Warren Buffett Retirement: 94 साल की उम्र में वॉरेन बफेट का बड़ा ऐलान: बर्कशायर हैथवे के CEO पद से इस्तीफा
Warren Buffett Retirement: दुनिया के सबसे सफल निवेशकों में से एक, वॉरेन बफेट ने 94 वर्ष की आयु में बर्कशायर हैथवे के CEO पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है। यह घोषणा उन्होंने बर्कशायर की 60वीं वार्षिक आम बैठक में की, जिसे "कैपिटलिज़्म का वुडस्टॉक" भी कहा जाता है। उनकी कुल संपत्ति लगभग ₹14 लाख करोड़ आंकी गई है।
Warren Buffett Retirement: दुनिया के सबसे सफल निवेशकों में से एक, वॉरेन बफेट ने 94 वर्ष की आयु में बर्कशायर हैथवे के CEO पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है। यह घोषणा उन्होंने बर्कशायर की 60वीं वार्षिक आम बैठक में की, जिसे “कैपिटलिज़्म का वुडस्टॉक” भी कहा जाता है। उनकी कुल संपत्ति लगभग ₹14 लाख करोड़ आंकी गई है।
इस ऐलान ने पूरी दुनिया में निवेशकों को चौंका दिया, हालांकि पिछले कुछ वर्षों से बफेट के उत्तराधिकारी को लेकर अटकलें चल रही थीं। अब यह स्पष्ट हो गया है कि ग्रेग एबल, जो पहले से ही बर्कशायर के नॉन-इंश्योरेंस व्यवसायों के वाइस चेयरमैन हैं, कंपनी की कमान संभालेंगे।
“अब समय आ गया है…”
बफेट ने कहा, “मैंने अपना जीवन इस कंपनी को बनाने में बिताया है। लेकिन अब समय आ गया है कि मैं यह जिम्मेदारी अगली पीढ़ी को सौंप दूं। ग्रेग एबल पूरी तरह से तैयार हैं और मैं उन पर पूरा विश्वास करता हूं।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह अपने शेयर नहीं बेचेंगे और आगे भी कंपनी के साथ सलाहकार की भूमिका में जुड़े रहेंगे।
बफेट ने यह बात भी दोहराई कि कंपनी की मौजूदा संरचना इतनी सुदृढ़ है कि वह उनकी अनुपस्थिति में भी बेहतर ढंग से काम कर सकती है। उन्होंने अपने पुराने साथी और दिवंगत उपाध्यक्ष चार्ली मुंगर को भी याद किया, जिन्होंने वर्षों तक बर्कशायर के निर्णयों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
पढ़े: Uttar Pradesh News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल, जनपद स्तर पर “ओटीडी सेल” का गठन
ग्रेग एबल को मिली बागडोर
ग्रेग एबल को लंबे समय से बफेट का उत्तराधिकारी माना जा रहा था। एबल ने बर्कशायर एनर्जी जैसी कंपनियों में उत्कृष्ट नेतृत्व दिखाया है और निवेश के प्रति उनका दृष्टिकोण बफेट से मिलता-जुलता है। बफेट ने कहा, “ग्रेग में निर्णय लेने की क्षमता, दीर्घकालिक सोच और नैतिकता है—जो बर्कशायर की नींव है।”
60 वर्षों की अद्भुत यात्रा
बफेट ने 1965 में बर्कशायर हैथवे का नियंत्रण संभाला था, जब यह एक असफल वस्त्र कंपनी थी। उन्होंने अपने अद्भुत निवेश दृष्टिकोण और सादगीपूर्ण जीवनशैली से इसे एक विशाल होल्डिंग कंपनी में बदल दिया। आज बर्कशायर के पास Apple, Coca-Cola, Bank of America जैसी कंपनियों में बड़ी हिस्सेदारी है।
बफेट को उनकी दीर्घकालिक निवेश रणनीतियों और ‘वैल्यू इन्वेस्टिंग’ के लिए जाना जाता है। उन्होंने एक बार कहा था, “अगर आप 10 साल के लिए शेयर रखने को तैयार नहीं हैं, तो 10 मिनट के लिए भी मत खरीदिए।” उनके विचारों ने दुनियाभर के निवेशकों को मार्गदर्शन दिया है।
पढ़े ताजा अपडेट: Newswatchindia.com: Hindi News, Today Hindi News, Breaking
भावनात्मक विदाई
बर्कशायर की वार्षिक बैठक में जब बफेट ने इस्तीफे की घोषणा की, तो एक क्षण के लिए सन्नाटा छा गया। फिर पूरा हॉल तालियों की गूंज से भर गया। उपस्थित लोगों ने खड़े होकर उनका अभिनंदन किया। यह भावनात्मक क्षण उस विरासत का प्रतीक था जिसे बफेट ने छह दशकों में बनाया।
आगे क्या?
हालाँकि वॉरेन बफेट CEO पद से हट रहे हैं, लेकिन वे बर्कशायर के निदेशक मंडल में बने रह सकते हैं। उन्होंने संकेत दिया है कि कंपनी की दीर्घकालिक रणनीति में वह परोक्ष रूप से योगदान देते रहेंगे।
उनका कहना था, “मैंने हमेशा कहा है कि बर्कशायर मेरे बाद भी आगे बढ़ेगा। हमने इसकी नींव इतनी मजबूत बनाई है कि यह अगले 100 वर्षों तक टिकेगी।”
वॉरेन बफेट का इस्तीफा सिर्फ एक पद से नहीं, बल्कि एक युग के अंत की घोषणा है। उन्होंने यह दिखा दिया कि नेतृत्व केवल निर्णय लेने का नाम नहीं है, बल्कि एक दृष्टिकोण और जीवनशैली का हिस्सा है। अब बागडोर ग्रेग एबल के हाथों में है, और दुनिया देख रही है कि क्या वह इस विरासत को उतनी ही मजबूती से आगे ले जा पाएंगे।
Follow Us: हिंदी समाचार, Breaking Hindi News Live में सबसे पहले पढ़ें News watch indiaपर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट न्यूज वॉच इंडिया न्यूज़ लाइवपर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, न्यूज़ और Latest soprt Hindi News, से जुड़ी तमाम ख़बरें हमारा App डाउनलोड करें। YOUTUBE National। WhatsApp Channels। FACEBOOK । INSTAGRAM। WhatsApp Channel। Twitter।NEWSWATCHINDIA 24×7 Live TV