UP Ghaziabad News: दोस्ती का ढोंग रचकर फिरौती मांगने वाले चार खलनायक गिरफ्तार
Four villains arrested for demanding ransom by pretending to be friends
UP Ghaziabad News: मुरादनगर की धरा आज फिर पुलिस की अडिग सूझ-बूझ और निर्भीक कार्रवाई की साक्षी बनी, जब चार शातिर अपराधियों की साजिश का पटाक्षेप करते हुए पुलिस ने एक युवक को बंधक संकट से मुक्त कराया। ये खलनायक आकाश नामक युवक से 1,25,000 रुपये की फिरौती ऐंठने के प्रयास में थे, परंतु पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने उनके कुत्सित मंसूबों पर पानी फेर दिया।
कथानक का आरंभ:
दिल्ली के संगम विहार निवासी लक्ष्मण ने मुरादनगर थाने में सूचना दी कि उनके मित्र आकाश को कुछ लोगों ने ओयो होटल ‘रायल आर्बिट इन’ मुरादनगर में बंदी बना रखा है। लक्ष्मण ने बताया कि अपराधियों ने उनके दोस्त को बंधक बना, धनराशि की मांग की है। यह सूचना मिलते ही मुरादनगर के वीर जवानों ने त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए इस अंधेरे षड्यंत्र को भेदने की ठान ली।
खलनायकों के चेहरे उजागर:
- दीपक पुत्र रामजी लाल – बखरबा, मोदीनगर का निवासी, जिसकी कुटिलता ने इसे अपराध के मार्ग पर अग्रसर किया।
- आकाश पुत्र अजय कुमार – संत नगर, बुराड़ी का निवासी, जिसने अपने नाम के विपरीत काला कर्म किया।
- संजय पुत्र शेखर – हनुमानपुरी, मोदीनगर का एक और दुष्चरित्र, जो लालच के साए में फंसकर इस कृत्य का सहभागी बना।
- तरुण पुत्र राजेंद्र – गुड़गांव के गढ़ी हरसरू का युवक, जिसने धन के लिए अपने मानव धर्म को विस्मृत कर दिया।
इन चारों खलनायकों की योजना थी कि आकाश को अपने जाल में फंसाकर उससे 1,25,000 रुपये की मांग की जाए।
अपराध का काला जाल और खुलासा:
पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे ऑनलाइन गेमिंग के माध्यम से आकाश से परिचित हुए थे। उन्हें जानकारी थी कि आकाश के पास पर्याप्त धन है, इसीलिए उन्होंने उसे षड्यंत्रपूर्वक होटल बुलाकर बंधक बना लिया।
कानून की विजय और अपराध का अंत:
मुरादनगर पुलिस ने अपने अद्वितीय कौशल से आरोपियों को धर दबोचा और आकाश को सकुशल मुक्त कराया। आकाश पुत्र अजय के कब्जे से एक 32 बोर की पिस्टल बरामद की गई, जो इस नाटक का अंत कर गई। पुलिस की त्वरित और निर्णायक कार्रवाई ने इन शातिरों के खतरनाक इरादों को ध्वस्त कर दिया।
सतर्क प्रहरी:
मुरादनगर पुलिस की यह सफलता समाज में कानून और न्याय की पताका फिर से फहराती है। पुलिस की इस कार्रवाई ने न सिर्फ चार खलनायकों को सलाखों के पीछे पहुंचाया, बल्कि यह संदेश दिया कि न्याय के हाथ सदैव ऊपर होते हैं।