Manish Sisodia: दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री मनीष सिसोदिया को जमानत मिलेगी या नहीं यह तो 28 जुलाई को पता चलेगा क्योंकि शीर्ष अदालत इस दिन सिसोदिया (Manish Sisodia) की जमानत अर्जी पर सुनवाई करने को तैयार हो गया है। लेकिन अदालत ने आज सीबीआई और ईडी को नोटिस जारी करते हुए कहा है कि जाँच से जुड़े रिपोर्ट को जल्द जमा किया जाए। बता दें कि मनीष सिसोदिया पर शराब नीति में घोटाला करने का आरोप लगा है। वे लगभग 140 दिनों से जेल में बंद हैं। इधर उनकी पत्नी काफी बीमार चल रही है और अस्पताल में भर्ती हैं। पत्नी की ख़राब हालत को लेकर मनीष सिसोदिया जमानत मांग रहे हैं ताकि पत्नी को देख सकें। लेकिन जाँच के दौरान उनके खिलाफ कई बड़े सबूत की वजह से मनीष को जमानत नहीं दी जा रही है। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने जमानत अर्जी को स्वीकार करते हुए 28 तारीख को सुनवाई करने को कहा है।
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बता दें कि शराब नीति घोटाला में सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई (CBI) और ईडी (ED) की जांच हुई थी। ईडी ने सिसोदिया (Manish Sisodia) की साढ़े सात करोड़ की संपत्ति को जब्त किया हुआ है। ईडी की यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून के तहत की गई थी। इस दौरान सिसोदिया के साथ ही अन्य आरोपी अमनदीप ढल ,राजेश जोशी और गौतम मल्होत्रा की भी करीब 53 करोड़ की संपत्ति जब्त की थी।
गौरतलब है कि शराब नीति मामले में सिसोदिया की गिरफ़्तारी सीबीआई द्वारा फरवरी में की गई थी। इसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने फिर मार्च महीने में सिसोदिया (Manish Sisodia) को गिरफ्तार किया। उसी समय से सिसोदिया लगातार जमानत की मांग करते रहे हैं लेकिन उन्हें जमानत नहीं दी गई। ईडी का आरोप है कि सिसोदिया ने 14 बार फोन और 43 बार सिम कार्ड बदले हैं। इनमें से पांच सिम उपमुख्यमंत्री के नाम पर लिए गए थे।
बता दें कि 2021 में केजरीवाल सरकार ने नई शराब नीति को लांच किया था। इस नीति में दिल्ली में शराब काफी सस्ती कर दी गई और रिटेलर्स को डिस्काउंट देने की छूट दी गई। लेकिन बीजेपी ने केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाया कि इस नीति के तहत घोटाला किया गया और बड़े पैमाने पर केजरीवाल सरकार ने पैसे कमाए। बीजेपी ने कहा कि जिनसे सरकार के अच्छे सम्बन्ध है उन डीलरों को लाभ पहुंचाया गया। फिर 2022 में इस मामले की जांच शुरू हो गई। उपराज्यपाल ने मुख्य सचिव से इस बारे में रिपोर्ट मांगी। रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई की जांच शुरू हुई और मनीष सिसोदिया गिरफ्तार कर लिए गए।
हालांकि अभी तक सीबीआई और ईडी ने घोटाला से जुड़े कोई बड़े सबूत पेश नहीं किये है लेकिन सिसोदिया को जेल में रखा गया है और जमानत से भी उन्हें वंचित रखा गया है। अब मामला शीर्ष अदालत के पास आया है। देखना होगा कि शीर्ष अदालत इस पर क्या कुछ कर पाता है।