UP Saharanpur news: सबका साथ सबका विकास…. प्रधानमंत्री के दावे हुए फेल, गांव में नही पंहुचा विकास
Sabka saath sabka vikaas…. Prime Minister's claims failed, development did not reach the village
UP Saharanpur news: देश को आजाद हुए 76 साल हो गए पर बॉर्डर पर बसा एक गाँव आज भी मूलभूत सुविधाओं से आज भी वंचित है। गाँव की कोई भी बेटी साक्षर नही है। न ही गाँव के 40 प्रतिशत लड़को की शादी हो पाई हैं.
जी हाँ आपको बता दे कि आज भी एक ऐसा गाँव सहारनपुर से 42 किलोमीटर हरियाणा के बॉर्डर पर बसा हुआ है। इस गाँव का नाम माजरी टापू है। जो जमुना नदी के कटाव के कारण हरियाणा (Haryana) से UP में आ गया है।जिसका आधा हिस्सा UP व आधा हरियाणा में लगता है। जहाँ आज भी मोबाइल काम नही करता सरकारी राशन लेने भी माजरी टापू के निवासियों को कश्ती का सहारा लेकर हरियाणा के यमुनानगर 9 किलोमीटर जाना पड़ता है। क्योकि राशन लेने के लिए बायोमेट्रिक यहाँ नेट न होने के कारण नही चल पाता इस गाँव के बारे में आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस गाँव मे कोई भी डॉक्टर या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नही है। और स्कूल केवल 5वी क्लास तक है। इसलिए गाँव की लड़कियां शिक्षा से वंचित है। यहाँ महिलाओं के प्रसव के लिए भी कश्ती का सहारा लेकर 9 किलोमीटर हरियाणा (Haryana) के अस्पताल में पहुंचाया जाता है। इस कारण कई स्त्रियों की प्रसव के लिए लेकर जाते हुए मौत हो चुकी गाँव वासियो का कहना है की अभी एक बच्चा कश्ती से हरियाणा पढ़ाई के लिए जाते यमुना नदी में डूबने से हो गयी थी मौत गाँव वालों का कहना है। की कांग्रेस (congress) सरकार ने इतने साल राज किया व याब बीजेपी सरकार का राज है। सब सरकारों को नदी पर पुल बनाने के लिए गुहार लगा चुके है । पर आजतक पुल नही बन पाया इसलिए इस माजरी टापू गाँव ने लोक सभा चुनाव का बहिष्कार किया था पूरे गाँव ने एक भी वोट नही दिया और आगे भी आने वाले सभी चुनाव का पुल न बनने के कारण बहिष्कार का ऐलान किया है।आपको बता दे कि गाँव के 40प्रतिशत युवा अविवाहित है। क्योकि यहाँ कोई भी अपनी लड़की का रिश्ता नही करता है।
लोकसभा चुनाव (loksabha election) में इस गांव में कोई जनप्रतिनिधि हरियाणा सरकार के हो या यूपी सरकार के किसी भी जनप्रतिनिधि की हिम्मत नही हो सकी की वो वोट मांग सके किसी की हिम्मत नही कि इस गांव में वोट मांग सके.
हर पांच साल में इस गांव में जनप्रतिनिधि चुनावी के दौरान गांव में भ्रमण करते थे और वोट मांगते थे की इस बार वोट तो तो पुल बन जाएगा पर सरकार के प्रतिनिधि वोट लेने के बाद इस गांव में दुबार नही आते जिसे नाराज होकर ग्रामीणों ने सरकार के खिलाफ वोट नही किया.