मंत्रालय द्वारा गठित अंतर-मंत्रालयी समिति की जांच के बाद की गयी है। समिति को मनी लांड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA), आयकर अधिनियम, विदेशी अंशदान विनियामक अधिनियम के तहत कानूनों के उल्लंघन संबंधी रिपोर्ट देने का कहा गया था।
समिति ने राजीव गांधी फाउंडेशन व राजीव गांधी चैरेटेबल ट्रस्ट के साथ-साथ इंदिरा गांधी मैमोरियल ट्रस्ट की फंडिंग की भी जांच की थी। उन्होने विदेशी फंडिंग पर वर्तमान मोदी सरकार द्वारा की गयी कार्रवाई की सराहना की।