Sanatan Dharma Meeting in Parliament: 16 नवम्बर को देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज द्वारा दिल्ली में सनातन धर्म संसद बुलाई जा रही है। इस तृतीय ‘सनातन धर्म संसद’ में सनातन बोर्ड गठन सहित कई मांगों को पूरी ताकत के साथ उठाया जायेगा। इसे लेकर सुप्रसिद्ध कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर संत एवं कथाकारों के साथ एक बैठक आयोजित कर रहे हैं। जिसमें सभी वक्ता सनातन के पक्ष में सभी को एकजुट होकर वक्फ बोर्ड के सापेक्ष सनातन बोर्ड गठित करने की मांग को लेकर एकजुट हो रहे हैं। दिल्ली में होने वाली संनातन धर्म संसद में सभी संत समाज एवं हिंदु धर्मालम्बियों के शामिल होने को लेकर रणनीति तैयार की जा रही है। सभी संत-कथाकारों की बैठक में सनातन बोर्ड गठन, श्रीकृष्ण जन्मभूमि अतिक्रमणमुक्त कर भव्य मंदिर निर्माण एवं तिरूपति बालाजी मंदिर के प्रसाद मे मिलावट जैसे मुद्दों के खिलाफ अपनी राय रख रहे हैं।
हर हिंदू ने ठाना है सनातन बोर्ड बनाना है!
इस दौरान सनातन न्यास फाउन्डेश के अध्यक्ष देवकीनंदन महाराज ने कहा कि, कितने आश्चर्य की बात है कि हिंदु बाहुल्य देश में मुसलमानों कें धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक अधिकारों की रक्षा के लिये मुस्लिम वक्फ बोर्ड मौजूद है लेकिन अभी तक सनातनियों के लिये ‘सनातन बोर्ड’ की जरूरत नहीं समझी गई। उन्होने कहा कि, अगर वक्फ बोर्ड रहा तो सनातन बोर्ड भी बनकर रहेगा। श्रीकृष्ण जन्मभूमि का अतिक्रमण मुक्त होकर भव्य निर्माण भी होगा।
सभी सनातनी एक रहेंगे नेक रहें!
बीती राग संत गोविन्दानंद तीर्थ ने कहा कि, अगर सनातनी अभी भी नहीं जागे तो कहीं देर ना हो जाए। वक्फ बोर्ड ने मनमाने ढंग से सनातनियों की जमीनों पर कब्जा किया है। सनातन बोर्ड में ऐसे नियम बनने चाहिए जिनसे वक्फ को गलत कब्जे छोड़ने पड़ें और नया कब्जा न हो। स्वामी कृष्णानंद ने कहा कि, संख्या बल दिखाकर सरकार को सनातन के समर्थन में कानून बनाने पड़ेगें। महंत फूलडोल महाराज ने कहा कि सनातनी एक रहेंगे तो नेक रहेंगे।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि सनातन बोर्ड के गठन के लिए देश के हर राज्य से जनहित याचिका दायर होनी चाहिए, ताकि कोर्ट इस मांग पर विचार करने के लिए मजबूर हो।
स्वामी बलरामचार्य ने कहा कि, कांग्रेस सरकार की मेहरबानी से गठित वक्फ बोर्ड को समाप्त करना चाहिये। साथ ही कहा कि, 2009 से अब तक 15 साल में वक्फ की सम्पत्ति दुगनी हो गई है।
बैठक की अध्यक्षता कर रहे नाभा पीठाधीश्वर सुतीक्ष्ण दास महाराज ने कहा कि, सनातनियों के लिये यह जागने और जगाने का स्वर्णिम समय है। अधिकार माँगने से नहीं मिलता है बल्कि लेने से मिलता है। पीपाचार्य बलराम बाबा ने कहा कि, जब एक बार सनातन बोर्ड के लिए आगे बढ़ गए हैं, तो अब इस पर पीछे नहीं हटना है, सनातन की रक्षा के लिए यह बहुत जरूरी है।
मंच संचालन कर रहे मृदुलकान्त शास्त्री ने कहा कि, सही समय पर सही माँग उठाई गई हैं, इसमें सभी सनातनियों को एक होकर आगे आना होगा। गोरे दाऊजी महंत प्रहलाद दास ने कहा कि, केन्द्र और प्रदेश में सनातनियों के सहयोग से ही सरकार बनी हैं, सनातनियों की माँग माननी ही पड़ेगीं।
वृन्दावन से भारी संख्या में साधु-संत जाएंगे दिल्ली
धर्म रक्षा संघ के सौरभ गौड़ ने प्रधानमंत्री को पत्र जारी कर सनातन बोर्ड की मांग का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि 16 नवंबर को सुदामा कुटी, गोरे दाऊजी, हनुमान टेकरी और अन्य आश्रमों से 1000 से अधिक साधु-संत आयोजन को सफल बनाने के लिए दिल्ली जाएंगे।
बैठक में स्वामी सत्यमित्रानंद, दमहामंडलेश्वर स्वामी रामस्वरूप दास, स्वामी चित्रप्रकाशानंद, स्वामी बलरामाचार्य, महंत देवानंद परमहंस, महंत, अतुल कृष्ण दास, महंत दशरथ दास, पदरेणु महाराज, तीर्थ पुरोहित संघ के श्यामसुन्दर गौतम, रामविलास चतुर्वेदी, महामंडलेश्वर भैया जी, राम जीवन दास शास्त्री, महंत देवानंद वन महाराज, अशोक भारद्वाज, राजेश शास्त्री, आचार्य सुदर्शन मिश्रा, आचार्य रमेश आनंद, सरस्वती जय गोपाल शास्त्री, पंकज मिश्रा, आचार्य विनय त्रिपाठी, करुणा शंकर त्रिवेदी, आचार्य विनय, त्रिपाठी भक्ति वेदांत महाराज के साथ बड़ी संख्या में साधु-संत शामिल रहे।