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FIRE IN WORLD AYURVEDA CONFERENCE: देहरादून में विश्व आयुर्वेद सम्मेलन में लगी भयंकर आग, कर्मचारियों की सक्रियता से टला बड़ा हादसा

FIRE IN WORLD AYURVEDA CONFERENCE: देहरादून में आयोजित विश्व आयुर्वेद सम्मेलन के स्थल पर भयंकर आग लग गई, जिससे अफरा-तफरी मच गई। आग रसोई कॉर्नर में रखे गैस सिलेंडर में लगी थी, लेकिन कर्मचारियों की तत्परता और सक्रियता के कारण एक बड़ा हादसा टल गया।

FIRE IN WORLD AYURVEDA CONFERENCE: देहरादून, उत्तराखंड: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में आयोजित विश्व आयुर्वेद सम्मेलन और आरोग्य एक्सपो के दौरान शनिवार को एक बड़ा हादसा होते-होते बचा। परेड ग्राउंड में चल रहे इस महत्वपूर्ण आयोजन के दूसरे दिन रसोई कॉर्नर में अचानक आग लग गई, जिससे अफरा-तफरी मच गई।

आग लगने का कारण रसोई कॉर्नर में रखे गैस सिलेंडर के फटने के कारण था, जिसके चलते तंबू और वहां रखा गया सामान जलकर राख हो गया। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि देखते ही देखते वहां खड़े लोग घबराए और भगदड़ मच गई। हालांकि, समय रहते कर्मचारियों और सुरक्षा कर्मियों की सक्रियता से बड़ी घटना होने से बच गई। सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत अग्निशमन कर्मचारियों को सूचित किया और आग पर काबू पाने के प्रयास शुरू कर दिए।

आग लगने की घटना

सूचना मिलते ही कार्यक्रम स्थल पर तैनात फायर ब्रिगेड की गाड़ी भी मौके पर पहुंची, और कई अग्निशमन कर्मियों ने 8 से 10 दमकलों का उपयोग करके आग बुझाई। गनीमत यह रही कि जिस स्थान पर आग लगी थी, वह मुख्य कार्यक्रम स्थल से काफी दूर था। इस कारण मुख्य आयोजन पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। इसके अलावा कर्मचारियों ने इतनी तत्परता दिखाई कि आग दूसरे टेंट तक फैलने से पहले उसे काबू कर लिया गया।

इस घटना के बाद सम्मेलन स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था की सराहना की गई, और आग की चपेट में आने से कार्यक्रम में शामिल 7,000 से अधिक डेलीगेट्स और आगंतुकों को किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ। आयोजन स्थल के समीप रसोई कॉर्नर में रखे गैस सिलेंडर में आग लगने की जानकारी सामने आई, जिससे वहां स्थित तंबू और अन्य सामान पूरी तरह जलकर राख हो गए।

बता दें कि देहरादून में आयोजित यह चार दिवसीय विश्व आयुर्वेद सम्मेलन एवं आरोग्य एक्सपो का आयोजन आयुष मंत्रालय और राज्य सरकार की साझेदारी से किया जा रहा है। सम्मेलन का उद्घाटन उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय राज्य आयुष मंत्री प्रताप राव ने किया था। इस सम्मेलन में लगभग 7,000 डेलीगेट्स भाग ले रहे हैं, जिनमें 54 देशों से 350 से अधिक डेलीगेट्स शामिल हैं।

बड़ा नुकसान टला

इस सम्मेलन के दौरान भारत और दुनिया भर के प्रमुख आयुर्वेदिक चिकित्सक, फार्मा कंपनियों और उद्योग के प्रतिनिधि अपने-अपने उत्पादों और सेवाओं की प्रदर्शनी लगा रहे हैं। साथ ही, सम्मेलन में निःशुल्क आयुष शिविर का आयोजन भी किया गया है, जिससे आम जनता को आयुर्वेद से संबंधित उपचार और सलाह मिल रही है।

आग की घटना के बावजूद, सम्मेलन का आयोजन सफलता की ओर बढ़ रहा है और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर आयोजकों ने गंभीरता से कदम उठाए हैं। इस हादसे ने आयोजकों और सुरक्षा टीम को और अधिक सतर्क रहने की प्रेरणा दी है, ताकि भविष्य में इस तरह की किसी भी अप्रत्याशित घटना को रोका जा सके।

Mansi Negi

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