कुशीनगर: हिन्दुस्तानी दूल्हा और रशियन दुल्हन और इस शादी में लिये गये सात फेरों के साक्षी बने चार देशों के बाराती। जी हां, यूपी के कुशीनगर में हुई यह शादी इन दिनों सुर्खियों में है। जिसमें ना केवल सरहदों की दीवारें गिर गईं, बल्कि ये साबित हो गया कि अगर प्यार सच्चा है तो जाति, मजहब और सरहद की दीवारें भी बेमायनी हो जाती हैं। यहां हम आपको ऐसी ही शादी से रुबरु करा रहे हैं।
लाल जोड़े में पिया मिलन की आस लिए तीन देशों की सरहद लांघ आई है रशिया की जारा उर्फ डा. जया सिंह जब कुशीनगर के रहने वाले डॉ. दीपक सिंह से ब्याह रचाने दुल्हन के रुप में यहां पहुंची, तो हर कोई हैरान था, क्योंकि जिले में पहली बार कोई सरहद पार की दुल्हन खुद हिन्दुस्तानी बहू बनने कई देशों की दीवारें लांघ आई।
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कुशीनगर के मंगलपुर गांव के रहने वाले दीपक मेडिकल की पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रिया पहुंचे थे, जहां उनकी जारा (अब डॉ. जया सिंह ) से उनकी आंखें चार हुईं। दोनों की नजदीकियां बढ़ी और फिर मोहब्बत के आगे सरहदों की दीवारें छोटी पड़ गईं। ऑस्ट्रिया के एलेनिया स्टेट की रहने वाली जारा ने जब सब कुछ छोड़ दीपक के साथ जीवन का सफर तय करने का निर्णय लिया तो दीपक ने भी आगे बढ़कर जारा का हाथ थाम लिया।
दिलचस्प बात ये रही कि दूल्हा दुल्हन तो हिन्दुस्तानी और रशियन रहे। मगर दुल्हन का साथ देने पहुंचे इजरायल के रहने वाले उनके दोस्त डेनियल अल्फांसो भी यहां आये जो हिन्दुस्तानी वेडिंग के मुरीद हो गए।