Income Tax department raids: झारखंड में चुनाव से पहले हेमंत सोरेन के निजी सचिव के ठिकानों पर आयकर विभाग का छापा, सियासी सरगर्मी तेज.
Income Tax department raids: Before the elections in Jharkhand, Income Tax department raids the premises of Hemant Soren's personal secretary, political activity intensifies.
Income Tax department raids: झारखंड में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच राज्य में राजनीतिक माहौल गरमा गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निजी सचिव सुनील श्रीवास्तव के घर और उनसे जुड़े विभिन्न ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापेमारी की है। यह कार्रवाई ऐसे समय में की गई है जब राज्य में पहले चरण के चुनाव में महज कुछ ही दिन शेष बचे हैं। छापेमारी रांची और जमशेदपुर के कुल 16 ठिकानों पर की जा रही है। यह कार्रवाई चुनाव के समय को देखते हुए राजनीतिक दृष्टिकोण से भी अहम मानी जा रही है, और इसने राज्य की सियासत में हलचल मचा दी है।
किन ठिकानों पर की जा रही है छापेमारी?
सूत्रों के अनुसार, आयकर विभाग ने शनिवार सुबह से ही रांची में 7 और जमशेदपुर में 9 ठिकानों पर छापेमारी शुरू की। ये सभी स्थान हेमंत सोरेन के निजी सचिव सुनील श्रीवास्तव और उनसे जुड़े अन्य लोगों के हैं। इस छापेमारी को लेकर माना जा रहा है कि आयकर विभाग के पास हवाला के माध्यम से बड़ी मात्रा में पैसों के लेन-देन की जानकारी थी। इन सूचनाओं के आधार पर ही विभाग ने चुनाव से ठीक पहले यह कार्रवाई की है।
सूनील श्रीवास्तव न सिर्फ हेमंत सोरेन के निजी सचिव हैं, बल्कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के केंद्रीय समिति के सदस्य और पार्टी के स्टार प्रचारक भी हैं। उनकी पार्टी के साथ-साथ सरकार में भी अहम भूमिका है, जिससे यह मामला और भी गंभीर हो गया है।
सीएम हेमंत सोरेन की प्रतिक्रिया का इंतजार
इस कार्रवाई के बीच अब तक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। हालांकि, यह छापेमारी राजनीतिक और चुनावी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है और इसके कारण विपक्ष ने इसे चुनाव के मद्देनजर एक राजनीतिक चाल बताया है। राज्य में जेएमएम के विरोधी दलों ने इस कार्रवाई को सरकार की विफलताओं और भ्रष्टाचार की ओर इशारा करते हुए जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश करार दिया है।
14 अक्टूबर को भी हुई थी छापेमारी
यह पहली बार नहीं है जब हेमंत सरकार के अधिकारियों और संबंधित लोगों के ठिकानों पर इस तरह की छापेमारी हुई हो। 14 अक्टूबर को भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री मिथलेश ठाकुर के भाई विनय ठाकुर, निजी सचिव हरेंद्र सिंह, और कई इंजीनियरों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस छापेमारी में जल जीवन मिशन में कथित घोटाले से जुड़े दस्तावेजों और सबूतों की तलाश की गई थी। उस समय भी इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार के मुद्दे से जोड़कर देखा गया था और विपक्ष ने इसे चुनाव से पहले प्रशासनिक कार्रवाई के रूप में लिया था।
चुनावी माहौल में छापेमारी से बढ़ी सियासी हलचल
झारखंड में दो चरणों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, जिनमें पहला चरण 13 नवंबर को और दूसरा चरण 20 नवंबर को होना है। चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। ऐसे समय में जब राज्य के राजनीतिक दल और उनके नेता चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं, हेमंत सोरेन के निजी सचिव के ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी ने राजनीतिक सरगर्मी को और बढ़ा दिया है। इस छापेमारी को चुनावी साजिश मानते हुए कुछ लोग इसे राजनीतिक हथकंडा भी बता रहे हैं, ताकि सरकार और जेएमएम की छवि धूमिल की जा सके।
विपक्ष ने उठाए सवाल
इस कार्रवाई के बाद राज्य के विपक्षी दलों ने भी तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं। भाजपा के प्रवक्ता ने इसे राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ा कदम बताया और कहा कि इस तरह की कार्रवाइयों से भ्रष्टाचारियों का पर्दाफाश होता है। भाजपा नेताओं ने हेमंत सोरेन सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार और गलत ढंग से पैसे के लेन-देन के कई मामले सामने आ रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या राज्य सरकार की प्रमुख हस्तियों का नाम इन भ्रष्टाचार के मामलों में शामिल है और इस पर जवाब मांगा।
दूसरी ओर, जेएमएम के नेताओं ने इस कार्रवाई को चुनाव के समय एक राजनीतिक साजिश बताया। उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार चुनाव के वक्त इस तरह की जांच और कार्रवाई करके राज्य में जेएमएम की छवि को धूमिल करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार चुनावी फायदा उठाने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।