Delhi Pollution: राजधानी दिल्ली प्रदूषण से जूझती रहती है। प्रदूषण का पारा चरम पर रहता है। जहां लोगों को सांस लेने में कठिनाई उठानी पड़ती है। यहां के लोगों का जनजीवन बेहद ही बुरा हो जाता है। दिल्ली में प्रदूषण इस कदर छा जाता है कि लोगों को सांस लेने के लिए जंग लड़ना पड़ता है प्रदूषण साफ तौर पर नजर भी आता है काले धुएं की चादर पूरे दिल्ली पर छाई रहती है। तो वहीं इसी बीच दिल्लीवासियों के लिए खुशखबरी सामने आई है। पिछले कुछ समय से दिल्ली कि वायु गुणवत्ता में सुधार देखने को मिला है। जहां सीपीसीबी (CPCB) की रिपोर्ट सामने आई है। लगातार प्रदूषण पर काबू पान के लिए किए जा रहे प्रयासों में सफलता हासिल हुई है। खोजें जा रहे उपायों की वजह से दिल्ली-एनसीआर में 2018 के बाद से पीएम-10 में 13 फीसदी और पीएम 2.5 में नौ फीसदी की कमी दर्ज की गई है।
इतना ही नहीं दिल्ली-एनसीआर के साथ ही साथ देशभर के अन्य कई राज्य ऐसे हैं जो प्रदूषण से जूझ रहे हैं। जिनकी आबादी 10 लाख से ज्यादा होती है जैसे मुंबई, पटना, जमशेदपुर, धनबाद, कोलकाता, अमृतसर, बंगलूरू, चेन्नई, सहित 51 शहरों में वायु गुणवत्ता के स्तर में सुधार देखने को मिला है। जिसके बाद इन शहरों के लोगों को एक बहुत बड़ी राहत मिली है क्योंकि पिछले कई सालों से प्रदूषण के मामले उठा कर देखें जाए तो प्रदूषण से होने वाली बीमारियों के आकड़ों में बढोत्तरी देखने को मिली थी। इससे कई लोग गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। इतना ही नहीं लोगों को सांस लेने के लिए ऑक्सीजन लेना पड़ता था।
बता दें कि सीपीसीबी की रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि प्रदूषण को कम करने के लिए किए जा रहे उपायों की वजह से पीएम-10 और पीएम 2.5 के अलावा वायु में शामिल सल्फर आक्साइड एंव नाइट्रोजन में भी कमी हुई है।
इन वजहों से हुआ सुधार
कूड़ा खत्म करने के वैज्ञानिक तरीकों ने दिलाई प्रदूषण से राहत
स्वच्छ ईधन के इस्तेमाल से भी मदद मिली है।
पेट्रोल पंपो पर वीपीआर लगाकर रिकवरी किया गया।
पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने पर रोक लगाए जाने से इसका असर सबसे ज्यादा देखने को मिला है क्योंकि पराली से अधिक प्रदूषण होता है। यूपी, हरियाणा और पंजाब में रोक लगाई गई थी।