Winter Char Dham Yatra: चारधाम की शीतकालीन यात्रा बनी आकर्षण का केंद्र, श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या में बड़ा इजाफा
उत्तराखंड में शीतकालीन चारधाम यात्रा 2024-25 को मिला शानदार रिस्पांस, 77 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने किए देव दर्शन। यात्रा से GMVN को 12.82 करोड़ रुपये की बुकिंग का फायदा मिला। अब शीतकालीन यात्रा को एडवेंचर टूरिज्म से जोड़कर सर्किट विकसित करने की तैयारी शुरू।
Winter Char Dham Yatra: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा का 2025 सत्र आरंभ हो चुका है, लेकिन इस बार की शीतकालीन यात्रा (2024-25) ने एक नई मिसाल कायम की है। पारंपरिक रूप से अप्रैल से अक्टूबर तक चलने वाली चारधाम यात्रा अब सर्दियों में भी पूरे उत्साह के साथ आयोजित हो रही है। इस बार की शीतकालीन यात्रा को श्रद्धालुओं का जबरदस्त प्रतिसाद मिला, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार की बारहमासी चारधाम यात्रा की योजना कारगर सिद्ध हो रही है
77 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने किए देवदर्शन
उत्तराखंड पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, शीतकालीन यात्रा 2024-25 के दौरान कुल 77,093 श्रद्धालुओं ने चारधाम के शीतकालीन प्रवास स्थलों पर दर्शन किए। यह संख्या दर्शाती है कि अब श्रद्धालु कपाट बंद होने के बाद भी तीर्थाटन के लिए पहाड़ों का रुख कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 6 मार्च 2025 को मां गंगा के शीतकालीन स्थल मुखबा में दर्शन करना भी इस यात्रा को नया आयाम देने वाला साबित हुआ।
जीएमवीएन को मिला भारी आर्थिक लाभ
गढ़वाल मंडल विकास निगम (GMVN) को इस चार माह की अवधि में शीतकालीन यात्रा से 12.82 करोड़ रुपये की बुकिंग प्राप्त हुई। GMVN के अनुसार, यह अब तक की सबसे बेहतर कमाई मानी जा रही है, जो दर्शाती है कि श्रद्धालु ही नहीं, पर्यटक भी अब सर्दियों में उत्तराखंड आकर धार्मिक स्थलों के साथ-साथ हिमालयी सौंदर्य का आनंद ले रहे हैं।
धार्मिक पर्यटन को जोड़ेंगे एडवेंचर टूरिज्म से
GMVN अब शीतकालीन धार्मिक यात्रा को एडवेंचर टूरिज्म के साथ जोड़ने की योजना पर काम कर रहा है। वर्ष 2024-25 की सर्दियों में औली में स्कीइंग के लिए 55 पैकेज बुक हुए और इससे निगम को करीब डेढ़ करोड़ रुपये की आमदनी हुई। इस सफलता को देखते हुए निगम धार्मिक और साहसिक पर्यटन का सम्मिलित सर्किट तैयार करने की योजना बना रहा है, जिससे एक ही यात्रा में श्रद्धालु आस्था और रोमांच दोनों का अनुभव कर सकें।
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GMVN का विशेष फोकस मार्च-अप्रैल पर
GMVN के प्रबंध निदेशक विशाल मिश्रा ने बताया कि दिसंबर 2024 से मार्च 2025 के बीच जो उत्साह श्रद्धालुओं में देखने को मिला, वह दर्शाता है कि अब सर्दियों में भी उत्तराखंड एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन चुका है। निगम अब मार्च और अप्रैल के महीनों में विशेष तैयारी के साथ शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा देगा, ताकि कम समय में अधिक स्थलों की यात्रा संभव हो सके।
धार्मिक स्थलों पर पहुंची भक्तों की भीड़
इस शीतकाल में चारधाम के शीतकालीन स्थलों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।
बदरीनाथ धाम के पांडुकेश्वर में 25,950 श्रद्धालुओं ने भगवान कुबेर और उद्धव जी के दर्शन किए।
केदारनाथ के ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में 31,907 श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन हेतु पहुंचे।
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गंगोत्री धाम के मुखबा गांव में 16,269 भक्तों ने मां गंगा के दर्शन किए।
यमुनोत्री धाम के शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली (खुशीमठ) में इस बार 2,967 श्रद्धालुओं ने मां यमुना के दर्शन किए।
शीतकालीन यात्रा बनी स्थायी पहल का हिस्सा
उत्तराखंड सरकार अब इस पहल को दीर्घकालिक योजना का हिस्सा बनाना चाहती है, ताकि बारहमासी चारधाम यात्रा की अवधारणा को साकार किया जा सके। धार्मिक भावना, पर्यटन विकास और आर्थिक समृद्धि की दृष्टि से शीतकालीन यात्रा अब राज्य के लिए एक मजबूत स्तंभ के रूप में उभर रही है।
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