राम मंदिर के लिए रामलला की मूर्ति बनाने वाले प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज को अमेरिका ने वीजा देने से इनकार कर दिया है। अरुण योगीराज को अमेरिका के वर्जीनिया के रिचमंड कन्वेंशन सेंटर में आयोजित होने वाली 12वीं AKKA वर्ल्ड कन्नड़ कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था, जो 30 अगस्त से 1 सितंबर के बीच आयोजित होनी थी। हालांकि, अमेरिका ने उन्हें वीजा देने से मना कर दिया और इसके लिए कोई ठोस वजह भी नहीं बताई गई।
परिवार की निराशा और अप्रत्याशित निर्णय
मूर्तिकार अरुण योगीराज के परिवार ने इस फैसले पर गहरी निराशा जताई है। उनके परिवार के अनुसार, अरुण की पत्नी विजेता पहले भी अमेरिका जा चुकी हैं, इसलिए अरुण को वीजा देने से इनकार करना काफी अप्रत्याशित है। अरुण योगीराज ने बताया कि उन्होंने अमेरिका जाने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली थीं और वीजा से संबंधित सभी दस्तावेज भी जमा कर दिए थे।
रामलला की मूर्ति बनाने के बाद मिली प्रसिद्धि
इस साल की शुरुआत में अयोध्या में बन रहे राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस मंदिर में भगवान रामलला की जो मूर्ति स्थापित की गई है, उसे अरुण योगीराज ने तैयार किया था। हालांकि, अरुण की कई पीढ़ियां मूर्तियां बनाने के काम में लगी रही हैं, लेकिन रामलला की मूर्ति बनाने के बाद अरुण योगीराज देश-विदेश में काफी प्रसिद्ध हो गए।
मूर्ति में विशेषता और ईश्वरीय चमत्कार
रामलला की मूर्ति के बारे में बात करते हुए अरुण योगीराज ने बताया था कि जब मूर्ति बनाई गई थी, तब वह अलग दिखती थी, लेकिन प्राण प्रतिष्ठा के बाद भगवान ने अलग रूप ले लिया। अरुण का कहना था कि वह खुद मूर्ति को नहीं पहचान सके जिसे उन्होंने सात महीने तक मेहनत से तैयार किया था। गर्भगृह में प्रवेश करते ही मूर्ति का स्वरूप बदल गया, जिसे अरुण ने ईश्वरीय चमत्कार बताया।
ट्रस्ट की विशेष मांगें और मूर्ति का निर्माण
रामलला की मूर्ति बनाने की जिम्मेदारी मिलने के बाद, अरुण योगीराज को राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा मूर्ति की विशेषताओं के बारे में निर्देश दिए गए थे। ट्रस्ट ने चार मुख्य चीजें बताई थीं: मुस्कुराता हुआ चेहरा, पांच साल के बच्चे जैसा स्वरूप, युवराज जैसा चेहरा, और दिव्य दृष्टि। इन सभी निर्देशों को ध्यान में रखते हुए अरुण योगीराज ने सात महीने की कड़ी मेहनत के बाद रामलला की मूर्ति तैयार की।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा
रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को अयोध्या में की गई थी। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई महत्वपूर्ण हस्तियां उपस्थित थीं। इस समारोह को देश-विदेश के लाखों-करोड़ों लोगों ने लाइव देखा, और यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक घटना बन गई।
अमेरिका द्वारा अरुण योगीराज को वीजा देने से इनकार करना एक अप्रत्याशित और निराशाजनक घटना है। अरुण योगीराज, जिन्होंने अयोध्या के राम मंदिर में भगवान रामलला की मूर्ति तैयार की है, एक महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे। यह घटना इस बात की याद दिलाती है कि अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं और वीजा प्रक्रियाओं में कई बार अप्रत्याशित बाधाएं आ सकती हैं, जो किसी भी व्यक्ति के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती हैं।