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Waqf Bill: वक्फ बिल पर बीजेपी का साथ दे सकता है जेडीयू, लेकिन इस शर्त पर

जेडीयू वक्फ संशोधन विधेयक पर बीजेपी का समर्थन कर सकती है, लेकिन उसने इसके लिए पारदर्शिता और राज्य सरकारों के अधिकार बढ़ाने जैसी शर्तें रखी हैं। विपक्षी दल इस बिल का मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर हस्तक्षेप बताकर विरोध कर रहे हैं। अब देखना होगा कि बीजेपी जेडीयू की शर्तें मानती है या नहीं।

Waqf Bill: बिहार की राजनीति में एक बड़ा मोड़ आ सकता है, क्योंकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) वक्फ संपत्तियों से जुड़े वक्फ संशोधन विधेयक पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) का समर्थन कर सकती है। हालांकि, जेडीयू ने इसके लिए एक अहम शर्त रखी है, जिसे लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है।

क्या है वक्फ संशोधन विधेयक?

वक्फ बिल उन नियमों और कानूनों से संबंधित है, जिनके तहत वक्फ बोर्ड मुस्लिम धार्मिक और सार्वजनिक संपत्तियों का प्रबंधन करता है। भारत में हजारों करोड़ की वक्फ संपत्तियां हैं, जिनका उपयोग समाज की भलाई के लिए किया जाता है। लेकिन कई बार इन संपत्तियों के दुरुपयोग, अवैध कब्जों और भ्रष्टाचार की शिकायतें आती रही हैं।

इस नए बिल का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के रिकॉर्ड को पारदर्शी बनाना, गैर-कानूनी कब्जों को हटाना और प्रबंधन में सुधार लाना है। इसके तहत:

वक्फ बोर्ड के कामकाज में केंद्र सरकार की निगरानी बढ़ेगी।

अवैध कब्जे हटाने के लिए सख्त प्रावधान किए जाएंगे।

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वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग रोकने के लिए नियमों में संशोधन किया जाएगा।

हालांकि, कुछ विपक्षी दलों और धार्मिक संगठनों ने इस बिल का विरोध किया है। उनका मानना है कि यह मुस्लिम समुदाय के अधिकारों को सीमित कर सकता है और वक्फ संपत्तियों पर सरकारी नियंत्रण बढ़ाने का प्रयास है।

Waqf Bill: JDU can support BJP on Waqf Bill, but on this condition

जेडीयू की शर्त: पारदर्शिता और राज्य सरकारों को अधिक अधिकार

सूत्रों के अनुसार, जेडीयू बिल का समर्थन करने के लिए तैयार है, लेकिन उसकी मांग है कि इसमें कुछ अहम बदलाव किए जाएं। पार्टी चाहती है कि:

  • वक्फ संपत्तियों की पारदर्शी निगरानी हो – सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी समुदाय के वैध अधिकारों का हनन न हो।
  • राज्य सरकारों को अधिक अधिकार मिले – जेडीयू का मानना है कि वक्फ बोर्ड और संपत्तियों पर केंद्र सरकार का सीधा नियंत्रण न हो, बल्कि राज्य सरकारें भी इसमें हस्तक्षेप कर सकें।
  • मुस्लिम धार्मिक नेताओं और संगठनों से विचार-विमर्श किया जाए – इस बिल पर सभी हितधारकों की सहमति जरूरी है, ताकि किसी भी समुदाय में नाराजगी न हो।

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बीजेपी-जेडीयू के रिश्तों पर असर

विश्लेषकों का मानना है कि जेडीयू की यह शर्त एक राजनीतिक रणनीति हो सकती है। जेडीयू और बीजेपी का गठबंधन फिर से मजबूत हुआ है, लेकिन नीतीश कुमार यह भी नहीं चाहते कि उनकी धर्मनिरपेक्ष छवि प्रभावित हो।

जेडीयू, बिहार में मुस्लिम वोट बैंक को भी ध्यान में रखते हुए कोई सीधा फैसला नहीं लेना चाहती।

पार्टी यह भी चाहती है कि वह बीजेपी का साथ दे, लेकिन बिना अपने पारंपरिक वोटरों को नाराज किए।

अगर जेडीयू इस बिल का समर्थन करता है, तो यह बीजेपी-जेडीयू गठबंधन को और मजबूत कर सकता है।

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विपक्ष का विरोध क्यों?

कांग्रेस, आरजेडी और अन्य विपक्षी दलों ने इस बिल का विरोध किया है। उनके मुताबिक:

यह वक्फ संपत्तियों पर सरकारी नियंत्रण बढ़ाने की साजिश है।

मुस्लिम समुदाय की धार्मिक संपत्तियों पर हस्तक्षेप किया जा रहा है।

यह धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है और एक खास वर्ग को निशाना बनाया जा रहा है।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और अन्य मुस्लिम संगठनों ने भी इस बिल पर आपत्ति जताई है और सरकार से इसे वापस लेने या इसमें संशोधन करने की मांग की है।

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क्या कहती है सरकार?

बीजेपी का कहना है कि यह बिल सिर्फ पारदर्शिता और सुशासन के लिए लाया गया है। सरकार का दावा है कि:

इससे वक्फ संपत्तियों का सही उपयोग सुनिश्चित होगा।

अवैध कब्जों को हटाने में मदद मिलेगी।

कोई भी समुदाय इससे प्रभावित नहीं होगा, बल्कि इससे सभी को लाभ होगा।

आगे क्या होगा?

अगर बीजेपी जेडीयू की शर्तें मान लेती है, तो यह बिल आसानी से संसद में पास हो सकता है।

अगर जेडीयू अपने रुख पर अड़ा रहता है, तो बीजेपी को अन्य दलों का समर्थन जुटाना पड़ सकता है।

बिहार की राजनीति में इस मुद्दे का असर आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनावों पर भी पड़ सकता है।

वक्फ बिल पर जेडीयू और बीजेपी के बीच सहमति बनने की संभावना है, लेकिन नीतीश कुमार की पार्टी राजनीतिक संतुलन बनाए रखना चाहती है। जेडीयू की शर्तें बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती हो सकती हैं। अब देखना होगा कि बीजेपी इस पर क्या फैसला लेती है और यह बिल संसद में कब और कैसे पारित होता है।

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Written By। Mansi Negi । National Desk। Delhi

मेरा नाम मानसी नेगी है और मैं न्यूज वॉच इंडिया" की लेखिक हूँं। मैं एक पत्रकार और सामयिक विषयों पर विश्लेषक हूं। इस ब्लॉग के माध्यम से, मेरा उद्देश्य आपको ताजातरीन और विश्वसनीय खबरें प्रदान करना है, ताकि आप हर महत्वपूर्ण घटना से अपडेट रहें। मुझे राजनीति, अर्थव्यवस्था और सामाजिक मुद्दों पर लिखना पसंद है और मैं हमेशा निष्पक्षता और सत्य के साथ खबरें पेश करने का प्रयास करता हूँ।

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