Uttarakhand owes Rs 200 crore to the Air Force: उत्तराखंड पर 200 करोड़ की वायुसेना की देनदारी, 80 हजार करोड़ के कर्ज में डूबी सरकार पर बढ़ा संकट
उत्तराखंड पर 200 करोड़ की वायुसेना की देनदारी, 80 हजार करोड़ के कर्ज में डूबी सरकार पर बढ़ा संकट
Uttarakhand owes Rs 200 crore to the Air Force: उत्तराखंड सरकार इन दिनों एक बड़े आर्थिक संकट का सामना कर रही है। राज्य पर पहले से ही 80 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है, और अब वायुसेना का भी 200 करोड़ रुपये बकाया हो चुका है। उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन विभाग को भारतीय वायुसेना द्वारा भेजे गए तीन पत्रों में इस देनदारी की याद दिलाई गई है। इन पत्रों में वायुसेना ने राज्य सरकार से बकाया राशि की तत्काल मांग की है, जिससे उत्तराखंड सरकार पर आर्थिक दबाव बढ़ गया है।
वायुसेना के 200 करोड़ रुपये का बकाया
उत्तराखंड पर वायुसेना का कुल 2,08,67,23,632 रुपये (लगभग 200 करोड़) का बकाया है। यह राशि मुख्य रूप से उन सेवाओं का भुगतान है जो वायुसेना ने राज्य में आपदा राहत और अन्य सरकारी कार्यों के दौरान दी थीं। उत्तराखंड एक सैन्य बाहुल्य प्रदेश है, जहां सैनिक गतिविधियां और आपदाओं के दौरान राहत कार्यों में वायुसेना का व्यापक सहयोग प्राप्त होता है। लेकिन राज्य स्थापना के बाद से ही इस राशि का भुगतान बकाया होता चला गया है, जिससे यह बकाया 200 करोड़ के स्तर तक पहुंच गया है।
तीन पत्र भेज चुकी है वायुसेना, पर राज्य सरकार से अब तक नहीं हुआ भुगतान
वायुसेना ने हाल ही में उत्तराखंड सरकार को एक के बाद एक तीन पत्र भेजे हैं। पहला पत्र 27 अगस्त 2024 को भेजा गया था, जिसमें बकाया राशि की मांग की गई थी। इसके बाद, 18 सितंबर और 19 सितंबर 2024 को दो और पत्र भेजे गए, जिनमें बकाया राशि के भुगतान पर जोर दिया गया। इन पत्रों के बाद उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठने लगे हैं, और अधिकारी इस राशि के भुगतान के लिए योजना बनाने में जुटे हैं।
आपदा प्रबंधन विभाग का कहना – केवल हमारा बकाया नहीं है
आपदा प्रबंधन विभाग का मानना है कि वायुसेना का बकाया केवल उनके विभाग से संबंधित नहीं है। अन्य विभागों से जुड़े हुए खर्चों को भी आपदा प्रबंधन विभाग के खाते में जोड़ दिया गया है। इसके चलते आपदा प्रबंधन विभाग ने पर्यटन, लोक निर्माण विभाग, सैनिक कल्याण और सामान्य प्रशासन जैसे अन्य विभागों को भी पत्र लिखकर इस बकाया में योगदान देने की अपील की है।
राहत और बचाव कार्यों के लिए 43 करोड़ का बकाया, आपदा प्रबंधन ने 24 करोड़ चुकाए
आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा राहत और बचाव कार्यों के लिए वायुसेना को 67 करोड़ रुपये की राशि चुकाई जानी थी, जिसमें से 24 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। अब भी 43 करोड़ रुपये का भुगतान बकाया है। बाकी बकाया राशि अन्य विभागों से जुड़े कार्यों के लिए है, जिसके लिए अब राज्य सरकार ने इन विभागों से भी राशि वसूलने की योजना बनाई है।
200 करोड़ रुपये के पुराने बिलों की सत्यापन की प्रक्रिया जटिल
