UP Ghaziabad News: नाबालिग पर हुआ अत्याचार, सत्ताधीशों के साए में डगमगाती न्याय की डोर
A minor was tortured, the thread of justice is faltering in the shadow of those in power
UP Ghaziabad News: गाजियाबाद के खोड़ा थाना क्षेत्र में एक ऐसा वाकया सामने आया जिसने समाज की संवेदनाओं को झकझोर दिया। 4 तारीख को लोधी चौकी के अंतर्गत एक मासूम नाबालिग के साथ कुछ युवक दरिंदगी पर उतर आए। उन अराजक तत्वों ने न केवल उस बच्चे के साथ अभद्रता की, बल्कि इस अमानवीय कृत्य का वीडियो बनाकर उसे सार्वजनिक कर दिया, जैसे कि इंसानियत को ही बेपर्दा कर रहे हों।
8 तारीख को जब पीड़ित के परिजनों ने समाज के कहने पर हिम्मत जुटाई और थाने का दरवाजा खटखटाया, तब जाकर यह मामला पुलिस के संज्ञान में आया। खोड़ा थाने की पुलिस ने तुरंत हरकत में आते हुए कुछ लोगों को हिरासत में लिया, परंतु यह कार्यवाही कितनी निष्पक्ष है, इस पर संदेह का काला साया मंडरा रहा है।
जनमानस में यह बात फैल रही है कि पुलिस पर सत्ता के दलालों का दबाव है, जिसके चलते असली दोषी बेखौफ घूम रहे हैं और निर्दोषों को जबरन फंसाया जा रहा है। और तो और, पत्रकारों को भी थाने के भीतर पैर रखने की अनुमति नहीं दी जा रही, जैसे कि हवालात में बैठे लोगों की सच्चाई भी अब सत्ता के रहमोकरम पर निर्भर हो गई हो।
इस घिनौनी घटना ने खोड़ा थाने की पुलिस की कार्यशैली पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या पुलिस सचमुच इंसाफ की लड़ाई लड़ रही है, या फिर वह भी सत्ताधारियों की कठपुतली बन गई है?
यह देखना दिलचस्प होगा कि न्याय का यह खेल कहां जाकर रुकता है—क्या मासूम की चीखें किसी इंसाफ की दस्तक बनेंगी, या फिर यह भी एक अनसुनी कहानी बनकर रह जाएगी? पुलिस की अगली चाल पर पूरे शहर की नजर है, लेकिन फिलहाल तो यही कहा जा सकता है कि गाजियाबाद में इंसाफ की डोर सत्ता के साए में कमजोर पड़ती दिख रही है।
वहीं इस पूरे मामले में अभी तक पुलिस के आला अधिकारियों का नहीं आया कोई भी आधिकारिक बयान, पुलिस से बात करने पर पुलिस ने बताया कि जो इस मामले में दोषी है उसको जेल भेजा जाएगा लेकिन अभी तक मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है,