Baba Siddique Death Case: महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता बाबा सिद्दीकी की शनिवार रात मुंबई के बांद्रा ईस्ट इलाके में तीन लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी। इस हत्या को लेकर देशभर में गुस्सा है। इस बीच पुलिस ने मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है जबकि एक आरोपी फरार है। अभी हत्या के पीछे के कारण पता नहीं चल पाया है, लेकिन दोनों गिरफ्तार आरोपियों ने दावा किया है कि वे बिश्नोई गैंग से जुड़े हुए है। इसी के साथ लॉरेंस बिश्नोई को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है।
सूत्रों के मुताबिक लॉरेंस बिश्नोई ने साबरमती जेल में नवरात्रि के दौरान 9 दिनों तक मौन व्रत रखा था। इस दौरान बिश्नोई ने किसी से बात नहीं की। उसने खाना भी नहीं खाया। माना जाता है कि जब भी बिश्नोई मौन व्रत रखता है, उसका गिरोह बड़ी वारदात को अंजाम देता है।
हाल ही में लॉरेंस बिश्नोई का एक वीडियो कॉल सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। जिसमें बिश्नोई एक पाकिस्तानी गैंगस्टर से बात कर रहा था और उसे ईद की बधाई दे रहा था। दावा यह भी किया गया कि बिश्नोई ने यह कॉल साबरमती जेल से की थी, लेकिन वीडियो वायरल होने के बाद साबरमती जेल प्रशासन ने इसे पुराना वीडियो बताकर मामले से अपना पल्ला झाड़ लिया।
सूत्रों के मुताबिक लॉरेंस बिश्नोई को साबरमती जेल में अलग सेल में रखा गया है। वह जेल से ही मोबाइल फोन का इस्तेमाल करता है। एजेंसी के लोग भी यही बताते हैं। बिश्नोई कम खाना खाता है और खाने में दूध, दही और फलों का इस्तेमाल करता है। इसके अलावा वह जेल में बैडमिंटन खेलता है और एक्सरसाइज भी करता है।
बिश्नोई तिहाड़ जेल में भी फोन पर बात करता था। आजतक/इंडिया टुडे ने बिश्नोई की दिलचस्प कॉल के ज़रिए इसका खुलासा किया। सिद्धू मूसावाला की हत्या के बाद बिश्नोई के एक करीबी ने जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई को फोन करके सिद्धू मूसावाला की हत्या की जानकारी दी। बिश्नोई पंजाब और राजस्थान की जेलों में बंद रहने के दौरान भी मोबाइल फोन का इस्तेमाल करता था।
बिश्नोई को एक विशेष बैरक में रखा गया है
गुजरात की साबरमती जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई को एक खास बैरक में रखा गया है। उसे इस बैरक की अंडा सेल में रखा गया है। जहां उसके साथ कोई दूसरा कैदी नहीं है। आमतौर पर आतंक और गंभीर अपराधों में शामिल खूंखार कैदियों को ही ऐसी सेल में रखा जाता है। 2008 से बम धमाकों में शामिल आतंकियों को भी इसी तरह अंडा सेल में रखा गया था। यह जेल का सबसे सुरक्षित हिस्सा है, जहां बैरक और सेल के बाहर भी सुरक्षाकर्मी मौजूद रहते हैं।
इन सेल-बैरक में बंद आरोपियों को बात करने के लिए बहुत कम समय मिलता है। अकेले होने के कारण सुरक्षाकर्मी भी उनसे बात करने से कतराते हैं। उन्हें सुबह 6 से 12 बजे और शाम को 3 से 6 बजे के बीच नाश्ता और खाना दिया जाता है। उन्हें वहां से बाहर जाने की अनुमति नहीं है। लॉरेंस बिश्नोई धार्मिक हैं और वे अपनी सेल में ध्यान और पाठ करते रहते हैं। उन्हें केंद्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी के बिना जेल से बाहर नहीं निकाला जा सकता।
आरोपी हमलावर 25 दिनों से इलाके की रेकी कर रहे थे
मुंबई पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार क्राइम ब्रांच का दावा है कि पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया है कि वे बिश्नोई गैंग से जुड़े हुए हैं। सूत्रों के अनुसार आरोपी पिछले 25-30 दिनों से इलाके की रेकी कर रहे थे। तीनों आरोपी ऑटो रिक्शा में सवार होकर बांद्रा ईस्ट स्थित गोलीबारी स्थल पर पहुंचे, जहां गोली चलाई गई।
सूत्रों ने यह भी बताया कि, तीनों आरोपियों ने बाबा सिद्दीकी पर हमला करने से पहले वहां कुछ समय बिताया और उनका इंतजार किया। पुलिस को शक है कि आरोपी किसी और से भी अंदरूनी जानकारी हासिल कर रहे थे। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।