वायुसेना द्वारा भेजे गए 200 करोड़ रुपये के बिल में कई खर्चे पिछले 20 सालों के हैं। ऐसे में इन बिलों की सत्यापन की प्रक्रिया भी कठिन साबित हो रही है। राज्य सरकार अब इन बिलों की सत्यापन प्रक्रिया शुरू कर रही है, ताकि देनदारी को सही तरीके से निपटाया जा सके।
भारत सरकार से कर्ज माफी के प्रयास
उत्तराखंड सरकार अब इस बकाया राशि की भरपाई करने के लिए केंद्र सरकार से मदद लेने की योजना बना रही है। राज्य सरकार का उद्देश्य है कि आपदा प्रबंधन विभाग से जुड़े राहत और बचाव कार्यों के लिए केंद्र सरकार से राहत राशि या कर्ज माफी की गुहार लगाई जाए। इसके अलावा, वायुसेना द्वारा दिए गए बिलों का सत्यापन कर यह तय किया जा रहा है कि कितना बकाया सही रूप से राज्य के खाते में जोड़ा जा सकता है।
80 हजार करोड़ के कर्ज में डूबा है उत्तराखंड
उत्तराखंड पर पहले से ही 80 हजार करोड़ का कर्ज है, जो राज्य के वित्तीय स्वास्थ्य के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है। राज्य गठन के समय उत्तराखंड पर लगभग 4,500 करोड़ रुपये का कर्ज था, जो कि बीते सालों में बढ़कर 80 हजार करोड़ हो गया है। ऐसे में वायुसेना का 200 करोड़ का बकाया भुगतान करना राज्य के लिए एक कठिन चुनौती बन गया है। इस वित्तीय दबाव के चलते मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार भी इस समस्या को हल करने के लिए विभिन्न उपायों पर विचार कर रही है।
विशेषज्ञों की राय
उत्तराखंड पर 200 करोड़ रुपये की वायुसेना की देनदारी पर वरिष्ठ पत्रकार नीरज कोहली का कहना है कि सेना का सहयोग उत्तराखंड के लिए अहम है। राज्य में अक्सर आपदाएं आती रहती हैं और ऐसे समय में सेना का सहयोग बेहद महत्वपूर्ण होता है। इस मामले में राज्य सरकार को वायुसेना का बकाया भुगतान समय पर करना चाहिए ताकि आपदा राहत कार्यों में कोई बाधा न आए। विशेष रूप से जब राज्य का आपदा प्रबंधन पूरी तरह सेना के सहयोग पर निर्भर है, ऐसे में सरकार को वायुसेना के साथ तालमेल और आपसी विश्वास बनाए रखने के लिए इस मसले पर गंभीरता से विचार करना होगा।
उत्तराखंड सरकार के सामने बड़ी चुनौती
उत्तराखंड सरकार के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती है कि वह वायुसेना का 200 करोड़ का बकाया कैसे चुकाए। वर्तमान आर्थिक संकट और 80 हजार करोड़ के कर्ज के दबाव में, राज्य सरकार के पास सीमित संसाधन बचे हैं। सरकार का यह प्रयास होगा कि अन्य विभागों के साथ मिलकर इस राशि का प्रबंधन किया जाए और केंद्र सरकार से राहत के लिए बात की जाए। वायुसेना के साथ संबंधों में विश्वास बनाए रखने और आपदा राहत कार्यों में सेना का समर्थन सुनिश्चित करने के लिए, राज्य सरकार के लिए इस बकाया राशि का शीघ्र भुगतान करना अति आवश्यक है।
इस प्रकार, उत्तराखंड के वित्तीय संकट और वायुसेना की देनदारी के इस मुद्दे ने राज्य सरकार के समक्ष गंभीर चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। राज्य के लिए यह आवश्यक हो गया है कि वह इस संकट से निपटने के लिए समग्र और समर्पित प्रयास करे ताकि भविष्य में ऐसे कर्ज और देनदारियों से बचा जा सके।