Dehradun-Mussoorie Ropeway: देहरादून-मसूरी रोपवे परियोजना, पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा, रोजगार के नए द्वार खुलेंगे
देहरादून-मसूरी रोपवे परियोजना से दोनों शहरों के बीच की यात्रा मात्र 15 मिनट में पूरी हो सकेगी। 5.5 किमी लंबा यह रोपवे न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा। 2026 तक पूरी होने वाली इस परियोजना से ट्रैफिक जाम से राहत और सुंदर प्राकृतिक दृश्यों का आनंद भी मिलेगा।
Dehradun-Mussoorie Ropeway: उत्तराखंड सरकार द्वारा विकसित की जा रही ‘देहरादून-मसूरी रोपवे परियोजना’ आने वाले वर्षों में न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगी, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर भी लेकर आएगी। देहरादून से मसूरी तक का 33 किलोमीटर लंबा सफर अब केवल 5.5 किलोमीटर में और मात्र 15 मिनट में पूरा किया जा सकेगा। यह रोपवे उत्तर भारत का सबसे लंबा यात्री रोपवे बनकर उभरेगा।
रोपवे निर्माण कार्य जोरों पर
रोपवे का निर्माण कार्य देहरादून के पुरकुल गांव से शुरू होकर मसूरी के लाइब्रेरी चौक तक किया जा रहा है। इसमें कुल 26 टावर लगाए जा रहे हैं और एक डायमंड केबिन की भी सुविधा होगी। यह परियोजना करीब 300 करोड़ रुपये की लागत से बन रही है और इसका निर्माण कार्य सितंबर 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है। इस रोपवे के जरिए एक घंटे में दोनों दिशाओं में लगभग 2,600 लोग यात्रा कर सकेंगे।
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पर्यटन और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों में मसूरी विशेष स्थान रखता है। पर्यटन सीजन में यहां भारी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं, जिससे देहरादून-मसूरी मार्ग पर ट्रैफिक जाम की समस्या आम हो जाती है। रोपवे के शुरू होने से यह समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी। साथ ही स्थानीय युवाओं को प्रत्यक्ष रूप से 350 और अप्रत्यक्ष रूप से 1,500 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।
मल्टीलेवल पार्किंग और पर्यावरण संरक्षण
पुरकुल गांव में लोअर टर्मिनल स्टेशन के पास 10 मंजिला मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें लगभग 1,500 वाहन खड़े किए जा सकेंगे। साथ ही, रोपवे के जरिए मसूरी पहुंचने से वाहनों की आवाजाही में कमी आएगी, जिससे जीवाश्म ईंधन की बचत और प्रदूषण में कमी आएगी। यह परियोजना पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से भी काफी उपयोगी साबित होगी।
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स्थानीय लोगों की चिंता और समाधान
हालांकि, पुरकुल गांव के कुछ स्थानीय लोगों ने पर्यटकों की बढ़ती आवाजाही से गांव की शांति भंग होने की चिंता व्यक्त की है। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने आश्वासन दिया है कि इन चिंताओं पर भी सरकार गंभीरता से ध्यान देगी और समाधान निकालेगी।
विकास की राह में आईं चुनौतियां
इस परियोजना को वर्ष 2019 में केंद्र सरकार से मंजूरी मिली थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 6 मार्च 2019 को इसका शिलान्यास किया था। भूमि अधिग्रहण और कोविड जैसी बाधाओं के चलते काम में कुछ विलंब हुआ, लेकिन वर्ष 2024 में निर्माण कार्य तेज़ी से आरंभ कर दिया गया है। परियोजना को मसूरी स्काई कार कंपनी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा पीपीपी मॉडल पर विकसित किया जा रहा है।
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देहरादून-मसूरी रोपवे परियोजना उत्तराखंड के पर्यटन क्षेत्र में एक क्रांतिकारी पहल साबित होगी। यह न केवल यातायात की समस्याओं को कम करेगी, बल्कि रोजगार, पर्यावरण संरक्षण और क्षेत्रीय विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी। आने वाले वर्षों में यह परियोजना उत्तराखंड की पहचान को और सशक्त बनाएगी।
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