SEBI का नया प्रस्ताव : लगातार कम कारोबार वाले Stocks उन्होंगे बाहर
स्टॉक मार्केट में आए दिन कुछ ना कुछ बदलवा होते रहते है। ऐसे में मार्केट रेगुलेटर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी)(Market regulator Securities and Exchange Board of India) ने सोमवार को स्टॉक मार्केट में कुछ नए सख्त नियम लागू किए हैं। अब, बाजार में उन शेयरों का व्यापार कम होगा जो बार-बार बिकते हैं। SEBI का कहना है कि बिना पर्याप्त गहराई के बाजार में हेरफेर होने से बाजार की अस्थिरता बढ़ सकती है और निवेशकों को नुकसान हो सकता है।
नए प्रस्ताव के अनुसार, किसी व्यक्तिगत शेयर को डेरिवेटिव कारोबार में शामिल करने के लिए उसका कारोबार कम से कम 75 प्रतिशत दिनों में होना चाहिए।
उच्च गुणवत्ता वाले शेयर ही उपलब्ध हों
खबर के अनुसार, सेबी को यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि डेरिवेटिव खंड में केवल उच्च गुणवत्ता वाले शेयरों का ही व्यापार हो। नया प्रस्ताव इसे निर्धारित करता है कि किसी शेयर को डेरिवेटिव कारोबार में शामिल करने के लिए उसके कारोबार कम से कम 75% दिनों में होना चाहिए। साथ ही, कम से कम 15% सक्रिय व्यापारियों या 200 सदस्यों (जो भी कम हो) ने इसमें कारोबार किया हो और उसका औसत दैनिक कारोबार 500 करोड़ से 1,500 करोड़ रुपये के बीच हो।
अनुबंधों की अधिकतम संख्या का भी प्रस्ताव
सेबी(SEBI) के प्रस्ताव के मुताबिक शेयर के लिए खुले संविदा (Contracts) की अधिकतम संख्या 1,250 करोड़ रुपये और 1,750 करोड़ रुपये होनी चाहिए। वर्तमान में यह आंकड़ा 500 करोड़ रुपये है। यह प्रस्ताव इस बात को सुनिश्चित करने के लिए है कि संबंधित शेयर में पर्याप्त कारोबार हो। सेबी ने 19 जून तक सार्वजनिक टिप्पणियां मांगी हैं। अब बाजार नियामक ने डेरिवेटिव बाजार में शेयरों के प्रवेश और निकास के लिए सलेक्शन मानदंडों की समीक्षा करने का प्रस्ताव भी लागू किया है । लागू प्रस्ताव में एलआईसी, जोमैटो, यस बैंक, जियो फाइनेंशियल, पेटीएम, आरवीएनएल और अदानी ग्रीन जैसे कम से कम 78 शेयर सूची में शामिल हो सकते हैं।
इन शेयरों पर लटक सकती है तलवार
डेरिवेटिव बाजार में शेयरों के प्रवेश और निकास के लिए सलेक्शन मानदंडों की समीक्षा करने का प्रस्ताव लागू होते ही, एलआईसी, जोमैटो, यस बैंक, जियो फाइनेंशियल, पेटीएम, आरवीएनएल और अदानी ग्रीन की तरह कम से कम 78 शेयर इस सूची में शामिल हो सकते हैं।