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UP News: यूपी में 10 सीटों पर उपचुनाव, कांग्रेस-सपा गठबंधन पर अखिलेश यादव का आया बड़ा बयान

By-elections on 10 seats in UP, Akhilesh Yadav's big statement on Congress-SP alliance

UP News: यूपी में 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए कांग्रेस 5 सीटें मांग रही थी। सपा ने उनकी मांग नहीं मानी और 6 सीटों पर अपने प्रत्‍याशी उतार दिए। कहा जा रहा है कि सपा कांग्रेस को गाजियाबाद विधानसभा सीट दे सकती है।

उत्‍तर प्रदेश में 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने 6 सीटों पर प्रत्‍याशी घोषित कर दिए हैं। यूपी के राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा शुरू हो गई है कि सपा ने अपने सहयोगी कांग्रेस को दरकिनार कर दिया गया है। दरअसल, कांग्रेस 5 सीटों पर अपना दावा कर रही थी, लेकिन सपा ने उनकी मांग को तवज्‍जो नहीं दिया। इस बीच, बुधवार को अखिलेश यादव ने स्‍पष्‍ट कर दिया कि उपचुनावों में सपा और कांग्रेस गठबंधन कर मैदान में उतरेगी।

इटावा में अपने पिता मुलायम सिंह यादव को श्रद्धाजंलि देने के बाद अखिलेश यादव ने मीडिया से बातचीत की। अखिलेश ने कहा- ‘यह सही समय नहीं है यूपी उपचुनावों पर चर्चा करने का पर हमारा कांग्रेस और इंडिया गठबंधन से नाता बना रहेगा। उपचुनाव में सपा कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ेगी।’ गौरतलब है कि चाहे मध्य प्रदेश (madhya pradesh) हो या हरियाणा (haryana) , कांग्रेस (Congress) ने दोनों राज्यों में इंडिया गठबंधन (INDIA Alliances)के तहत SP को कोई सीट नहीं दी। इससे SP को अपने कदम वापस खींचने पड़े।

पहले दिया था ये बयान

इससे पहले सपा के प्रवक्ता डॉ. आशुतोष वर्मा ने कहा था, यह साबित हो गया है कि क्षेत्रीय दलों के बिना कांग्रेस भाजपा को हराने में सक्षम नहीं है। कांग्रेस ने हरियाणा (Harayana) में सपा का कोई जनाधार नहीं बता कर अनदेखी की। फिर सपा मुखिया ने बड़ा दिल दिखाया और हरियाणा (haryana) में कोई उम्मीदवार नहीं उतारा। महाराष्ट्र (maharastra) में हमारा संगठन है और हमारे विधायक भी हैं, मगर कांग्रेस UP के उपचुनाव में 5 सीटें मांग रही है। इससे पता चलता है कि वह साझेदारी को आगे बढ़ाने की कोई इच्छा नहीं रखती। हालांकि संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दस सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा करते हैं, लेकिन ऐसा कहां है? जिन सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें से कई सीटों पर 2022 के चुनावी आंकड़ों में सपा पहले स्थान पर है, जबकि कांग्रेस चौथे या पांचवें स्थान पर है।

बिना कांग्रेस के BJP को हराना मुश्किल

इस पर कांग्रेस के प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने कहा, देश और प्रदेश के मतदाता यह बात समझते हैं कि बिना कांग्रेस के भाजपा को हराना मुश्किल है। इसलिए दूसरे राजनीतिक दलों (Political parties) के नेताओं को बयानबाजी करने से पहले राजनीतिक गंभीरता का ध्यान रखना चाहिए। इस वक्त देश में जो संवैधानिक संकट (Constitutional crisis) है, उससे लड़ने के लिए हमें एक साथ आना होगा।

Congress अब बारगेनिंग की स्थिति में नहीं

वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक सिद्धार्थ कलहंस कहते हैं, ”हरियाणा में अपने प्रदर्शन के बाद कांग्रेस (congress) को UP उपचुनाव में जो मिला है, वह अच्छा है, लेकिन वे ज़्यादातर सीटों पर कमज़ोर स्थिति में हैं.” कांग्रेस अब मोल-तोल करने की स्थिति में नहीं है और इसका असर 2027 तक पड़ सकता है. चूंकि शरद पवार और उद्धव ठाकरे सपा को उनकी उचित संख्या में सीटें नहीं देंगे, इसलिए कांग्रेस को भी महाराष्ट्र में सपा को अपनी सीटों का कोटा देना होगा। हरियाणा के नतीजों ने कांग्रेस पर और दबाव बढ़ा दिया है, और वह अब किसी भी कीमत पर यूपी में गठबंधन को बिगाड़ने का जोखिम नहीं उठा सकती, क्योंकि उसे बड़ा नुकसान होने का डर है।

Written By । Prachi Chaudhary । Nationa Desk । Delhi

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