UP Bijnor News: कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग ने मुख्य न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय को ज्ञापन
Congress Minority Department submitted a memorandum to the Chief Justice of the Supreme Court
UP Bijnor News: बिजनौर कलेक्ट्रेट में अखिल भारतीय कॉंग्रेस कमेटी के नवनियुक्त राष्ट्रीय सचिव,बिहार के प्रभारी व कॉंग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश चेयरमैन जनाब शाहनवाज़ आलम साहब के निर्देशानुसार और वसीम अकरम (एङ) ज़िलाध्यक्ष कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग बिजनौर के नेतृत्व मे जिलाधिकारी द्वारा श्री डी वाई चंद्रचूड मुख्य न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय को ज्ञापन दिया।
विषय-उमर खालिद,गुल्फिशा फातिमा,मिरान हैदर व अन्य आरोपियों पर बेल के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसलों व आदेशों के लागू न किए जाने के संबंध में
महोदय,
इस ज्ञापन के माध्यम से हम आपसे कोई मांग नहीं कर रहे हैं.हम सिर्फ़ माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा ज़मानत के विषय पर समय-समय पर दिए गए फैसलों की याद आपको दिलाना चाहते हैं।
1 ट्रायल कोर्ट के जज ज़मानत देने में हिचकिचाते हैं. जिन्हें लोअर कोर्ट से बेल मिलनी चाहिए,उन्हें सुप्रीम कोर्ट आना पड़ता है.
2-मैं ज़िला जजों से सुनना चाहता हूँ कि ‘बेल नियम है और जेल अपवाद’ का सिद्धांत अपना आधार क्यों खो रहा है।
3-जजों को ज़मानत याचिकाओं पर अपने विवेक का इस्तेमाल करना चाहिए।
4- अगर सुनवाई में देरी हो रही हो तो यूएपीए केसेज़ में भी अभियुक्त को ज़मानत दी जा सकती है।
5-अगर जल्द सुनवाई के अधिकार का उल्लंघन हो रहा हो तो संवैधानिक बेंच बावजूद वैधानिक बंधन के भी ज़मानत दे सकता है।
6-यूएपीए जैसे विशेष कानूनों में भी ‘बेल नियम और जेल अपवाद’ का सिद्धांत लागू होता है।
7- विस्तृत सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ज़मानत याचिका को दुबारा ट्रायल कोर्ट में नहीं भेज सकता।
8- हाई कोर्ट और ट्रायल कोर्ट यह भूल गए हैं कि सज़ा के तौर पर ज़मानत नहीं रोकी जा सकती।
9- चार साल तक सुनवाई शुरू न होने पर आरोपी को ज़मानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एनआईए को फटकारा और कहा कि आप न्याय का मज़ाक नहीं बना सकते.
10- जमानत न देना मौलिक अधिकार का उल्लंघन.
11- दिल्ली शराब नीति घोटाले के आरोपी विजय नायर को ज़मानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी की आज़ादी पवित्र होती है।
दिल्ली शराब नीति घोटाले में ज़ामानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट का तर्क था कि इस केस में इतने ज़्यादा पन्नों की चार्जशीट है और इतने गवाह हैं कि ट्रॉयल के जल्दी पूरा होने की कोई संभावना ही नहीं है.इसलिए हम तब तक किसी को जेल में नहीं रख सकते.गौरतलब है कि दिल्ली शराब घोटाले में चार्जशीट 69000 पन्नों की है और गवाहों की कुल संख्या 493 है.वहीं उमर खालिद के मामले में चार्जशीट 30000 पन्नों की है और गवाहों की संख्या 463 है।
13- सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब केस में चार्जशीट के काफी मोटे होने और गवाहों की संख्या ज़्यादा होने के आधार पर दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया को 17 महीने,पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल को 5 महीने और राज्य सभा सदस्य संजय सिंह को 7 महीने में ज़मानत दे दिया।
14-अगर दिल्ली शराब घोटाले में दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को 17 महीने, पूर्व मुख्यमन्त्री केजरीवाल को 5 महीने और राज्य सभा सांसद संजय सिंह को 7 महीने में ज़मानत दी जा सकती है तो उमर खालिद व अन्य को 4 साल बाद भी ज़मानत क्यों नहीं दी जा सकती?
इस दौरान साथ मे अल्पसंख्यक प्रदेश उपाध्यक्ष हुमांयू बेग जी,कांग्रेस वरिष्ठ नेता नीरज चौधरी जी, कांग्रेस वरिष्ठ नेता अनिल त्यागी जी, कांग्रेस वरिष्ठ नेता इकबाल अहमद की, कांग्रेस वरिष्ठ नेता वकार जी, एडवोकेट मौ. मोहसिन सभासद, अल्पसंख्यक जिला उपाध्यक्ष, सगीर अहमद, जिला उपाध्यक्ष, एडवोकेट उजैर अहमद, जिला उपाध्यक्ष, मोहम्मद अहमद, डॉक्टर जुनैद अली, शाहबाज़ अन्सारी, जमाल अब्बास, नदीम मलिक, मोहम्मद अजमल, मास्टर अली हसन, अकील सैफी, अशरफ अंसारी, मुख्तार अंसारी, खलिलुर रहमान कासमी, आमिर अंसारी, अशरफ मलिक, एडवोकेट मौ. साजिद, अकरम मंसूरी, राशिद अहमद, इमरान मलिक, विवेक सिंह, कादिर अहमद, कॉंग्रेस अल्पसंख्यक कार्यकर्ता आदि मौजूद रहे!