Mehul Choksi PNB Scam Arrest : मेहुल चोकसी की बेल्जियम में गिरफ्तारी, जानिए क्या है 14,000 करोड़ का पीएनबी घोटाला?
भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया है, जो ₹13,850 करोड़ के पीएनबी घोटाले में मुख्य आरोपी हैं। यह घोटाला चोकसी और नीरव मोदी द्वारा बैंक के LoU सिस्टम का दुरुपयोग कर किया गया था। गिरफ्तारी भारत के लिए प्रत्यर्पण प्रक्रिया को तेज कर सकती है और न्याय प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकती है।
Mehul Choksi PNB Scam Arrest: भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी, जो 2018 से भारत को वांछित है, को बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया है। यह गिरफ्तारी 12 अप्रैल को भारतीय जांच एजेंसियों — सीबीआई और ईडी — के अनुरोध पर की गई। बताया जा रहा है कि गिरफ्तारी के समय चोकसी बेल्जियम के एक अस्पताल में इलाज करा रहा था।
यह गिरफ्तारी भारत के सबसे बड़े बैंकिंग घोटालों में से एक — पंजाब नेशनल बैंक (PNB) धोखाधड़ी — में एक अहम मोड़ मानी जा रही है, जिसकी कुल राशि लगभग ₹13,850 करोड़ है।
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कौन है मेहुल चोकसी?
मेहुल चोकसी एक भारतीय व्यवसायी है, जो कभी प्रसिद्ध गीतांजलि जेम्स ग्रुप का प्रमुख था। उनका जन्म 1959 में हुआ था और वह वर्षों तक हीरा और आभूषण उद्योग में सक्रिय रहे। लेकिन 2018 में जब पीएनबी घोटाला उजागर हुआ, तब उनकी छवि पर गहरा आंच आया।
चोकसी घोटाले के सामने आने से कुछ समय पहले, जनवरी 2018 में भारत छोड़कर अमेरिका चले गए और बाद में एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता ले ली। तब से भारत सरकार लगातार उन्हें प्रत्यर्पित कराने की कोशिश कर रही है।
क्या है पीएनबी घोटाला?
यह घोटाला चोकसी और उनके भतीजे नीरव मोदी द्वारा किया गया था। दोनों ने मिलकर पीएनबी की मुंबई स्थित ब्रैडी हाउस शाखा से लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग (LoU) के जरिए विदेशी बैंकों से हजारों करोड़ रुपये के लोन लिए।
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LoU एक तरह की बैंक गारंटी होती है, जिससे ग्राहक विदेशों में लघुकालीन क्रेडिट प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन 2011 से 2018 तक, चोकसी, मोदी और उनकी कंपनियों ने इन LoUs को नियमों को दरकिनार कर प्राप्त किया। बैंक के कुछ अधिकारियों ने मिलीभगत कर इन्हें बैंक की मुख्य प्रणाली में दर्ज नहीं किया, जिससे घोटाला लंबे समय तक छुपा रहा।
इन पैसों का उपयोग वस्त्र आयात के नाम पर किया गया, लेकिन वास्तविकता में इनका उपयोग निजी और व्यावसायिक लाभ के लिए हुआ। पुराने LoUs की भरपाई के लिए नए LoUs जारी किए गए, जिससे घोटाले का आकार बढ़ता गया।
घोटाले की राशि और वितरण
घोटाले की कुल राशि ₹13,850 करोड़ आंकी गई है।
- नीरव मोदी की कंपनियों पर लगभग ₹6,498 करोड़ का बोझ है।
- मेहुल चोकसी के गीतांजलि ग्रुप पर ₹6,097 करोड़ का आरोप है।
- शेष राशि ब्याज और अन्य शुल्कों से संबंधित है।
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जांच एजेंसियों की कार्रवाई
घोटाले के खुलासे के बाद, सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सक्रिय रूप से जांच शुरू की। गीतांजलि ग्रुप और संबंधित कंपनियों के कार्यालयों पर छापे मारे गए, बैंक खातों को फ्रीज किया गया और संपत्तियों को जब्त किया गया।
ईडी ने पाया कि चोकसी और मोदी ने पैसे को शेल कंपनियों के जरिए विदेशों में ट्रांसफर किया और मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए छुपाया।
सितंबर 2024 में, ईडी को विशेष PMLA कोर्ट से ₹2,565 करोड़ की संपत्तियों को नीलाम करने की अनुमति मिली, जो गीतांजलि ग्रुप से जुड़ी थीं। यह राशि अब पीएनबी और आईसीआईसीआई बैंक के नाम पर फिक्स्ड डिपॉजिट में रखी गई है।
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प्रीति चोकसी की भूमिका पर सवाल
मेहुल चोकसी की पत्नी प्रीति चोकसी की भूमिका भी इस घोटाले में संदिग्ध मानी जा रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, वह केवल एक दर्शक नहीं थीं, बल्कि धन छिपाने की प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल थीं।
2013 में, उन्होंने CD शाह (मैगस कंसल्टेंसी) के साथ मिलकर तीन ऑफशोर कंपनियां बनाई:
- Charing Cross Holdings Ltd
- Colindale Holdings Ltd
- Hillingdon Holdings Ltd
इन कंपनियों को उन स्थानों में पंजीकृत किया गया जहां वास्तविक मालिक की जानकारी छिपाना आसान होता है। Hillingdon Holdings में प्रीति चोकसी को Ultimate Beneficial Owner के रूप में नामित किया गया था।
यह कंपनी बाद में दुबई स्थित Goldhawk DMCC की एकमात्र शेयरधारक बनी, जिसके पास Almas Tower में तीन कीमती संपत्तियां थीं, जिनकी कीमत ₹22.5 करोड़ से अधिक बताई जाती है।
पैसे का ट्रेल और संपत्तियों की जब्ती
रिकॉर्ड्स के अनुसार, Asian Diamonds and Jewellery FZE, जो गीतांजलि ग्रुप की यूएई शाखा है, ने नवंबर 2014 में AED 600,000 Hillingdon Holdings को ट्रांसफर किए थे। इससे धन के स्रोत का पता चला और संपत्तियों की पहचान हुई।
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