Pakistan Terror Attack: पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में पुलिस स्टेशनों, रेलवे लाइनों और राजमार्गों पर आतंकवादियों ने हमला किया। यह हमला सोमवार 26 अगस्त को हुआ, जिसमे कम से कम 73 लोग मारे गए। अधिकारियों ने बताया कि, सुरक्षा बलों ने तुरंत आतंकवादियों पर जवाबी हमला किया, जिसमें 21 हमलावर मारे गए।
बलूच विद्रोहियों ने यह हमला बुगती जनजाति के सम्मानित नेता नवाब अकबर बुगती की 18वीं पुण्यतिथि पर किया। उन्हें 2006 में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने मार गिराया था। इस ऑपरेशन का आदेश तत्कालीन पाकिस्तानी राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने दिया था।
23 लोगों को मारी गई गोली
पाकिस्तान की सेना ने कहा कि, झड़प में 14 सैनिक और पुलिसकर्मी तथा 21 हमलावर मारे गए। बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री सरफराज बुगती ने कहा कि, विद्रोही हमले में 38 नागरिक भी मारे गए। इनमें से 23 लोग हाईवे पर हुए हमले में मारे गए। मूसाखेल जिले में हुए सबसे बड़े हमले में विद्रोहियों ने बस यात्रियों को उतारकर उनके पहचान पत्र जांचने के बाद 23 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी। इनमें से अधिकतर पंजाबी थे। वहीं, राजधानी क्वेटा को प्रांत के अन्य हिस्सों से जोड़ने वाले रेलवे पुल पर हुए हमले में 6 लोग मारे गए।
हाईवे पर 12 ट्रकों को भी आग के हवाले किया
बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने इन घटनाओं की जिम्मेदारी ली है। उसने दावा किया है कि वह और भी घटनाओं को अंजाम देगा। मूसाखेल जिले के वरिष्ठ एसएसपी अयूब खोसो ने बताया कि बस यात्रियों पर हमला करने से पहले बंदूकधारियों ने जिले के रारसिम इलाके में हाईवे को जाम कर दिया था। मारे गए यात्रियों में से ज़्यादातर दक्षिणी पंजाब और कुछ ख़ैबर पख़्तूनख़्वा प्रांत के थे। उन्होंने बताया कि, बंदूकधारियों ने हमले के दौरान राजमार्ग पर 12 ट्रकों में आग भी लगा दी।
प्रांतीय राजधानी को पाकिस्तान के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाले रेल पुल पर विस्फोट के बाद क्वेटा के लिए रेल यातायात को निलंबित कर दिया गया है। पाकिस्तान को ईरान से जोड़ने वाली रेलवे लाइन को भी बलूच विद्रोहियों ने निशाना बनाया।
विद्रोही सोने और तांबे की खदानों के विकास का भी विरोध कर रहे
दरअसल, बलूच विद्रोही दशकों से संघीय सरकार का विरोध कर रहे हैं और प्रांत के संसाधनों पर लोगों के अधिकारों का दावा कर रहे हैं। वे दक्षिणी बलूचिस्तान में चीन द्वारा विकसित किए जा रहे रणनीतिक ग्वादर बंदरगाह, सोने और तांबे की खदानों के विकास का भी विरोध कर रहे हैं।
पंजाब के 6 मजदूरों को बनाया निशाना
सरफराज बुगती ने घटना की कड़ी निंदा की है और मृतकों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। मालूम हो कि चार महीने पहले मूसाखेल जिले में इसी तरह के हमले में पंजाब के नौ लोगों की मौत हो गई थी। पिछले साल बलूचिस्तान के केच जिले में भी पंजाब के छह मजदूरों को निशाना बनाया गया था।