SEVA SAMANYA MEDAL: पुलिस की तर्ज पर वन विभाग में भी सेवा पदक सम्मान देने की तैयारी, जल्द होगी घोषणा
SEVA SAMMAN MEDAL: जल्द ही वन विभाग में भी पुलिस की तर्ज पर सेवा पदक सम्मान देने की तैयारी की जा रही है। इस संबंध में वन अधिकारियों ने विभागीय मंत्री से बातचीत की है। नई योजना के तहत वन अधिकारियों और कर्मचारियों को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए सेवा पदक से सम्मानित किया जाएगा। इस पहल से वन महकमे के कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा और वे अधिक समर्पण और निष्ठा के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे।
SEVA SAMMAN MEDAL: उत्तराखंड वन विभाग में पुलिस की तर्ज पर सेवा पदक सम्मान देने की तैयारी जोरों पर है। भारतीय वन सेवा (IFS) के अधिकारियों ने इस विषय को लेकर विभागीय मंत्री सुबोध उनियाल से चर्चा की, जिसके बाद मंत्री ने इस पहल को सकारात्मक रूप से लिया और जल्द ही इसे लागू करने का आश्वासन दिया है। इससे वन विभाग में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को राष्ट्रपति और राज्यपाल पदक से सम्मानित करने का मार्ग प्रशस्त होगा।
वन कर्मियों को मिलेगा सेवा पदक सम्मान
राज्य में पुलिस विभाग की भांति वन विभाग के कर्मियों को भी उनके सराहनीय कार्यों के लिए सेवा पदक देने की मांग लंबे समय से उठ रही थी। वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी दिन-रात जंगलों में कार्यरत रहते हैं, जंगलों को बचाने से लेकर वन्यजीवों के संरक्षण तक में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसके बावजूद, अब तक उन्हें किसी विशेष सरकारी पुरस्कार से सम्मानित नहीं किया जाता था।
वन मंत्री सुबोध उनियाल ने इस संबंध में कहा, “जैसे पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों को राष्ट्रपति एवं राज्यपाल पुरस्कार दिए जाते हैं, वैसे ही वन विभाग में भी सेवा पदक सम्मान की आवश्यकता है। हमारे वन कर्मी दिन-रात जंगलों की रक्षा करते हैं, वन्यजीवों का संरक्षण करते हैं और वनाग्नि जैसी आपदाओं से निपटते हैं। उनके योगदान को सम्मानित किया जाना चाहिए। सरकार इस विषय पर जल्द ही निर्णय लेगी।”
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फॉरेस्ट लाइन के निर्माण पर भी लगी मुहर
सेवा पदक सम्मान के अलावा, वन विभाग में फॉरेस्ट लाइन बनाने के प्रस्ताव को भी हरी झंडी मिल गई है। पुलिस विभाग में जिस तरह पुलिस लाइन की व्यवस्था होती है, जहां पुलिसकर्मी और उनके परिवार के सदस्य रहते हैं, उसी तर्ज पर वन विभाग में भी फॉरेस्ट लाइन का निर्माण किया जाएगा।
वन विभाग के फील्ड कर्मचारी जंगलों में स्थित चौकियों में रहते हैं, जहां मूलभूत सुविधाओं की कमी होती है। उन्हें हाउस रेंट अलाउंस (HRA) भी नहीं मिलता, जिससे वे अपने परिवार से दूर रहने को मजबूर होते हैं। इस समस्या के समाधान के लिए वन मंत्री ने घोषणा की कि अब फॉरेस्ट लाइन बनाई जाएगी, जहां वन कर्मचारियों के परिवारों को रहने की सुविधा मिलेगी।
गढ़वाल और कुमाऊं मंडल में बनेंगी फॉरेस्ट लाइन्स
वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊं मंडलों में फॉरेस्ट लाइन बनाई जाएगी, ताकि फील्ड में तैनात वन कर्मियों को बेहतर आवासीय सुविधाएं मिल सकें। यह फैसला न केवल वन कर्मियों की कार्यक्षमता को बढ़ाएगा, बल्कि उनके जीवन स्तर में भी सुधार लाएगा।
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एचआरए की भी मिलेगी सुविधा
वर्तमान में, जो वन कर्मी जंगलों में स्थित चौकियों में रहते हैं, उन्हें हाउस रेंट अलाउंस (HRA) नहीं दिया जाता। इस विषय पर भी वन विभाग के अधिकारियों ने मंत्री से चर्चा की, जिसके बाद सरकार ने इसे मंजूरी देने का निर्णय लिया है। वित्तीय मंजूरी मिलते ही जंगल चौकियों में रहने वाले वन कर्मियों को HRA का लाभ मिलेगा।
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वन विभाग की नई पहल से बढ़ेगा मनोबल
विभाग में सेवा पदक सम्मान, फॉरेस्ट लाइन और एचआरए जैसी सुविधाओं की शुरुआत से वन कर्मियों का मनोबल बढ़ेगा। इससे न केवल वे अधिक समर्पण के साथ कार्य कर सकेंगे, बल्कि उनके परिवारों को भी बेहतर जीवनशैली मिलेगी।
वन मंत्री ने कहा कि सरकार वन विभाग की सभी प्रमुख मांगों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। जल्द ही इस संबंध में आधिकारिक घोषणा की जाएगी, जिससे वन कर्मियों को उनके समर्पित कार्य के लिए उचित सम्मान और सुविधाएं मिल सकें।
यह पहल उत्तराखंड में वन विभाग की कार्यप्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाएगी और वन संरक्षण के प्रयासों को नया आयाम देगी।
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