Ethanol Vehicle: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का सपना है कि डीजल और पेट्रोल से चलने वाली गाड़ियों में इथेनॉल का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल हो। इसके लिए उन्होंने योजना भी बना ली है। अब इसको लेकर एक नई रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें कई जानकारियां दी गई हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिलाने के सरकारी लक्ष्य को हासिल करने के लिए अधिक मात्रा में गन्ने का इस्तेमाल करना होगा। इससे चीनी के स्टॉक स्तर और मिल मालिकों के नकदी प्रवाह में भी सुधार होने की संभावना है। ई.एस.वाई नवंबर से अक्टूबर तक चलता है।
क्या कहती है रिपोर्ट?
क्रिसिल रेटिंग्स ने एक रिपोर्ट में कहा कि ई.एस.वाई 2025 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण के भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने या इसकी आपूर्ति को सालाना 9.9 बिलियन लीटर तक बढ़ाने के लिए अनाज और गन्ना दोनों फीडस्टॉक्स के प्रभावी उपयोग की आवश्यकता होगी। इसने कहा कि अगले सत्र तक अनाज से सालाना इथेनॉल उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि होकर 600 करोड़ लीटर होने की उम्मीद है।
आपको बता दें कि इस सीजन में उत्पादन का अनुमान 380 करोड़ लीटर है। क्रिसिल रेटिंग्स ने कहा कि बाकी बची मात्रा को गन्ने से इथेनॉल प्रोसेस करके तैयार करना होगा, जो पर्याप्त क्षमता को देखते हुए काफी व्यावहारिक लगता है। क्रिसिल रेटिंग्स ने कहा कि इससे चीनी भंडार को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है, खास तौर पर इथेनॉल उत्पादन पर सरकारी प्रतिबंधों और निर्यात के लिए डायवर्सन के कारण मौजूदा सीजन के अंत में पहले बचे हुए स्टॉक को देखते हुए।
भारत को होगा फायदा
इथेनॉल सम्मिश्रण से भारत की कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि ईएसवाई 2021 के बाद से प्रत्येक सीजन में इथेनॉल मिश्रण दर में दो से तीन प्रतिशत की लगातार वृद्धि हुई है। जब इथेनॉल का उत्पादन होता है तो अनाज का उपयोग जरूरी होता है जिसे विनियमित नहीं किया जा सकता है। लेकिन सरकार चीनी की मांग-आपूर्ति संतुलन के आधार पर प्रयोग किए जाने वाले गन्ने की मात्रा बताती है।