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Assembly Election 2023: प्रचार खत्म अब मंथन जारी

Assembly Election 2023: कुल मिलाकर कहानी यही है कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ का चुनाव प्रचार कल शाम को खत्म हो गया ।सबने अपनी पूरी ताकत का इजहार किया। कोई भी किसी से पीछे रहने की हिमाकत नही की। बीजेपी हो या कांग्रेस या फिर सपा हो या बसपा सबने अपनी पूरी ताकत लगाई। जनता पर अपना प्रभाव छोड़ा ।जनता कितनी प्रभावित हुई यह तो 17 तारीख को पता चलेगा लेकिन इस चुनाव में यह साबित हो गया कि इस देश में भले ही आम जनता की आर्थिक परेशानी है लेकिन राजनीतिक पार्टियों के सामने कोई परेशानी नहीं है। उसके पास बहुत से पैसे हैं। पैसे कहां से आते हैं यह कोई नही जानता। मध्य प्रदेश में किसकी सरकार बनेगी यह कोई नही जानता।

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बीजेपी इस बार शिवराज के चेहरे पर चुनाव नही लड़ी है। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ का चुनाव पीएम मोदी के चेहरे पर ही लड़ा गया है। जीत होगी तो पीएम मोदी का डंका बजेगा और हार होगी तो इनका इकबाल घटेगा ।इसके साथ ही बीजेपी की मुश्किल भी बढ़ेगी। मध्यप्रदेश में बीजेपी को चुनाव जीतना जरूरी है। बीजेपी को लग रहा है इस बार एमपी में चुनाव परिणाम पार्टी के पक्ष में नहीं आए तो साफ हो जाएगा की बीजेपी की जमीन कमजोर हुई है। बीजेपी को पिछले 2018 के चुनाव में भी झटका लगा था। यह बात और है कि कांग्रेस को बहुमत वाली जीत तो नही हुई थी लेकिन बीजेपी की हार जरूर हो गई थी।
कमलनाथ की सरकार बनी लेकिन चल नही पाई। 15 महीने के भीतर ही सरकार को बीजेपी ने गिरा दिया। बीजेपी का ऑपरेशन कमल काफी सफल रहा। सिंधिया का सहारा लिया और सिंधिया ने अपने विधायकों को बीजेपी के साथ लाया और कमलनाथ की सरकार गिर गई ।इस बार कमलनाथ और कांग्रेस पूरी ताकत के साथ मैदान में हैं। अब देखना ये है कि जनता किसी आशीर्वाद देती है।

इस बार दाव पर इज्जत तो आप ,सपा और बसपा का भी लगा हुआ है ।इन सभी पार्टियों ने खूब मेहनत भी की है ।इनके तो वजूद भी भी फंसे हुए हैं ।कुछ सीटें इनके पाले में आ गई तो इनकी राजनीति आज बढ़ेगी और ऐसा नही हुआ तो आगामी खेल भी खत्म हो जाएगा।

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छत्तीसगढ़ का भी यही हाल है। छत्तीसगढ़ में न तो बीजेपी और न ही कांग्रेस ने ही कोई चेहरा पेश किया है। बीजेपी यहां भी मोदी के नाम पर ही चुनावी खेल को अंजाम दिया है। उधर कांग्रेस ने भी किसी को सीएम चेहरा नहीं बनाया है। भूपेश बघेल अभी सीएम हैं लेकिन अगर कांग्रेस चुनाव जीत जाती है तो संभव है कि कोई दूसरा चेहरा भी सीएम बन सकता है। उधर अजीत जोगी की पार्टी ,सपा और बसपा के साथ ही कई क्षेत्रीय पार्टियां भी चुनावी मैदान में है। इनमे से कुछ पार्टियों को अगर एक भी सीट पर जीत नही होती है तो उसकी राजनीति हो खराब हो जायेगी। उसके अस्तित्व पर हो सवाल उठ जायेंगे।

मजे की बात है कि इस बार का चुनाव कई पार्टियों के लिए काफी अहम है। बीजेपी और कांग्रेस की लड़ाई में आगे कांग्रेस को सत्ता हाथ लग गई तो कांग्रेस का इकबाल बढ़ेगा और ऐसा नही हुआ तो राहुल की राजनीति पर सवाल उठेंगे। यही हाल बीजेपी के साथ भी होना है ।प्रतिष्ठा पीएम मोदी की फांसी है जीत होगी तो उनकी होगी और हर होगी तो उनकी ही होगी।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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