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Bijnor Court Decision: 45 साल बाद तक चला एनडीपीएस एक्ट में मुकदमा, अब तीनों आरोपी बरी

एडवोकेट अनिल चौधरी ने बताया कि बिजनौर न्यायालय (Bijnor Court) के कोर्ट नंबर-7 की कोर्ट में एक मामला चल रहा था। अपर जिला जज एवं विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार ने एनडीपीएस एक्ट(NSPC Act) में लगभग 45 साल से चल रहे मुकदमे में अपना फैसला सुनाया। यह केस सन् 1976 में 5 लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ था। इनमें दो आरोपियों की मुकदमे की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो गई और बाकी लोगों को बाइज्जत बरी कर दिया।

बिजनौर। अपर जिला जज एवं विशेष न्यायाधीश की अदालत में एनडीपीएस एक्ट में 45 साल बाद फैसला सुनाया है। अदालत ने एनडीपीएस एक्ट के मुकदमे में तीनों आरोपियों को बाइज्जत बरी कर दिया। इस मामले के दो आरोपियों की मुकदमें के ट्रायल के दौरान मौत हो चुकी है।


एडवोकेट अनिल चौधरी ने बताया कि बिजनौर न्यायालय (Bijnor Court) के कोर्ट नंबर-7 की कोर्ट में एक मामला चल रहा था। अपर जिला जज एवं विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार ने एनडीपीएस एक्ट(NDPS Act) में लगभग 45 साल से चल रहे मुकदमे में अपना फैसला सुनाया। यह केस सन् 1976 में 5 लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ था। इनमें दो आरोपियों की मुकदमे की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो गई और बाकी लोगों को बाइज्जत बरी कर दिया।


यह कहना गलत न होगा कि आज न्यायालय में विशेष जज मनोज कुमार जैसे जजों की जरूरत है। यह मामला काफी सुर्खियों में भी रहा। देश भर की अदालतों में लगभग 5 करोड़ मुकदमें लंबित हैं ।

45 साल बाद सुनाये गये फैसले के वाद के बारे में जानकारी देते एडवोकेट अनिल चौधरी

जैसे बिजनौर में यह मामला 45 साल तक चल रहा, ऐसे सैंकड़ों मामलों दशकों से अन्य जनपदों की अदालत में चल रहे हैं। अदालत में मुकदमें दशकों तक लंबित रहते हैं, और उन्हें निपटाने के लिए कोई तैयारी नहीं की जाती।


विशेष जज (Special Judge) मनोज कुमार ने 5 दिसंबर को ही बिजनौर में कार्यभार संभाला था। उनके सामने जैसे ही यह 45 साल से चल रहा मुकदमा सामने आया तो उन्होने उसे यथाशीघ्र निपटाया। इसी तरह से अन्य अदालतों में शीघ्रता से निर्णय हों तो वादकारियों को काफी हद तक राहत मिल सकती है।

Shubham Pandey। Uttar Pradesh Bureau

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