Defence Attache News: डिफेंस अताशे कौन होते हैं उनका क्या काम है ? पहलगाम हमले के बाद छोड़ेंगे देश
सबसे पहले अपको बताते है कि डिफेंस अताशे होते कौन हैं दरअसल डिफेंस अताशे को ही इंग्लिश में डिफेंस अटैची कहा जाता है. ये मिलिट्री अताशे होते है जो दूसरे देशों में अपने देश की EMBASSY या HIGH COMMISSION में तैनात होते हैं. इस पद पर देश की आर्मी, नेवी या एयरफोर्स के किसी भी वरिष्ठ अधिकारी को तैनात किया जाता है
Who are Defense Attachestic: पहलगाम की बैसरन घाटी में हुआ आतंकी हमला इतना दुखद था. जिसे न भुलाया जा सकेगा और न भूलना ही चाहिए. इस हमले ने 26 लोगों की जान ली है, कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक लोगों को आक्रोश से भर दिया.अब देश की गुस्साई जनता सरकार से भी सवाल पुछ रही है. साथ ही अपील कर रही है आतंकियों को बकसा न जाए, जिसके बाद सरकार भी इस मामले पर ‘जीरो टोलरेंस’ की नीति अपनाती दिख रही है. यानी इस मामले को हल्के लेने के मुंड में सरकार भी नहीं है यही वजह है कि भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई बड़े कदम उठाते हुए पाकिस्तान के डिफेंस अताशे को ‘Persona Non Grata’ यानी अवांछित व्यक्ति घोषित कर दिया है और उन्हें एक हफ्ते में भारत छोड़ने का आदेश दिया है. लेकिन इस खबर में बात कर लेते हैं आखिर कौन होते हैं डिफेंस अताशे.
डिफेंस अताशे की आखिर कौन होते हैं ?
बात हम इसपर करेंगे कि डिफेंस अताशे होते कौन है उनका काम क्या होता है और विंग कमांडर अभिंनदन के भारत लौटने में डिफेंस अताशे की भूमिका क्या थी औऱ बताएंगे अपको भारत सरकार के इस फैंसले से क्या होगा ?
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• सबसे पहले अपको बताते है कि डिफेंस अताशे होते कौन हैं दरअसल डिफेंस अताशे को ही इंग्लिश में डिफेंस अटैची कहा जाता है. ये मिलिट्री अताशे होते है जो दूसरे देशों में अपने देश की EMBASSY या HIGH COMMISSION में तैनात होते हैं. इस पद पर देश की आर्मी, नेवी या एयरफोर्स के किसी भी वरिष्ठ अधिकारी को तैनात किया जाता है. डिफेंस अताशे के काम की बात कि जाए तो डिफेंस अताशे का मुख्य काम उस देश में अपने देश की सैन्य नीतियों यानी Defence policy और रक्षा हितों को बढ़ावा देना होता है. ये जिस भी देश में तैनात होते हैं, उस देश से रक्षा मामलों में सहयोग के लिए काम करते है लेकिन केवल defence policy और रक्षा हितों को बढ़ावा देना ही डिफेंस अटैची का काम नहीं होता इनके कई सारे काम होते जैसे डिफेंस अताशे द्विपक्षीय सैन्य और रक्षा संबंधों के लिए जिम्मेदार होता है.
•कुछ देश सुरक्षा मुद्दों, जैसे माइग्रेशन, पुलिस और लीगल मामलों पर काम करने के लिए भी अताशे नियुक्त करते हैं. डिफेंस अताशे (NATO), (European Union), (ECOWAS) यानी पश्चिमी अफ्रीकी राज्यों के आर्थिक समुदायया औऱ (UN) जैसे संगठनों के सैन्य मिशन का भी हिस्से होते हैं. कुल मिला कर आप ये समझ लिजिए कि ये डिफेंस अटैची अपने देश के सैन्य प्रतिनिधि होते हैं क्योंकि, ये किसी दूसरे देश में होते हैं इसलिए इन्हें राजनयिक का दर्जा मिलता है और इन्हें कई तरह के विशेषाधिकार प्राप्त होते हैं. अब ये तो अपको अच्छे से समझ आ गया होगा कि डिफेंस अटैची होते कौन
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डिफेंस अताशे की विंग कमांड़र अभिंनदन के भारत लौटने क्या भुमिका थी?
विंग कमांड़र अभिंनदन के पाकिस्तान से भारत लौटने में इनकी क्या भूमिका थी। सबसे पहले आप ये तस्वीर देखिए.जिसमें एक महिला और एयरफोर्स की वर्दी में एक अधिकारी अभिनंदन के साथ हैं. ये अधिकारी भारतीय एयरफोर्स के नहीं थे, बल्कि पाकिस्तान में तैनात भारत के डिफेंस अटैची थे, जो एयरफोर्स के वरिष्ठ अधिकारी थे. अब ठीक उसी तरह, पाकिस्तान में तैनात भारत के डिफेंस अटैची को अवांछित घोषित कर दिया गया है.यानी ‘Persona Non Grata.बता दें कि ‘ ये लैटिन भाषा का शब्द है जिसका इस्तेमाल डिप्लोमेसी में होता है किसी व्यक्ति को किसी देश में Persona Non Grata घोषित किए जाने का मतलब है कि उस व्यक्ति को किसी विशेष देश में राजनयिक या विदेशी, किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा.
