Lipstick History: कभी फूलों से सजते थे होंठ, अब शेड्स की दुनिया है लिपस्टिक… जानिए इसका इतिहास
Lipstick History: लिपस्टिक, जो आज हर महिला की मेकअप किट का अहम हिस्सा बन चुकी है, उसका इतिहास जितना पुराना है, उतना ही दिलचस्प भी। अलग-अलग शेड्स, टेक्सचर और ब्रांड्स में मिलने वाली लिपस्टिक कभी प्राकृतिक फूलों और पत्थरों से बनती थी। समय के साथ इसमें वैज्ञानिक फॉर्मूलेशन जुड़े, ग्लैमर आया और ये ग्लोबल ब्यूटी इंडस्ट्री की सबसे पॉपुलर प्रोडक्ट बन गई।
Lipstick History: लिपस्टिक, जो आज हर महिला की मेकअप किट का अहम हिस्सा बन चुकी है, उसका इतिहास जितना पुराना है, उतना ही दिलचस्प भी। अलग-अलग शेड्स, टेक्सचर और ब्रांड्स में मिलने वाली लिपस्टिक कभी प्राकृतिक फूलों और पत्थरों से बनती थी। समय के साथ इसमें वैज्ञानिक फॉर्मूलेशन जुड़े, ग्लैमर आया और ये ग्लोबल ब्यूटी इंडस्ट्री की सबसे पॉपुलर प्रोडक्ट बन गई।
आज की महिलाएं चाहे ऑफिस जा रही हों या किसी फंक्शन में सज-संवर रही हों, लिपस्टिक के बिना मेकअप अधूरा लगता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये छोटा-सा मेकअप प्रोडक्ट कैसे बना? चलिए जानते हैं लिपस्टिक के 5000 साल पुराने इतिहास के बारे में।
फूलों से रंगते थे होंठ
लिपस्टिक का इतिहास करीब 5000 साल पुराना माना जाता है। प्राचीन सभ्यताओं में महिलाएं अपने होठों को सुंदर दिखाने के लिए प्राकृतिक फूलों, रंगीन पत्थरों और पौधों से निकाले गए रंगों का इस्तेमाल करती थीं। उस समय ये सिर्फ सुंदरता ही नहीं, बल्कि कई बार औषधीय गुणों के लिए भी इस्तेमाल होती थी।
क्वीन एलिजाबेथ ने बढ़ाया लाल लिपस्टिक का क्रेज
16वीं सदी में इंग्लैंड की रानी एलिजाबेथ प्रथम ने लाल रंग की लिपस्टिक के चलन को लोकप्रिय बना दिया। उस दौर में लिपस्टिक का उपयोग सिर्फ अभिनेत्रियों और शाही परिवार तक ही सीमित था। तीन सदियों तक ये सीमित समाज में ही चलन में रही।
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पहली बार बाजार में आई लिपस्टिक
1880 में फ्रांस की कंपनी Guerlain ने पहली बार बाजार में लिपस्टिक लॉन्च की। ये हिरण की चर्बी, बीवैक्स और कैस्टर ऑयल से बनाई जाती थी। बाद में इसे रेशम में लपेटकर इस्तेमाल किया जाता था, जो उस समय शाही और लक्जरी माना जाता था।
1915 में आया आज का पॉपुलर लुक
1915 में Maurice Levy ने सिलेंडर शेप की लिपस्टिक पैकेजिंग तैयार की, जो आज भी प्रचलन में है। इसने लिपस्टिक को कैरी करना आसान बना दिया और बाजार में इसकी मांग तेजी से बढ़ी।
अलग-अलग शेड्स ने बढ़ाई डिमांड
1920 के दशक में लिपस्टिक के कई शेड्स जैसे लाल, बैंगनी, चेरी और ब्राउन ट्रेंड में आए। इसी दौरान फ्रेंच केमिस्ट Paul Baudercroux ने ‘किस प्रूफ’ लिपस्टिक बनाई। हालांकि इसे हटाना मुश्किल होने के कारण ये ज्यादा लोकप्रिय नहीं हो सकी।
80 और 90 के दशक में रेड लिपस्टिक का जलवा
1980 और 1990 के दशक में रेड लिपस्टिक ने फिर से वापसी की। इस समय शिमर और ग्लॉसी लिपस्टिक का भी ट्रेंड आया। हॉट पिंक शेड बेहद पॉपुलर रहा और महिलाओं की पहली पसंद बन गया।
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2000 के बाद बनी मेकअप का अभिन्न हिस्सा
साल 2000 के बाद लिपस्टिक को मेकअप का सबसे जरूरी हिस्सा माना जाने लगा। महिलाएं अब बिना लिपस्टिक के खुद को अधूरा महसूस करने लगीं। बाजार में अब हर स्किन टोन के लिए परफेक्ट शेड उपलब्ध हैं।
लिपस्टिक सिर्फ रंग नहीं, आत्मविश्वास है
आज लिपस्टिक सिर्फ मेकअप का हिस्सा नहीं बल्कि महिलाओं के आत्मविश्वास की पहचान बन गई है। यह उनके व्यक्तित्व को निखारती है और एक छोटा सा स्ट्रोक भी पूरे चेहरे को एक नया लुक दे देता है। जब भी अगली बार आप लिपस्टिक लगाएं, इसके पीछे छिपे लंबे और दिलचस्प इतिहास को जरूर याद करें।
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