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Delhi liquor case latest News: अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत मामले में SC से नहीं मिली राहत

Arvind Kejriwal did not get relief from SC in interim bail case

Delhi liquor case latest News: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की शराब घोटाला मामले में जमानत पर रोक के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। फिलहाल, सुप्रीम कोर्ट से केजरीवाल को कोई राहत नहीं मिली है। केजरीवाल ने दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा उनकी रिहाई पर रोक के फैसले को चुनौती दी थी। जस्टिस मनोज मिश्र और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच के सामने सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ता ने कहा कि हाई कोर्ट उनकी अर्जी इसलिए नहीं सुन रहा है क्योंकि ऐसा ही मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहले हाई कोर्ट से अपनी अर्जी वापस लें, फिर हमारे पास आएं।

सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की जमानत पर अंतरिम रोक हटाने से इनकार कर दिया है और कहा कि हमें दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है, तो हमारा हस्तक्षेप करना उचित नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस याचिका को बुधवार को सुनवाई के लिए रखेंगे। केजरीवाल के वकील सिंघवी ने कहा कि जब दिल्ली हाई कोर्ट बिना ऑर्डर कॉपी अपलोड किए रोक लगा सकता है, तो सुप्रीम कोर्ट भी बिना हाई कोर्ट का आदेश आए उस पर रोक लगा सकता है।

क्या था मामला?

दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने 17 नवंबर 2021 को एक्साइज पॉलिसी 2021-22 लागू की, जिससे शराब कारोबार निजी हाथों में चला गया। सरकार ने कहा था कि इससे माफिया राज खत्म होगा और राजस्व बढ़ेगा। लेकिन यह नीति विवादों में घिरी रही और 28 जुलाई 2022 को इसे रद्द कर दिया गया। 8 जुलाई 2022 को तत्कालीन मुख्य सचिव नरेश कुमार की रिपोर्ट में मनीष सिसोदिया समेत आम आदमी पार्टी के कई नेताओं पर आरोप लगाए गए। इसके बाद एलजी वीके सक्सेना ने सीबीआई जांच की सिफारिश की।

याचिका में क्या कहा गया है?

सीएम केजरीवाल की याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट का जमानत आदेश पर रोक लगाने का तरीका कानून के विपरीत है और यह जमानत के बुनियादी नियमों का उल्लंघन करता है। याचिका में कहा गया है कि सिर्फ इसलिए कि याचिकाकर्ता एक राजनीतिक व्यक्ति है और केंद्र सरकार का विरोधी है, यह उसके खिलाफ झूठा मामला बनाने का आधार नहीं हो सकता। इसके साथ ही उसे कानूनी प्रक्रिया से वंचित करने का भी कोई आधार नहीं हो सकता।

सुनवाई के दौरान कोर्ट में क्या हुआ?

सुनवाई के दौरान केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हाई कोर्ट का स्थगन का फैसला नियामक कानून के विपरीत है। उन्होंने बताया कि उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट ने बिना किसी स्पष्ट कारण के जमानत रिहाई के आदेश पर स्थगन लगा दिया है। सिंघवी ने इसे कानूनी अवैधता बताया और कहा कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व फैसलों के आधार पर जमानत देने के बाद बिना किसी विशेष कारण के रोक नहीं लगा सकता।

हाईकोर्ट के आदेश से न्याय को पहुंची चोट’

याचिका में यह भी दर्ज किया गया है कि कोर्ट के इस आदेश ने न्याय को चोट पहुंचाई है और इससे याचिकार्ता को भी दुःख हुआ है। अदालत ने इस आदेश को एक पल के लिए भी जारी नहीं रखने का मान्यता दिया है। वे बार-बार यह बताते हैं कि स्वतंत्रता से एक दिन के लिए भी वंचित होना अधिक है।

Written By। Mansi Negi । National Desk। Delhi

मेरा नाम मानसी नेगी है और मैं न्यूज वॉच इंडिया" की लेखिक हूँं। मैं एक पत्रकार और सामयिक विषयों पर विश्लेषक हूं। इस ब्लॉग के माध्यम से, मेरा उद्देश्य आपको ताजातरीन और विश्वसनीय खबरें प्रदान करना है, ताकि आप हर महत्वपूर्ण घटना से अपडेट रहें। मुझे राजनीति, अर्थव्यवस्था और सामाजिक मुद्दों पर लिखना पसंद है और मैं हमेशा निष्पक्षता और सत्य के साथ खबरें पेश करने का प्रयास करता हूँ।

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