Signs of Life Beyond Solar System: सौर मंडल के बाहर जीवन के संकेत, वैज्ञानिकों को एक्सोप्लैनेट पर जैविक गतिविधि की संभावना
वैज्ञानिकों ने K2-18b नामक ग्रह पर जीवन के संकेतों की खोज की है, जो पृथ्वी से 120 प्रकाशवर्ष दूर स्थित है। यह ग्रह अपने तारे के वास योग्य क्षेत्र में है, जहाँ जीवन के लिए अनुकूल तापमान और तरल पानी की संभावना जताई जा रही है। इस खोज से ब्रह्मांड में जीवन की संभावनाओं को लेकर नई उम्मीदें जागी हैं।
Signs of Life Beyond Solar System: ब्रह्मांड में जीवन की खोज को लेकर वैज्ञानिकों को एक बड़ी सफलता मिली है। हाल ही में हुए एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने सौर मंडल से परे स्थित एक ग्रह के वातावरण में जैविक गतिविधि के संभावित संकेतों की पहचान की है। यह खोज वैज्ञानिक समुदाय के लिए बेहद रोमांचक मानी जा रही है, क्योंकि यह पहली बार है जब किसी दूरस्थ ग्रह पर जीवन के संभावित संकेत पाए गए हैं।
K2-18b ग्रह पर मिली महत्वपूर्ण जानकारी
इस बार वैज्ञानिकों की नजर K2-18b नामक एक ऐसे ग्रह पर गई है, जो पृथ्वी से लगभग 120 प्रकाशवर्ष की दूरी पर स्थित है। यह ग्रह अपने तारे के उस क्षेत्र में स्थित है जिसे “वास योग्य क्षेत्र” कहा जाता है, जहाँ तापमान जीवन के लिए उपयुक्त होता है और तरल जल की संभावित मौजूदगी मानी जाती है। इस क्षेत्र को जीवन के लिए संभावित तौर पर उपयुक्त माना जाता है।
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) की मदद से वैज्ञानिकों ने इस ग्रह के वायुमंडल में कुछ ऐसे रासायनिक तत्वों का पता लगाया है, जो पृथ्वी पर सामान्यतः जैविक प्रक्रियाओं के दौरान उत्पन्न होते हैं। इनमें सबसे अहम है डाइमेथाइल सल्फाइड (DMS), जो आमतौर पर पृथ्वी पर समुद्री जीवों द्वारा उत्पादित होता है।
यह खोज क्यों है महत्वपूर्ण?
डाइमेथाइल सल्फाइड की मौजूदगी, यदि पुष्टि हो जाती है, तो यह किसी अन्य ग्रह पर जीवन की ओर एक बड़ा इशारा हो सकता है। पृथ्वी पर यह रसायन केवल सजीव जीवों द्वारा ही उत्पन्न किया जाता है, जिससे वैज्ञानिकों को यह उम्मीद बंधी है कि इस ग्रह पर भी कोई जैविक प्रक्रिया सक्रिय हो सकती है।
हालांकि शोधकर्ताओं ने साफ किया है कि ये निष्कर्ष अभी प्रारंभिक हैं और इनकी पुष्टि के लिए और अधिक डाटा की आवश्यकता होगी। वैज्ञानिक यह भी जांच कर रहे हैं कि क्या यह रसायन किसी अजैविक (गैर-जीवित) प्रक्रिया से उत्पन्न हो सकता है या नहीं।
विज्ञान जगत में उत्साह और सतर्कता
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से जुड़े प्रमुख वैज्ञानिकों का कहना है कि यह खोज उत्साहजनक जरूर है, लेकिन इसके आधार पर किसी नतीजे पर पहुंचना जल्दबाज़ी होगी। उन्होंने कहा कि इस ग्रह के वातावरण में अन्य कारकों की भी गहन जांच की जाएगी, जैसे – मीथेन, कार्बन डाइऑक्साइड और जल वाष्प – जो जीवन के लिए जरूरी माने जाते हैं।
शोधकर्ताओं की टीम आने वाले महीनों में जेम्स वेब टेलीस्कोप से और भी विस्तृत डेटा एकत्र करने की योजना बना रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह खोज जीवन के संकेतों की ओर इशारा करती है या नहीं।
क्या पृथ्वी अकेली नहीं?
इस नई जानकारी ने उस सवाल को फिर से जिंदा कर दिया है जो सदियों से मानवता के मन में है – क्या हम ब्रह्मांड में अकेले हैं?यदि K2-18b जैसे ग्रहों पर जीवन के प्रमाण स्पष्ट रूप से सामने आते हैं, तो यह खगोल विज्ञान के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी खोज साबित हो सकती है और मानव जाति की सोच और भविष्य की दिशा को नया दृष्टिकोण दे सकती है।
इस दिशा में जारी प्रयास यह संकेत देते हैं कि आने वाले समय में हमें और भी रोमांचक जानकारियाँ मिल सकती हैं। वैज्ञानिकों की नजर अब उन ग्रहों पर भी है जो इसी तरह की परिस्थितियों में स्थित हैं।
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