2024 Public Examinations Bill: विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं में लगातार चली आ रही गड़बड़ी को रोकने के लिए सोमवार को कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के राज्यमंत्री जितेन्द्र सिंह ने लोकसभा में सार्वजनिक परीक्षा विधेयक पेश किया। इस बिल का प्रमुख उद्देश्य प्रवेश परीक्षाओं में गैरकानूनी और अनुचित तरीकों के उपयोग पर रोक लगाना था। जो बिते मंगलवार लोकसभा में पारित हो गया। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के राज्यमंत्री Jitendra Singh ने लोकसभा में इस विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि ये प्रवेश परीक्षाओं में पारदर्शिता, निष्पक्षता एवं विश्वसनीयता लेकर आएगा।
सार्वजनिक परीक्षा विधेयक में क्या कहा गया है
सार्वजनिक परीक्षा विधेयक के अंतरगत परीक्षार्थियों को इस कानून से दुर ही रखा गया है। विधेयक में परीक्षाओं में होने वाली बदचलनी को भी स्पष्ट किया गया है। विधेयक के अनुसार प्रश्नपत्र या उत्तर कुंजी को समय से पहले सार्वजनिक करना या लीक करना, परीक्षागर्ह में जिसे प्रवेश का अधिकार नही मिला हो ऐसे किसी भी इंसान का किसी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से किसी परीक्षार्थि की सहायता करना या अन्य कंप्यूटर नेटवर्क या संसाधनो के साथ छेड़छाड़ करना गंभीर अपराध माना जाएगा।
दोषियों से वसूला जाएगा परीक्षा का पूरा खर्च
सार्वजनिक परीक्षा विधेयक के अनुसार जो लोग इस अपराध में शामिल होगें परीक्षा का पूरा खर्च उन अपराधियों से ही वसूला जाएगा। जुर्माना ना भरे पर उनकी संपत्ति को जब्त कर लिया जाएगा। सार्वजनिक परीक्षा विधेयक के अंतरगत एसएससी, यूपीएससी, रेलवे, बैंक भर्ती एवं राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षाओं पर लागु किया जाएगा।
विधेयक के किन दायरों से रहेंगे विद्यार्थी दुर
सभी विद्यार्थी और परीक्षार्थियों को इसके दायरे से दुर ही रखा जाएगा। परीक्षार्थियों को किसी भी प्ररकर की प्रेशानीयों से नही गुजर्ना पडे़गा। जितेन्द्र सिंह का मानना है कि यह विधेयक लागु होना बेटे-बेटियों के बेहतर भविष्य के लिए बहुत जरूरी है। इस कानून के तहत प्रवेश परीक्षाओं में पारदर्शीता आएगी। और जो लोग Education System के साथ छेड़छाड़ करते है उनको सजा दिलाने में मदद करेगा।
सार्वजनिक परीक्षा विधेयक के अनुसार अगर परीक्षा प्रनाली में भागीदारी रखने वाला कोई व्यक्ति या समूह, परीक्षा से जुड़े किसी मामले का दोषी पाया जाता है। तो ऐसी स्थिती में उसे कम से कम पांच साल की कैद की सजा सुमाई जाएगी। जिसे जरूरत पड़ने पर बढ़ाकर दस साल किया जा सकता है। सजा के साथ-साथ दोषीयों को कम से कम 1 करोड़ का जुर्माना भरना पडे़गा।
क्या कहती है New Education Policy?
New Education Policy के अंतर्गत बच्चों को हर विषय को पढ़ने और उसमें करियर बनाने का स्वतंत्र अवसर मिलेगा। इस Policy का उल्लेख करते हुए जितेन्द्र सिंह ने डीएमके सांसद कथिर आनंद के उस बयान को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होनें कहा था कि भाषा के कारण ज्यादातर परीक्षार्थियों के साथ भेदभाव होता है। केंद्रीय मंत्री Jitendra Singh ने कहा कि केंद्र सरकार ने कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी), संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) एवं अन्य परीक्षाओं को देश की 13 भाषाओं में आयोजित कराना शुरू किया है। प्रयास है कि आगे आठवीं अनुसूची में शामिल सभी 22 भारतीय भाषाओं में भर्ती परीक्षाएं आयोजित कराई जाएंगी।