World News: सूडान के नील नदी के तीसरे और चौथे जलप्रपात के बीच पुरातत्वविदों ने एक ऐसे प्राचीन मंदिर के अवशेष को ढूंढ निकाला है जो करीब 2700 साल से भी ज्यादा के हैं। कहा जा रहा है कि यह मंदिर तब बना था जब इस इलाके में कुश राज का विशाल साम्राज्य था और इसमें सूडान ,मिस्र और मिडिल ईस्ट के कई देश शामिल थे। मंदिर का यह अवशेष ओल्ड दोगोला के गढ़ में पाए गए हैं। इस मंदिर के अवशेष यह भी कहा जा रहा है कि प्राचीन काल में यहाँ हिन्दू साम्राज्य था और यहाँ की जनता काफी सुखी संपन्न भी थी।
इस मंदिर पर कई तरह के चित्र भी बने हैं और कुछ लिखावट भी दिख रही है। जांच से यह पता चला है कि मंदिर का यह पत्थर पहली सहस्त्रावदी ईसा पूर्व की शुरूआती बनावट का हिस्सा है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस मंदिर में कावा के अमुन -रा -नाम के भगवान् थे। लोग उनकी पूजा करते थे। इस भगवान् में लोगो की काफी आस्था थी।
इस मंदिर की खोज यूनिवर्सिटी ऑफ़ वारसा के पुरातत्वविदों ने की है। उनका कहना है कि काफी अहम् है क्योंकि ओल्ड डोंगला से अब तक पुरानी चीजें नहीं मिली थी। मंदिर के कुछ अवशेषों में शिलालेखों के कुछ टुकड़े मिले हैं जो प्राचीन कहानी का बयान कर रहे हैं।
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सूडान के पुरातत्वविदों का कहना है कि इस खोज से कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं। मंदिर का सटीक समय का पता लगाने के लिए अभी और शोध करने की जरूरत है। अवशेष की जांच से ही पता चलेगा कि यहाँ मंदिर स्थित था या फिर अवशेषों को कही से लाया गया था।