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SLBC TUNNEL COLLAPSE : ऑपरेशन मार्कोस से बचाव अभियान तेज, टनल में फंसे 8 मजदूरों को निकालने की कोशिश

SLBC TUNNEL COLLAPSE: तेलंगाना की सुरंग दुर्घटना में फंसे आठ लोगों को बचाने के लिए अब मार्कोस कमांडो को उतारे जाने की संभावना है। हादसे की जगह पर हालात बेहद चुनौतीपूर्ण हैं, जहां अंधेरा छाया हुआ है और ऑक्सीजन की भारी कमी है। संचार व्यवस्था भी पूरी तरह से बाधित है, क्योंकि बीएसएनएल के सिग्नल काम नहीं कर रहे हैं और इंट्राकॉम भी निष्क्रिय है। इन प्रतिकूल परिस्थितियों में राहत और बचाव कार्यों को तेजी से अंजाम देने के लिए विशेष दलों की तैनाती पर विचार किया जा रहा है।

SLBC TUNNEL COLLAPSE : तेलंगाना के श्रीशैलम सुरंग नहर परियोजना के निर्माणाधीन टनल में हुए भूस्खलन के बाद बचाव अभियान तेज कर दिया गया है। बचाव अभियान का आज पांचवां दिन है, लेकिन अब तक 8 मजदूरों को बाहर निकालने में सफलता नहीं मिली है। टनल में ऑक्सीजन की कमी, अंधेरा और संचार व्यवस्था ठप होने के कारण राहत और बचाव कार्य में भारी दिक्कतें आ रही हैं।

अब भारतीय नौसेना के स्पेशल फोर्स ‘मार्कोस’ (MARCOS) को इस अभियान में शामिल किया जा सकता है। मार्कोस कमांडो विषम परिस्थितियों में ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए जाने जाते हैं। इस ऑपरेशन में सीमा सड़क संगठन (BRO) भी मार्कोस के साथ साझेदारी करेगा। इस अभियान की निगरानी BRO के लेफ्टिनेंट कर्नल हरिपाल सिंह कर रहे हैं।

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टनल में फंसे लोगों तक पहुंचने में आ रही दिक्कतें

बचाव दल को टनल में फंसे मजदूरों तक पहुंचने में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। 13.85 किलोमीटर लंबी सुरंग के आखिरी 40 मीटर हिस्से में फंसे मजदूरों तक पहुंचना सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है। वहां कीचड़, पानी और मलबे के कारण चलना नामुमकिन हो गया है।

बचाव कार्य में प्रमुख बाधाएं:

  1. ऑक्सीजन की कमी: सुरंग के अंदर हवा बेहद कम है, जिससे बचाव कर्मियों को अधिक देर तक वहां रुकने में दिक्कत हो रही है।
  2. संचार ठप: बीएसएनएल नेटवर्क केवल 3 किलोमीटर तक ही काम कर रहा है। इंट्राकॉम और वाई-फाई भी टनल में आगे नहीं पहुंच पा रहे।
  3. भारी कीचड़ और पानी: जहां मजदूर फंसे हैं, वहां 70% मिट्टी और 30% पानी है। ऐसी स्थिति में वहां चलना भी संभव नहीं है।
  4. खतरनाक हालात: टनल की छत से मिट्टी गिर रही है, जिससे बचावकर्मियों को खतरा बढ़ गया है।

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सुरंग को चार हिस्सों में बांटकर बचाव कार्य

बचाव कार्य को आसान बनाने के लिए 13.85 किमी लंबी सुरंग को चार हिस्सों में बांटा गया है:

  1. सेक्शन A (12 किमी तक): इसमें पानी नहीं है और लोको ट्रेन चल सकती है।
  2. सेक्शन B (1.50 किमी): इसमें लोको ट्रैक पर 2.5 फीट तक पानी है, जिससे भारी उपकरण अंदर ले जाना मुश्किल हो गया है।
  3. सेक्शन C (310 मीटर): इस हिस्से में भारी मलबा, मिट्टी और निर्माण उपकरण पड़े हैं।
  4. सेक्शन D (40 मीटर अंतिम भाग): यहीं मजदूर फंसे हैं। मिट्टी, पानी और मशीनों के बीच रास्ता बनाना बेहद कठिन हो गया है।
SLBC TUNNEL COLLAPSE: Rescue operation intensified with Operation Marcos, efforts to rescue 8 workers trapped in the tunnel

ऑपरेशन मार्कोस शुरू करने की तैयारी

सरकार ने ऑपरेशन मार्कोस शुरू करने के आदेश दे दिए हैं। इसके तहत भारतीय नौसेना की मार्कोस कमांडो टीम सुरंग के आखिरी हिस्से में जाकर मजदूरों तक पहुंचने की कोशिश करेगी। मार्कोस को विशेष रूप से जटिल बचाव अभियानों में प्रशिक्षित किया गया है। वे समुद्र, जमीन और हवा—तीनों जगहों पर खतरनाक परिस्थितियों में ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए जाने जाते हैं।

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ऑपरेशन मार्कोस की रणनीति

विशेष उपकरणों का इस्तेमाल: अत्याधुनिक स्कैनिंग उपकरण, ऑक्सीजन सिलेंडर और रोबोटिक कैमरे भेजे जाएंगे।

सुरंग में वैकल्पिक मार्ग बनाना: कीचड़ और पानी के बीच बचाव मार्ग तैयार किया जाएगा।

टनल बोरिंग मशीन (TBM) की जांच: मशीन गिरने से रास्ता अवरुद्ध हो गया है, उसे हटाने का प्रयास किया जाएगा।

बचाव अभियान में जुटे संगठन

इस आपदा में बचाव कार्य को अंजाम देने के लिए कई बड़े संगठनों को लगाया गया है, जिनमें शामिल हैं:

  • भारतीय सेना
  • राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF)
  • राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF)
  • सिंगरेनी कोलियरी कंपनी लिमिटेड
  • बीआरओ (BRO)
  • हाईवे अथॉरिटी
  • राष्ट्रीय भू-भौतिकी अनुसंधान संस्थान (NGRI)

पढ़े ताजा अपडेटNewswatchindia.comHindi NewsToday Hindi News, Breaking

  • भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI)
  • आईआईटी मद्रास
  • रैट माइनिंग टीम
  • विशेष उपकरणों का इस्तेमाल भी हुआ नाकाम
  • बचाव कार्य को तेज करने के लिए एंडो बॉट, एफओबी जैसे विशेष कैमरे और स्कैनिंग उपकरण भेजे गए, लेकिन भारी कीचड़ और अंधेरे के कारण ये उपकरण भी ठीक से काम नहीं कर पाए।
  • सरकार ने बचाव अभियान तेज किया
  • तेलंगाना सरकार ने बचाव कार्य में तेजी लाने के लिए अतिरिक्त बलों और संसाधनों को जुटाने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी भी हाल में फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकाला जाए।
  • आशा की किरण बनी मार्कोस कमांडो टीम
  • विशेषज्ञों का कहना है कि अगर कोई इस मुश्किल ऑपरेशन को अंजाम दे सकता है, तो वह मार्कोस कमांडो हैं। कारगिल युद्ध, कश्मीर ऑपरेशन और समुद्री लुटेरों के खिलाफ अभियान में उनकी सफलता को देखते हुए, तेलंगाना सुरंग हादसे में उनकी तैनाती से उम्मीदें बढ़ गई हैं।

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Written By। Mansi Negi । National Desk। Delhi

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