Sambhal Violence: ‘हमारे सासंद संभल से 2200km दूर थे फिर FIR दर्ज कैसे’?, अखिलेश का सवाल… पुलिस ने दिया ये जवाब
अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के संभल क्षेत्र में हुई हिंसा के संबंध में सपा सांसद जिया-उर-रहमान के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर सवाल उठाए हैं।
Sambhal Violence: संभल हिंसा पर अखिलेश यादव (akhilesh yadav) ने आरोप लगाया कि, “हमारे सांसद जिया उर रहमान संभल में थे ही नहीं, इसके बावजूद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई। पुलिस ने कहा कि बर्क ने कहा कि उन्होंने भीड़ को उकसाया। बर्क को पहले भी नोटिस दिया गया था।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सांसद अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश (uttar pradesh) के संभल क्षेत्र में हुई हिंसा के संबंध में सपा सांसद जिया-उर-रहमान के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर सवाल उठाए हैं। मामले में संभल पुलिस (sambhal police) ने भी जवाब दिया। पुलिस का कहना है कि उन्हें पहले भी भड़काऊ भाषण नहीं देने के लिए नोटिस दिया गया था।
अखिलेश यादव ने कहा, “हमारे सांसद जिया उर रहमान संभल में थे ही नहीं, इसके बावजूद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई। यह सरकार द्वारा किया गया दंगा है। कोर्ट द्वारा आदेश पारित किए जाने के तुरंत बाद ही पुलिस और प्रशासन सर्वे के लिए जामा मस्जिद पहुंच गए।
पुलिस प्रशासन ने 23 नवंबर को कहा कि अगली सुबह यानी 24 नवंबर को दूसरा सर्वे किया जाएगा। पुलिस प्रशासन को ऐसा करने का निर्देश किसने दिया? जब लोगों ने पूछा कि उनका सर्वे क्यों किया जा रहा है, तो सर्किल पुलिस ने उनके साथ बदसलूकी की।
इसका विरोध करते हुए लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। बदले में पुलिस कांस्टेबल से लेकर अधिकारी तक सभी ने अपने सरकारी और निजी हथियारों से गोलियां चलाईं। जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग मौजूद है।
इससे कई लोग घायल हो गए। पांच निर्दोष लोगों की मौत हो गई। संभल का माहौल खराब करने के लिए पुलिस और प्रशासन के लोगों के साथ-साथ याचिका दायर करने वाले लोग भी जिम्मेदार हैं।
उन्हें निलंबित किया जाना चाहिए और उनके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए ताकि लोगों को न्याय मिल सके और भविष्य में कोई भी संविधान के खिलाफ ऐसी गैरकानूनी घटना न कर सके और न्याय दिया जा सके।
संभल हिंसा पर समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क ने कहा कि “संभल में पुलिस प्रशासन ने जो घटना को अंजाम दिया है, उसने पूरी मानवता को झकझोर कर रख दिया है और प्रदेश और देश की छवि को धूमिल किया है…कल मैं प्रदेश में भी मौजूद नहीं था, संभल तो दूर की बात है, मैं INDIA मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में शामिल होने बेंगलुरु गया था, लेकिन मेरे खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया गया।
उन्होंने दावा किया, “यह पुलिस प्रशासन की साजिश है।” अगर जनता को आपके नियोजित सर्वेक्षण की तारीख के बारे में पता ही नहीं है तो वह किस तरह की साजिश करेगी?… साजिश के तहत उन्होंने हथियारों का इस्तेमाल किया है, उन्होंने हमारे 5 निर्दोष लोगों की हत्या कर दी है, कई अन्य घायल हैं, झूठा मामला दर्ज किया गया है…मैं चाहता हूं कि इन अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए और उन्हें सलाखों के पीछे डाला जाना चाहिए।
मुरादाबाद के पुलिस कमिश्नर अंजनेय कुमार सिंह ने सोमवार को बताया कि संभल की घटना में समाजवादी पार्टी (सपा) के एक सांसद और एक स्थानीय विधायक के बेटे भी आरोपियों में शामिल हैं। उन्होंने यह भी बताया कि मामले की जांच जारी है और हिंसा का माहौल अब शांत है।”संभल में स्थिति शांतिपूर्ण है। जांच चल रही है। एफआईआर दर्ज की गई हैं। संभल के सांसद जिया उर रहमान बर्क और स्थानीय विधायक के बेटे के खिलाफ भड़काने के संबंध में एफआईआर दर्ज की गई है। पांच लोगों की मौत हो गई है। घायलों का इलाज किया जा रहा है। मुरादाबाद के पुलिस कमिश्नर ने कहा कि सख्त कार्रवाई की जाएगी, अगर जरूरत पड़ी तो एनएसए भी लगाया जाएगा।
इस बीच, संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में संभल के एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि भीड़ को हिंसा के लिए उकसाने के आरोप में जिया उर रहमान बर्क और सोहेल इकबाल नाम के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। मीडिया बात करते हुए एसपी बिश्नोई ने कहा, “हमारे सब-इंस्पेक्टर दीपक राठी ने 800 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। कल उन्हें चोट लगी थी। सोहेल इकबाल और जिया उर रहमान बर्क पर आरोप लगाए गए हैं।” उन्होंने कहा कि उन्होंने भीड़ को उकसाया। बर्क को पहले भी नोटिस दिया गया था। उन्होंने पहले भी भड़काऊ भाषण दिए थे और उन्हें ऐसा न करने के लिए कहा गया था।” एसपी ने कहा, घटना में 15 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। अब तक 20 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।