Hathras Hadsa: मौत का ‘सत्संग’, आखिर ‘योगी बाबा’ कब लेंगे तगड़ा एक्शन?
मौत का ‘सत्संग’, आखिर ‘योगी बाबा’ कब लेंगे तगड़ा एक्शन?
Hathras Hadsa: दर्द, मातम, चीख, चिल्लाहट और मौत का अंधेरा… जहां चंद घंटों पहले नारायण साकार हरि का सत्संग सजा था..वहां अब मौत के मातम का अंधेरा पसरा है…और मरने वालों के अनगिनत निशान…जो चप्पल जूते और पीछे छूट गए उनके सामान की शक्ल में यहां बीते डरावने मंजर की गवाही दे रहे हैं…यहां किसी ने भाई खोया तो किसी ने अपनी बहन..किसी ने अपनी मां को तो किसी का पड़ोसी सत्संग में मची भगदड़ में जान गंवा चुका है।
122 लोगों की मौत का जिम्मेदार नारायण साकार हरी उर्फ़ भोला बाबा का काफिला सत्संग के बाद निकल गया और फिर उसके पीछे पीछे लोग दौड़ पड़े.. इसी के बाद वहां भगदड़ मची और लाशों का अंबार लग गया। बाबा का प्रवचन सुनने जो लोग आए थे.. उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा की वहां मौत उनका इंतजार कर रही है
बाबा के पांव की धूल जमा करने के लिए भाग रहे लोगों को ये नहीं पता था की यही उनके मौत का कारण बन जाएगी। लेकिन इस भगदड़ के बाद का जो मंजर है वो वाकई दिल दहला देने वाला है हादसे में 122 लोगों की मौत हो गई है। साथ ही 35 लोग घायल हैं। अब इस मामले में जांच के लिए एक हाई लेवल कमेटी बनाई गई है। सत्संग के बाद हाथरस में नारायण साकार हरि का समागम स्थल किसी श्मशान से कम नहीं था.. लेकिन सवाल उठता है कि आखिर 122 लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन है। हाथरस का प्रशासन.. आयोजक.. या फिर बाबा खुद।
लोग बदहवासी की हालत में अपनों को अस्पतालों में ढूंढ रहे हैं…इस उम्मीद में …कि काश उनके अपने उन्हें वहीं कहीं घूमते नजर आ जाएं…लेकिन बदइंजामी के सत्संग ने उनके अपनों को छीन लिया है। कौन सोच सकता था…कि दोपहर में जो सत्संग से भरा पंडाल भक्तों के जयकारों से चहक रहा है…वो अचानक मौत के पंडाल में बदल जाएगा.।
खबर है कि दोपहर दो बजे हाथऱस के फुलरई गांव बाबा नारायण साकार हरि का सत्संग खत्म होने के बाद लोग साकार हरि के पैरों की धूल और पैर छूने के लिए उमड़े..और फिर उसके बाद पंडाल में जो भगदड़ मची…उसने सैकड़ों लोगों की जान ले ली…किसी की दम घुटने से मौत हो गई। तो तमाम की हजारों की भीड़ में पैरों से कुचल जाने से सांसे टूट गईं। आरोप ये भी लग रहे हैं कि सत्संग के लिए बनाए गए रास्ते बेहद संकरे थे…और बाबा के गार्ड्स ने गेट पर जबरदस्ती लोगों को रोककर रखा था और उसी से भगदड़ मची और इतने लोग काल के मुंह में चले गए।