Jagdeep Dhankhar Left Chair Rajyasabha: राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने विनेश फोगाट का मुद्दा उठाने की कोशिश की लेकिन सभापति ने उन्हें ऐसा करने की अनुमति नहीं दी.
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ आज सदन में काफी भावुक दिखे, शायद आपने उन्हें पहले कभी इतना भावुक होते नहीं देखा होगा। दरअसल आज संसद में विनेश फोगाट को ओलंपिक से बाहर किए जाने के मुद्दे पर खूब बहस हुई। इस मुद्दे पर राज्यसभा में खूब हंगामा हुआ। विपक्ष की नारेबाजी से सभापति जगदीप धनखड़ भड़क गए। उन्होंने इस मौके का इस्तेमाल विपक्ष के प्रति अपनी नाराजगी जताने और सभापति पद को खतरे में बताने के लिए किया। इसके बाद राज्यसभा में विनेश फोगट पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि पूरा देश विनेश फोगाट के साथ खड़ा है। प्रधानमंत्री, जिनकी आवाज़ 140 करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करती है, ने कल उन्हें “चैंपियन ऑफ़ चैंपियंस” कहा। अफ़सोस की बात है कि विपक्ष और सत्ता पक्ष इसे अलग-अलग कर रहे हैं। अफ़सोस की बात है कि सत्ता पक्ष तैयार है और विपक्ष के पास कोई वास्तविक मुद्दा नहीं है जिसे वे उठाना चाहें। मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूँ कि भारत सरकार, खेल मंत्रालय और IOC द्वारा समाधान के लिए हर मंच की तलाश की गई।
जगदीप धनखड़ ने कहा ,इस पवित्र सदन को अराजकता का केंद्र बनाना, भारतीय लोकतंत्र को कमजोर करना, अध्यक्ष को अमानवीय बनाना और शारीरिक रूप से कष्टदायक वातावरण को बढ़ावा देना, ये सभी ऐसे व्यवहार के उदाहरण हैं जो सभ्य माने जाने वाले आचरण से परे हैं। ये सदन इस समय प्रतिपक्ष के राष्ट्रीय अध्यक्ष की उपस्थिति में प्रतिपक्ष के नेता के रूप में देख रही है, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी सदन के सदस्य हैं।
धनखड़ ने दावा किया कि एक प्रमुख समाचार पत्र ने शब्दों, पत्रों और समाचार पत्रों के माध्यम से चुनौती देने के तरीके के बारे में गलत टिप्पणी की थी। मैंने देखा है, मेरे को ये चुनौती नहीं दी जा रही है। ये चुनौती सभापति के पद को मिल रही है। ये चुनौती इसलिए दी जा रही है कि जो व्यक्ति इस पद पर बैठा है वो इसके लायक नहीं है। ऐसा ये सोचते हैं। मुझे हाउस का समर्थन जितना चाहिए उतना नहीं मिला है, ऐसा मैं सोचता हूं।
इस बीच, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने जयराम रमेश पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘नहीं, जयराम जी, हंसिए मत।’उन्होंने कहा कि इसको मुद्दा मत बनाइए, मैं आपका हैबिट (आदत जानता हूं)। अब मेरे पास एक ही विकल्प है मैंने सदन में बहुत वरिष्ठ सदस्य हैं, अभी उपस्थित हैं। उन्होंने राजनीति मेरे से बहुत ज्यादा देखी है, मैं मेरी शपथ से दूर नहीं भाग रहा हूं। जो आज मैंने देखा है कि जिस तरीके से व्यवहार सदस्य ने किया है, जिस तरीके से व्यवहार इधर से भी हुआ है, मैं कुछ समय के लिए यहां बैठने में सक्षम नहीं पा रहा हूं, मैं दुखी मन से जा रहा हूं।
सदन से बाहर निकालने को लेकर दी गई चेतावनी
आपको बता दें कि विपक्ष के नेता खड़गे ने राज्यसभा में विनेश फोगट का मुद्दा उठाने की कोशिश की थी। लेकिन सभापति धनखड़ ने उन्हें इसकी अनुमति देने से मना कर दिया। इसके बाद जगदीप धनखड़ ने टीएमसी सांसद को इस मुद्दे पर चर्चा करने से मना कर दिया। सभापति ने धमकी दी कि अगर उन्होंने दोबारा ऐसा किया तो उन्हें सदन से बाहर कर दिया जाएगा। इसके बाद सदन में हंगामा और बढ़ गया। विपक्ष की नारेबाजी के बीच सभापति जगदीप धनखड़ भी काफी भावुक नजर आए।