पाकिस्तान के डिफेंस अटैची को 7 दिनों के भीतर देश छोड़ने का आदेश देने के साथ ही भारत सरकार ने भारत के अधिकारियों को भी पाकिस्तान से वापस बुला लिया गया है.ये कदम इसलिए क्योंकि पहलगाम की आतंकी घटना ने साबित कर दिया है कि पाकिस्तान सुधरने वाला नहीं हैं उससे किसी मामले में सहयोग औऱ बातचीत की बात ना ही कि जाए तो ठीक है.खैर देश के वो 26 लोगो जो देश का आज और भविष्य थे उन्हें तो हम वापस नहीं ला सकते लेकिन प्रार्थना करते है कि भगवान उनकी आत्मा को शांति दें
PHOTO: GOOGLE
बात हम इसपर करेंगे कि डिफेंस अताशे होते कौन है उनका काम क्या होता है और विंग कमांडर अभिंनदन के भारत लौटने में डिफेंस अटैची की भूमिका क्या थी औऱ बताएंगे अपको भारत सरकार के इस फैंसले से क्या होगा ?
• सबसे पहले अपको बताते है कि डिफेंस अताशे होते कौन हैं दरअसल डिफेंस अताशे को ही इंग्लिश में डिफेंस अटैची कहा जाता है.ये मिलिट्री अताशं होते है जो दूसरे देशों में अपने देश की EMBASSY या HIGH COMMISSION में तैनात होते हैं. इस पद पर देश की आर्मी, नेवी या एयरफोर्स के किसी भी वरिष्ठ अधिकारी को तैनात किया जाता है. डिफेंस अताशे के काम की बात कि जाए तो डिफेंस अताशे का मुख्य काम उस देश में अपने देश की सैन्य नीतियों यानी Defence policy और रक्षा हितों को बढ़ावा देना होता है. ये जिस भी देश में तैनात होते हैं, उस देश से रक्षा मामलों में सहयोग के लिए काम करते है लेकिन केवल defence policy और रक्षा हितों को बढ़ावा देना ही डिफेंस अटैची का काम नहीं होता इनके कई सारे काम होते जैसे डिफेंस अताशे द्विपक्षीय सैन्य और रक्षा संबंधों के लिए जिम्मेदार होता है.
•कुछ देश सुरक्षा मुद्दों, जैसे माइग्रेशन, पुलिस और लीगल मामलों पर काम करने के लिए भी अताशे नियुक्त करते हैं. डिफेंस अताशे (NATO), (European Union), (ECOWAS) यानी पश्चिमी अफ्रीकी राज्यों के आर्थिक समुदायया औऱ (UN) जैसे संगठनों के सैन्य मिशन का भी हिस्से होते हैं.कुल मिला कर आप ये समझ लिजिए कि ये डिफेंस अटैची अपने देश के सैन्य प्रतिनिधि होते हैं क्योंकि ये किसी दूसरे देश में होते हैं इसलिए इन्हें राजनयिक का दर्जा मिलता है और इन्हें कई तरह के विशेषाधिकार प्राप्त होते हैं.अब ये तो अपको अच्छे से समझ आ गया होगा कि डिफेंस अटैची होते कौन है तो अब ये जान लिजिए की विंग कमांड़र अभिंनदन के पाकिस्तान से भारत लौटने में इनकी क्या भूमिका थी। सबसे पहले आप ये तस्वीर देखिए.जिसमें एक महिला और एयरफोर्स की वर्दी में एक अधिकारी अभिनंदन के साथ हैं. ये अधिकारी भारतीय एयरफोर्स के नहीं थे, बल्कि पाकिस्तान में तैनात भारत के डिफेंस अटैची थे, जो एयरफोर्स के वरिष्ठ अधिकारी थे. अब ठीक उसी तरह, पाकिस्तान में तैनात भारत के डिफेंस अटैची को अवांछित घोषित कर दिया गया है. यानी ‘Persona Non Grata.बता दें कि ‘ ये लैटिन भाषा का शब्द है जिसका इस्तेमाल डिप्लोमेसी में होता है किसी व्यक्ति को किसी देश में Persona Non Grata घोषित किए जाने का मतलब है कि उस व्यक्ति को किसी विशेष देश में राजनयिक या विदेशी, किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा.पाकिस्तान के डिफेंस अटैची को 7 दिनों के भीतर देश छोड़ने का आदेश देने के साथ ही भारत सरकार ने भारत के अधिकारियों को भी पाकिस्तान से वापस बुला लिया गया है.ये कदम इसलिए क्योंकि पहलगाम की आतंकी घटना ने साबित कर दिया है कि पाकिस्तान सुधरने वाला नहीं हैं उससे किसी मामले में सहयोग औऱ बातचीत की बात ना ही कि जाए तो ठीक है.खैर देश के वो 26 लोगो जो देश का आज और भविष्य थे उन्हें तो हम वापस नहीं ला सकते लेकिन प्रार्थना करते है कि भगवान उनकी आत्मा को शांति दें
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